वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री को जीएसटी में राजस्व को बढ़ाने तथा कर-चोरी कम करने के लिए सुझाव दिए हैं।
डॉ अग्रवाल ने ऐसे मामलों में जहाँ केन्द्रीय कर प्रशासन के अंतर्गत पंजीकृत व्यापारियों के सम्बन्ध में कोई प्रवर्तन सम्बन्धी कार्यवाही राज्य कर प्राधिकारियों द्वारा की जाती है तो इन व्यापारियों का पंजीयन निलंबित किये जाने का अधिकार राज्य कर प्राधिकारियों को दिए जाने का अनुरोध किया गया है ताकि फर्जी पंजीयन प्राप्त करने वाले व्यापारियों पर त्वरित कार्यवाही करना संभव हो सके और कर चोरी करने वाली फर्मे राजस्व हानि न कर पायें। उन्होंने कहा है कि ऐसे मामलों में राज्य कर प्रशासन के अंतर्गत पंजीकृत व्यापारियों के सम्बन्ध में समान अधिकार केन्द्रीय कर प्रशासन को भी दिए जाने का निवेदन किया गया है।
डॉ अग्रवाल ने कर-चोरी की मंशा से माल का परिवहन करने वाले वाहन कई बार टोल प्लाजा से नहीं आते हैं या किसी अन्य स्थान पर माल डिलीवर कर दिया जाता है या एक ही ई-वे बिल का बार-बार प्रयोग किया जाता है। इसे रोकने के लिए मालवाहक वाहनों की ट्रैकिंग करने हेतु जीपीएस तथा सैटेलाइट आधारित टोल सिस्टम का उपयोग किये जाने तथा इस डाटा का एकीकरण ई-वे बिल के डाटा से किये जाने का अनुरोध किया गया है। इससे माल के परिवहन की वर्तमान कमियों को दूर किया जाना संभव हो सकेगा।
डॉ अग्रवाल ने जीएसटी प्रणाली में सूचना के आदान-प्रदान के महत्व को देखते हुए यह अनुरोध किया है कि आयकर विभाग से पैन (PAN) आधारित डाटा API के माध्यम से राज्य कर विभाग को उपलब्ध कराया जाए ताकि इस डाटा का उपयोग जीएसटी में घोषित विवरणों की जांच सहित फर्जी पंजीयनों की जांच के लिए भी किया जा सके।
डॉ अग्रवाल ने यह आशा व्यक्त की है कि इन समस्त सुझावों के क्रियान्वयन से जीएसटी में राजस्व वृद्धि संभव हो पायेगी तथा केंद्र व समस्त राज्य समान रूप से लाभान्वित होंगे।
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