2019 में आंख में दिक्कत, 2021 में मेंटल इलनेस फिर 2022 में… पूजा खेडकर के फेक मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने की क्रोनोलॉजी
पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से बीमार होने का प्रमाण पत्र जमा करके यूपीएससी परीक्षा में हिस्सा लिया था. उसके आधार पर विशेष रियायतें पाकर वो आईएएस बनीं. यदि उन्हें यह रियायत नहीं मिलती तो उनके लिए प्राप्त अंकों के आधार पर आईएएस पद प्राप्त करना असंभव होता.
पूजा पर आरोप है कि चयन के बाद पूजा को मेडिकल जांच से गुजरना था, लेकिन उन्होंने इसे टाल दिया. उन्होंने विभिन्न कारणों से छह बार मेडिकल परीक्षण से इनकार कर दियामहाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. पहले LBSNAA ने उनका ट्रेनिंग प्रोग्राम रद्द कर दिया तो अब UPSC ने उनके खिलाफ FIR दर्ज करा दी है. इसके अलावा सिविल सेवा परीक्षा 2022 से उनकी उम्मीदवारी क्यों न रद्द की जाए और भविष्य की परीक्षाओं से उन्हें क्यों न रोका जाए के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. दरअसल, पूजा खेडकर पर जालसाजी और धोखाधड़ी करके UPSC एग्जाम क्लीयर करने का आरोप है. उनके खिलाफ पुलिस ने गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है.
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पूजा खेडकर ने कैसे देश की सबे बड़ी परीक्षा में धांधली कर ली और क्यों किसी को भनक तक नहीं ली. इसके लिए पूजा द्वारा किए गए पूरे खेल की क्रोनोलॉजी समझने की जरूरत है. कारण, पूजा खेडकर ने एक या दो बार नहीं, बल्कि तीन बार मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाया, जिसके आधार पर उन्हें परीक्षा में मिलने वाले कोटे का लाभ मिल सका. इसके अलावा उन पर जन्मतिथि और अलग-अलग नाम से फॉर्म भरने जैसे भी आरोप हैं.
यहां समझें मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने की पूरी क्रोनोलॉजी-
2019 में पूजा खेडकर ने व्हिज्युअली इम्पेयर्ड यानी दृष्टीदोष का सर्टिफिकेट अहमदनगर जिला अस्पताल से बनवाया था.
– इसके बाद 2021 उन्होंने मेंटल इलनेस होने की बात करते हुए जांच कराई और दृष्टीदोष के साथ-साथ मेडिकल सर्टिफिकेट में मेंटल इलनेस भी मेंशन करा ली.
2022 मे UPSC परीक्षा देने के लिए उन्हें मल्टीपल डिसेबिलिटी यानी एक से अधिक अंग में परेशानी साबित करनी थी. इसके लिए उन्होंने पिंपरी चिंचवड के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल में ऑनलाइन फॉर्म भर दिया. यहां अस्पताल ने उनके बाएं घुटने में लिगामेंट टेअर (Locomotor Disability about 7%) दिखाया. इससे उनकी ऑनलाइन आईडी जनरेट हो गई.
– पूजा खेडकर ने मल्टीपल डिसेबिलिटीज दिखाने के लिए औंध के अस्पताल में चक्कर लगाया, लेकिन ऑनलाइन रिकॉर्ड दिखने के वजह से उन्हे सर्टिफिकेट नहीं दिया गया.
– हालांकि यशवंतराव चव्हाण द्वारा जारी मेडिकल सर्टिफिकेट के बाद पूजा खेडकर UPSC के लिए मल्टीपल डिसेबिलिटी के लिए पात्र हो गईं.
– YCM के सर्टिफिकेट के आधार पर केंद्र सरकार के दिव्यांग मंत्रालया ने पूजा को प्रमाणपत्र दिया. इसी के आधार पर उन्होंने UPSC अटेंप्ट दिया और पास हो गईं.
YCM से मेडिकल सर्टिफिकेट लेने के लिए गलत पता दिया
अब यह जानकारी सामने आई है कि यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल से सर्टिफिकेट लेते समय पूजा ने अपना गलत एड्रेस दिया था. उन्होंने पिंपरी चिंचवड की निवासी होने का फेक राशन कार्ड दिखाया था. उस पर पता- प्लॉट नंबर 53, तलवड़े, देहु आलंदी रोड, पिंपरी चिंचवड लिखा था. इस एड्रेस पर थर्मोवेरिटा नाम की बंद कंपनी है. और ये कंपनी की प्रॉपर्टी मनोरमा खेडकर के नाम पर है. प्रशासन ने इस प्रॉपर्टी को जब्त कर लिया है. यानी पूजा द्वारा फेक एड्रेस प्रूफ देकर मल्टीपल डिसेबिलिटीज सर्टिफिकेट लिया गया था. इंडस्ट्रियल एरिया होते हुए इस एड्रेस पर दिलीप खेडकर के नाम से फर्जी राशन कार्ड बनवाया गया था.
नाम और उम्र को लेकर भी उठ रहे सवाल
सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल एप्लीकेशन फॉर्म 2020 और 2023 में पूजा के नाम व उम्र में अंतर नजर आए. 2020 में आवेदन के समय डॉ. पूजा दिलीपराव और उम्र 30 वर्ष लिखी. इसके बाद 2023 के आवेदन में अपना नाम बदलकर मिस पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर कर लिया और उम्र 31 वर्ष बताई. यानी तीन साल में सिर्फ 1 साल बढ़ी उम्र. खेडकर ने 2020 और 2023 के कैट आवेदन फॉर्म में खुद के लिए बेंचमार्क दिव्यांगता वाले व्यक्तियों के लिए ऊपरी आयु सीमा में छूट मांगी थी.
इसके साथ ही 2020 में पूजा ने पहले अपने नाम के साथ पिता का नाम दिलीप राव जोड़कर लिखा, जबकि 2023 में पिता नाम हटाया और माता का नाम मनोरमा जोड़कर मिस पूजा मनोरमा लिखा. उन्होंने अपने नाम से डॉ. का टाइटल भी हटा लिया. वहीं यूपीएससी की FIR में उनका नाम मिस पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर बताया गया है. आयोग ने अपनी एफआईआर में यूपीएससी 2022 की उम्मीदवार मिस पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर की जांच गई है.
इसलिए विवादों में घिरीं पूजा खेडकर
पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से बीमार होने का प्रमाण पत्र जमा करके यूपीएससी परीक्षा में हिस्सा लिया था. उसके आधार पर विशेष रियायतें पाकर वो आईएएस बनीं. यदि उन्हें यह रियायत नहीं मिलती तो उनके लिए प्राप्त अंकों के आधार पर आईएएस पद प्राप्त करना असंभव होता. पूजा पर आरोप है कि चयन के बाद पूजा को मेडिकल जांच से गुजरना था, लेकिन उन्होंने इसे टाल दिया. उन्होंने विभिन्न कारणों से छह बार मेडिकल परीक्षण से इनकार कर दिया. बाद में बाहरी मेडिकल एजेंसी से एमआरआई रिपोर्ट जमा करने का विकल्प चुना, जिसे यूपीएससी ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया. हालांकि बाद में यूपीएससी ने इस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया. इसके चलते सरकार से इसकी जांच की मांग की जा रही है.
UPSC ने इन धाराओं में दर्ज कराया केस
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. जालसाजी, धोखाधड़ी, आईटी एक्ट और दिव्यांगता अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को आईएएस ऑफिसर के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद मामला दर्ज कर लिया गया है. इसके अलावा आयोग (UPSC) ने नोटिस जारी कर पूजा खेडकर से जवाब मांगा है कि आपकी उम्मीदवारी क्यों न रद्द की जाए और आगामी यूपीएससी की परीक्षाओं से वंचित क्यों न रखा जाए.
यूपीएससी की ओर से कहा गया है, ‘पूजा खेडकर के खिलाफ विस्तृत जांच कराई गई है. इसमें पता चला है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा 2022 में नियमों का उल्लघंन किया था. उनकी परीक्षा में बैठने की लिमिट पूरी हो गई थी. इसके बाद उन्होंने फर्जी तरीके से अपनी पहचान बदलकर यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा दी. उन्होंने अपने नाम, पिता का नाम, मां का नाम, फोटो और साइन तक बदल डाले. इसके अलावा मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और पता भी बदला. गलत तरीके से नई पहचान बनाने की वजह से उन्हें लिमिट से ज्यादा बार परीक्षा में बैठने का मौका मिला.
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