खत्म होने वाला है इंतजार, 95% काम हुआ पूरा, अगले महीने खुल जाएगा यह बहुप्रतीक्षित एक्सप्रेसवे
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के पहले चरण का काम 90-95 प्रतिशत पूरा हो चुका है. साइनेज, विस्तार जोड़ों और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण का काम चल रहा है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उत्तराखंड की राजधानी देहरादून को जोड़ने वाला, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) आंशिक रूप से अगले महीने खुल जाएगा. दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड एक्सेस-कंट्रोलड एक्सप्रेसवे का पहला चरण दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर और उत्तर प्रदेश के बागपत के बीच है. 32 किलोमीटर के इस प्रथम चरण पर ही सबसे पहले गाड़ियां दौड़ेंगी. पहले चरण को मार्च, 2024 तक खोलने की योजना बनाई गई थी, लेकिन दिल्ली में फैले खतरनाक प्रदूषण के तहत निर्माण पाबंदियों के चलते एक्सप्रेसवे को निर्धारित समय तक पूरा नहीं किया जा सका. वहीं, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के अगले साल की शुरुआत तक पूरी तरह से चालू होने की उम्मीद है.
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे दिल्ली के अक्षरधाम से शुरू होता है. यह शास्त्री पार्क, खजूरी खास, मंडोला बागपत, खेकड़ा शामली, सहारनपुर होते हुए देहरादून तक जाएगा. इसका निर्माण तीन चरणों में किया जा रहा है. पहला सेक्शन अक्षरधाम और कुंडली पलवल एक्सप्रेस-वे को जोड़ेगा. इस समय, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल दिल्ली से देहरादून जाने में होता है जिसमें लगभग पांच घंटे लगते हैं. नया एक्सप्रेसवे ट्रैवल टाइम को घटाकर केवल ढाई घंटे कर देगा
90-95 फीसदी काम पूरा
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के पहले चरण का काम 90-95 प्रतिशत पूरा हो चुका है. साइनेज, विस्तार जोड़ों और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण का काम चल रहा है. कैरिजवे का काम भी पूरा हो चुका है. ऐसी संभावना है कि पहला चरण 1 जून के आखिर तक चालू हो जाएगा. देहरादून के पास एक्सप्रेसवे के आखिरी 20 किलोमीटर लंबे हिस्से का निर्माण कार्य अभी भी जारी है.
18 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटिड
पहले सेक्शन की कुल लंबाई 31.6 किलोमीटर है. इसमें से करीब 18 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटिड है. एलिवेटेड रोड दिल्ली के शास्त्रीनगर से शुरू होकर लोनी तक जाता है.अक्षरधाम से ईपीई क्रॉसिंग तक यह एक्सप्रेसवे पूर्वी दिल्ली की घनी आबादी से गुजर रहा है. निर्माण के दौरान आवाजाही में लोगों को परेशानी न हो, इस वजह से 18 किमी. तक एलेवेटेड बनाया जा रहा है. एलिवेटिड रोड बनने की वजह से गीता कालोनी, खजूरी खास, मंडोला और पंचगांव जैसी घनी आबादी वाली जगहों से वाहनों को नहीं गुजरना होगा. वाहन ऊपर से निकल जाएंगे. इससे बागपत, सहारनपुर और उत्तराखंड जाने वाले वाहन चालकों को जाम से मुक्ति मिलेगी.
एक्सप्रेसवे पर है सबसे लंबा वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर
एक्सप्रेसवे पर एशिया का सबसे लंबा वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर (Asia Longest Wildlife Corridor) बन रहा है. इस कॉरिडोर के बनने से जंगली जानवरों और इंसानों का आमना-सामना नहीं होगा. कॉरिडोर के ऊपर से जहां वाहन दौड़ेंगे, वहीं नीचे से हाथी सहित अन्य जंगली जानवर आसानी से गुजर सकेंगे.
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