देहरादून रेलवे स्टेशन परिसर से नहीं हटाया जा सका अतिक्रमण, अधूरी तैयारी के साथ उतरी थी टीम
अधूरी तैयारी के साथ रेलवे प्रशासन टीम अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची। देहरादून रेलवे स्टेशन परिसर में रेलवे प्रशासन टीम ने अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाया था
देहरादून रेलवे स्टेशन परिसर में मंगलवार को रेलवे ने अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाया। इस दौरान रेलवे परिसर में दून टैक्सी एसोसिएशन के टैक्सी स्टैंड को नहीं हटाया जा सका। इसके बाद प्रशासन की टीम रेलवे की टीम को अगली बार तैयारी के साथ अभियान चलाने की नसीहत देकर लौट गई।
देहरादून रेलवे परिसर में दोनों तरफ सड़क पर अतिक्रमण है। इस दौरान दून टैक्सी एसोसिएशन का स्टैंड भी सड़क पर ही बना हुआ है। रेलवे प्रशासन ने अतिक्रमण को हटाने के लिए स्थानीय प्रशासन से तीन सितंबर को फोर्स की मांग की थी। डीएम सोनिका ने अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट की ड्यूटी इस अतिक्रमण को हटाने के लिए लगाई थी।
कोर्ट के आदेश का दिया हवाला
मंगलवार को नियत समय पर डिप्टी कलेक्टर और सीओ सिटी मौके पर पुलिस फोर्स और नगर निगम की टीम के साथ पहुंचे और रेलवे के साथ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी। रेलवे ने मौके से चार खोखे सहित अन्य अतिक्रमण को हटाया। उसके बाद दून टैक्सी एसोसिएशन के टैक्सी स्टैंड को हटाने के लिए फोर्स पहुंची तो संगठन के पदाधिकारी ने मजिस्ट्रेट को 2023 में दायर एक याचिका मैं उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए स्टे के आदेश का हवाला देते हुए कार्रवाई को रोकने की बात कही।
मजिस्ट्रेट ने रेलवे के अधिकारियों से इस स्टे के संबंध में जानकारी मांगी तो रेलवे के अधिकारी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दे सके। इसके बाद अतिक्रमण की कार्रवाई को रोक दिया गया और टीम लौट गई।
बोली मजिस्ट्रेट पहले लिखित में देना होगा कि कोई कोर्ट का मामला नहीं है पेंडिंग
रेलवे की इस लापरवाही के बाद मजिस्ट्रेट ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि रेलवे को इस इस स्टे की जानकारी नहीं है यह अजीब बात है। उन्होंने इसे प्रशासन का समय खराब करने की बात कहते हुए अगली बार इस तरह का अभियान चलने से पहले लिखित में देना होगा कि कोई कोर्ट में मामला विचाराधीन नहीं है।
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