30 बसें, तीन साल और 24 करोड़ का घाटा, देहरादून स्मार्ट सिटी की ऑडिट रिपोर्ट में खुले कई राज
ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से दस साल में 51.80 करोड़ की आय का अनुमान है, लेकिन यहां घाटा साल- दर-साल कम होने की बजाय बढ़ रहा है। बसों पर विज्ञापन आदि से आय अर्जित करनी थी।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से देहरादून में संचालित हो रहीं 30 इलेक्ट्रिक बसों से तीन साल में 24 करोड़ रुपये का घाटा हो चुका है। उत्तराखंड के एकाउंटेंट जनरल की ऑडिट रिपोर्ट ने इन बसों के संचालन में बड़े पैमाने पर खामियां गिनाई गई हैं।
फरवरी 2021 के बाद से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत दून के छह रूटों पर इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी पहले तीन साल में 30 ई-बसों के संचालन पर 32 करोड़ खर्च कर चुकी है। जबकि, इन बसों से उसकी आमदनी सिर्फ आठ करोड़ रुपये ही हुई। इस तरह से इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से घाटा 24 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से दस साल में 51.80 करोड़ की आय का अनुमान है, लेकिन यहां घाटा साल-दर-साल कम होने की बजाय बढ़ रहा है। इन बसों पर विज्ञापन आदि के माध्यम से आय अर्जित करनी थी। लेकिन विज्ञापन नहीं लग पाए।
ऑडिट ने पूछे कई सवाल
ऑडिट में पूछा गया है कि घाटे की भरपाई और राजस्व में बढ़ोतरी के उपाय क्यों नहीं किए गए। उधर, स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने बताया कि ई-बसों पर विज्ञापन लगाने के लिए टेंडर जारी किया गया था। लेकिन बसों को नुकसान पहुंचने की संभावना के चलते प्रस्ताव स्थगित कर दिया गया।
44 लाख लोग कर चुके ई-बसों का सफर
इन इलेक्ट्रिक बसों में अब तक 44 लाख यात्री सफर कर चुके हैं। इनमें कई ऐसे हैं, जो नियमित रूप से बसों के माध्यम से आवाजाही करते हैं। फिर भी विभिन्न रूटों पर बसों के समय में निरंतरता नहीं रही है।
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