ईमानदारी की मिसाल: बस में छूटे चार लाख रुपये के गहने, परिचालक ने आधार कार्ड के जरिए महिला को खोजकर सौंपे
शाहजहांपुर में रोडवेज की महिला परिचालक नीतू ने ईमानदारी की मिसाल पेश की। उनकी बस में किसी महिला का पर्स छूट गया। पर्स में चार लाख रुपये के गहने थे। आधार कार्ड भी था। इस आधार कार्ड के पते पर नीतू ने पत्राचार कर महिला से संपर्क किया और उसे बुलाकर उसके गहने सौंप दिए।
शाहजहांपुर में बरेली मोड़ से बंथरा के बीच सफर के दौरान तिलहर के गांव पिगरा-पिंगरी निवासी आरती का बैग रोडवेज की बस में छूट गया। महिला परिचालक नीतू को बैग मिला तो उसमें गहने भरे थे। बैग में मिले आधार कार्ड को रजिस्ट्री के माध्यम से भेजकर आरती को बुलाया और करीब चार लाख रुपये के गहने वापस कर दिए गए।
20 अक्तूबर को अभिताश शर्मा की पत्नी आरती शर्मा अपने परिवार के साथ बरेली मोड़ से बंथरा जाने के लिए रोडवेज बस में सवार हुई थी। गांव आने पर वह परिवार समेत बस से उतर गई और गहनों से भरा बैग छोड़ गई। उसी सीट पर बैठे एक अन्य युवक को बैग मिला तो उसने बस की महिला परिचालक नीतू देवी निवासी मल्हपुर कांट के सुपुर्द कर दिया। शाम में बस लेकर आईं नीतू ने पूरी जानकारी एआरएम अरुण कुमार को दी। अफसरों की उपस्थिति में बैग खोला गया। जिसमें आभूषण और आधार कार्ड मिला।
नीतू ने आधार कार्ड को महिला के पते पर रजिस्ट्री भेजी, साथ ही उस पर अपना नंबर भी लिख दिया। डिपो प्रभारी सुशील त्रिवेदी ने बताया कि आरती को रजिस्ट्री मिलने के बाद उसने नीतू से कॉल पर बात की। गुम जेवर मिलने पर उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। रविवार को आरती को रोडवेज बस अड्डे पर बुलाया गया। आरती, उनके पति अभिताश, सास व भाई आईं। अधिकारी-कर्मचारियों की उपस्थिति में उन्हें जेवर वाला बैग वापस कर दिया गया।

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