चुनाव की हलचल तेज…अब अध्यादेश के बाद आएगी ओबीसी आरक्षण की नीति
11 नगर निगम, 45 नगर पालिका परिषद और 46 नगर पंचायतों के चुनाव को लेकर सबकी निगाहें सरकार के रुख पर टिकी हुई हैं
राज्य में नगर निकाय चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर अध्यादेश आने के बाद ओबीसी आरक्षण की नीति आएगी। इसकी तैयारी भी शुरू हो गई है। एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की सिफारिशों के तहत निकायों में ओबीसी का आरक्षण लागू किया जाएगा।
11 नगर निगम, 45 नगर पालिका परिषद और 46 नगर पंचायतों के चुनाव को लेकर सबकी निगाहें सरकार के रुख पर टिकी हुई हैं। इस बीच ओबीसी आरक्षण का सबसे अहम पड़ाव पार करना है, जिसके लिए अध्यादेश को राजभवन से मंजूरी का इंतजार है। मंजूरी मिलने के साथ ही ओबीसी आरक्षण में बदलाव का रास्ता साफ हो जाएगा। फिर सरकार ओबीसी आरक्षण की नीति लाएगी।
आरक्षण नीति के हिसाब से नगर निकायों में सभासद व सदस्यों का ओबीसी आरक्षण रोस्टर के हिसाब से जिलाधिकारियों के स्तर से तय किया जाएगा। मेयर, नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत अध्यक्ष का ओबीसी आरक्षण रोस्टर शहरी विकास निदेशालय के स्तर से तय किया जाएगा।
रोस्टर की अनंतिम अधिसूचना जारी करते हुए आपत्तियां व सुझाव मांगे जाएंगे। इनके निपटारे के बाद अंतिम अधिसूचना जारी होगी। इसके आधार पर ही शहरी विकास विभाग की ओर से राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव की सिफारिश की जाएगी। इसके बाद निर्वाचन आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा।
इस पूरी प्रक्रिया में 15 से 20 दिन का समय लगना तय है। माना जा रहा है कि अगर इस सप्ताह अध्यादेश को मंजूरी मिलती है तो 15 दिसंबर के आखिरी सप्ताह में अधिसूचना जारी हो सकती है।
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