चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। चुनाव आयुक्त का इस्तीफा ऐसे वक्त आया है कि जबकि कुछ ही हफ्तों में देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है।अरुण गोयल के इस्तीफे के पीछे क्या वजह है, इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं सामने आई है।चुनाव आयुक्त का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जबकि चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जोर-शोर से जुटा हुआ है। हालांकि अभी चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है।
शुक्रवार को हुई थी मीटिंग
बता दें कि शुक्रवार को ही चुनाव आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और रेलवे अधिकारियों के साथ सुरक्षा को लेकर बैठक की थी। इसमें देशभर में सुरक्षा कर्मचारियों की तैनाती को लेकर चर्चा हुई थी। लोकसभा चुनाव के अतिरिक्त चुनाव आयोग को आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानभा चुनाव भी कराने हैं। चुनाव आयोग की टीम सभी राज्यों का दौरा करके चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने में जुटी है। अनुमान है कि देश में लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में हो सकता है।चुनाव आयुक्त के दो पद खाली
गौरतलब है कि अरुण गोयल के इस कदम के बाद अब चुनाव आयोग में 2 रिक्तियां हो गई हैं। चुनाव आयोग में कमिश्नर के अब दो पद खाली हो गए हैं। अरुण गोयल ने 21 नवंबर 2022 को चुनाव आयुक्त का प्रभार ग्रहण किया था। 1985 बैच के आईएएस अधिकारी अरुण गोयल ने अरुण गोयल पहले सचिव, भारी उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के रूप में काम कर चुके हैं।
शनिवार को जारी गजट अधिसूचना में कहा गया कि मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) अधिनियम, 2023 की धारा 11 के खंड (1) के अनुसरण में, राष्ट्रपति को 09 मार्च, 2024 से प्रभावी श्री अरुण गोयल, चुनाव आयुक्त द्वारा दिए गए इस्तीफे को स्वीकार करते हुए खुशी हो रही है।
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