Big breaking :-फर्जी महिला डॉक्टर बनकर ब्लैकमेल, फर्जी दस्तावेजों, और सरकारी एजेंसियों के नाम का गलत उपयोग कर फ़र्ज़ीवाड़ा करने वाले गिरोह का सरगना गिरफ्तार - News Height
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Big breaking :-फर्जी महिला डॉक्टर बनकर ब्लैकमेल, फर्जी दस्तावेजों, और सरकारी एजेंसियों के नाम का गलत उपयोग कर फ़र्ज़ीवाड़ा करने वाले गिरोह का सरगना गिरफ्तार

 

*उत्तराखंड एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई*-
*फर्जी महिला डॉक्टर बनकर भावनात्मक ब्लैकमेल, फर्जी दस्तावेजों, और सरकारी एजेंसियों के नाम का गलत उपयोग कर *50 लाख की साइबर ठगी करने वाला गिरोह सरगना न्यू उस्मानपुर दिल्ली से गिरफ्तार।*

 *उत्तराखण्ड एसटीएफ के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून द्वारा साईबर धोखाधडी के सरगना 01 अभियुक्त को गैर राज्य न्यू उस्मानपुर दिल्ली से किया गिरफ्तार ।*
 *पीडितों को झांसे में लेने हेतु सोशल मीडिया प्लेटफार्म का किया जाता था प्रयोग ।*
 *पीडितों को फेसबुक, व्हाट्सएप, कॉल और मैसेज के जरिए अधिक मुनाफे का लालच देकर की जा रही थी धोखाधडी ।*
 *विवेचना के दौरान यह तथ्य भी प्रकाश में आया है कि अभियुक्त के द्वारा फर्जी आधार कार्ड बनाकर विभिन्न बैंकों में करंट व अन्य प्रकार के बैंक खाता खुलवाकर उनकी प्रतिदिन धनराशि निकासी की लिमिट बढ़वाकर इन बैंक खातों को अन्य साइबर अपराधियों को धोखाधड़ी कर पीड़ितों से पैसा प्राप्त करने हेतु प्रयोग में लाने के लिए मुंह मांगे दामों पर बेचा जा रहा है। इस अभियोग में अभियुक्त द्वारा 15 से अधिक बैंक खातों को फर्जी तरीके से खुलवाकर घटना में प्रयोग किया जाना प्रकाश में आया है।*
 *ठगी हेतु प्रयोग किये गये खाते में नवंबर 2024 से दिसंबर 2024 तक कुछ माह में ही लाखों रूपये का लेनदेन होना आया है प्रकाश में ।*

 अभियुक्त से घटना में प्रयुक्त एक अदद मोबाइल फोन बरामद ।

*श्रीमान पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड, श्री दीपम सेठ के दिशा निर्देशन में साईबर धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करते हुये साईबर पीड़ितो को न्याय दिलाया जा रहा है ।*

*वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0, श्री नवनीत सिंह* द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि एक प्रकरण, जनपद देहरादून निवासी पीड़ित द्वारा माह दिसंबर में दर्ज कराया गया था, जिसमें उनके द्वारा माह नवंबर 2024 में सोशल मीडिया पर फ़्रेंड रिक्वेस्ट मिली जो महिला डॉ. लवेत गिब्सन के नाम से था। जिसने स्वयं को IGI एयरपोर्ट का कस्टम ऑफिसर बताकर, व RBI, Finance Ministry और अन्य सरकारी कर्मचारियों का प्रतिरूपण कर पीड़ित से फर्जी बैंक खातों पर मोटी धनराशि स्थानांतरित करवाकर लाभ अर्जित किया जाता था। शिकायतकर्ता को फर्जी महिला डॉक्टर और उसके भावनात्मक ब्लैकमेल, फर्जी दस्तावेजों और सरकारी एजेंसियों के नाम का गलत उपयोग कर अभियुक्त द्वारा सोशल प्लेटफार्म के माध्यम से उपलब्ध कराये गये विभिन्न बैंक खातो में लगभग 50 लाख रुपये की धनराशी धोखाधड़ी से जमा करायी गयी ।

प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत *वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड के दिशा निर्देशन में मामले का प्रवेक्षण पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा मिश्रा एवं विवेचना श्री विकास भारद्वाज निरीक्षक साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन, देहरादून के सुपुर्द कर अभियोग के शीघ्र अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये ।* साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/ रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बरों / व्हाट्सअप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनियों, मेटा कम्पनी से पत्राचाकर कर डेटा प्राप्त किया गया। प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि साईबर अपराधियो द्वारा घटना में पीड़ित से कस्टम ऑफिसर अन्य सरकारी कर्मचारियों का प्रतिरूपण कर के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में धनराशि स्थानान्तरित करवायी गयी ।

विवेचना के दौरान साईबर थाना पुलिस टीम द्वारा अभियोग में प्रकाश में आए बैंक खातों तथा मोबाइल नम्बरों का सत्यापन किया गया । पुलिस टीम द्वारा तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर घटना के मास्टर मांइड व मुख्य आरोपी ओम शर्मा पुत्र राजकुमार शर्मा निवासी राम पार्क ,पुलिस स्टेशन लोनी, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश जिसके द्वारा बैंको का खाता प्रयोग कर पिड़ित से भावनात्मक ब्लैकमेल कर कुल 50 लाख रूपये धोखाधड़ी से स्थानान्तरित करवााये गये को चिन्ह्ति करते हुये अभियुक्त की तलाश जारी की । साईबर टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुये साक्ष्य एकत्रित कर अभियोग में प्रकाश में आये अभियुक्त ओम शर्मा पुत्र राजकुमार शर्मा उपरोक्त को पुलिस स्टेशन न्यू उस्मानपुर दिल्ली से गिरफ्तार किया गया । तलाशी में अभियुक्त से घटना में प्रयुक्त एक अदद मोबाइल बरामद हुआ ।

*अपराध का तरीका*
अभियुक्त द्वारा फर्जी आईडी पर लिए गए सिम का प्रयोग कर कस्टम अधिकारी बनकर व अन्य सरकारी कर्मचारियों का प्रतिरूपण कर पीड़ितों को उनके मोबाइल नंबर पर कॉल कर फर्जी बैंक खातों पर मोटी धनराशि स्थानांतरित कर लाभ अर्जित किया जाता था । अभियुक्त द्वारा धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातों में प्राप्त कर उक्त धनराशि को अन्य खातों में स्थानान्तरण कर दिया जाता था । अभियुक्त के द्वारा बैंको के खाते में कुछ माह के अन्दर विवेचना के दौरान लाखों का संदिग्ध लेन-देन भी होना पाया गया है।

प्रारम्भिक पूछताछ में अभियुक्त ने साईबर अपराध हेतु जिन बैंक खातों को बेचा गया है उसमें मात्र 2-4 माह में ही लाखों रूपयों का लेन-देन होना प्रकाश में आया है । जाँच में यह भी प्रकाश में आया है कि अभियुक्तगण के बैंक खाते के विरुद्ध देश के कई राज्यों में *कुल 04 साईबर अपराधों की शिकायतें निम्नवत दर्ज हैं* । जिसके सम्बन्ध में जानकारी हेतु अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क किया जा रहा है ।

S.NO Acknowledgement No State District Police Station
1 21412240011406 JAMMU & KASHMIR KULGAM KULGAM
2 23112240152385 UTTAR PRADESH RAMABAI NAGAR MANGALPUR
3 21912240133814 MAHARASHTRA THANE CITY BHIWANDI CITY
4 31112240200157 GUJARAT THANE CITY MUMBRA –

*गिरफ्तार व्यक्तियों के नाम व पता* – ओम शर्मा पुत्र राजकुमार शर्मा निवासी मकान नंबर F 1320, राम पार्क गिरफ्तारी का स्थान- पुलिस स्टेशन लोनी, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश

*बरामदगी* –
1- 01 अदद मोबाइल फोन ,

*गिरफ्तारी पुलिस टीम-*
1- निरीक्षक श्री विकास भारद्वाज
2- उपनिरीक्षक श्री राजीव सेमवाल
3- कानि0 श्री शादाब अली
4- कानि श्री मोहित जोशी

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Author: Swati Panwar
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