विभागों समेत राष्ट्रीय खेलों के कामों में भी निर्वाचन आयोग का शिकंजा, मशाल रैली पर सख्ती
राष्ट्रीय खेलों को लेकर जो मशाल रैली निकाली जा रही है, उस पर आयोग ने शर्तें लगा दी हैं। यह ग्रामीण क्षेत्रों में तो आसानी से निकल रही है लेकिन शहरी क्षेत्रों में इसके वाहन पर लगे राजनीतिक पोस्टर ढके जा रहे हैं।
निकाय चुनाव की आचार संहिता में विभागों समेत राष्ट्रीय खेलों से भी जुड़ी गतिविधियां फंस गई हैं। आयोग ने मशाल रैली को इससे जुड़े राजनीतिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध के साथ सशर्त अनुमति दी है। फिलहाल, आयोग के पास अनुमति संबंधी प्रार्थनापत्रों का अंबार लग गया है। आयोग के अफसर, चुनाव पर इसके प्रभाव के हिसाब से फैसला लेंगे।
चूंकि ये चुनाव शहरी क्षेत्रों में हैं इसलिए शहरों में विशेष सख्ती से आचार संहिता संबंधी प्रतिबंध लागू हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसका दूरगामी असर नजर आ रहा है। राष्ट्रीय खेलों को लेकर जो मशाल रैली निकाली जा रही है, उस पर आयोग ने शर्तें लगा दी हैं। यह ग्रामीण क्षेत्रों में तो आसानी से निकल रही है लेकिन शहरी क्षेत्रों में इसके वाहन पर लगे राजनीतिक पोस्टर ढके जा रहे हैं। शहरों में आयोग ने इससे जुड़े राजनीतिक कार्यक्रमों पर भी रोक लगा दी है।
राष्ट्रीय खेलों के टेंडर विचाराधीन
राष्ट्रीय खेलों से जुड़े तमाम टेंडर जारी किए जाने हैं, जिनकी अनुमति के प्रस्ताव राज्य निर्वाचन आयोग के पास पहुंचे हैं। आयोग इनके जनप्रभाव के हिसाब से निर्णय लेगा। जिन टेंडर से जनता पर ज्यादा असर पड़ेगा, उनको फिलहाल अनुमति नहीं मिलेगी। आयोग के अधिकारियों ने बताया कि 15 से ज्यादा विभागों ने निविदाएं निकालने, नई भर्ती या कई अन्य फैसलों से जुड़ी अनुमति मांगी है। आयोग में अनुमतियों के लिए प्रस्तावों का अंबार लग गया है। 100 से अधिक अनुमतियां आयोग ने फिलहाल रोकी हुई हैं, जिनका अध्ययन किया जा रहा है।
आपदा संबंधी कार्यों के लिए भी अनुमति मांगी
सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में आपदा संबंधी निर्माण कार्यों के लिए भी प्रक्रिया शुरू की है। आयोग के पास इससे जुड़ी तमाम अनुमतियां आई हुई हैं। आयोग के अफसरों का कहना है कि सभी अनुमतियों में जनप्रभाव देखा जा रहा है। अगर इससे चुनाव पर कोई असर पड़ेगा तो आयोग अनुमति नहीं देगा।
राष्ट्रीय खेलों से जुड़ी निविदाओं का अध्ययन किया जा रहा है। जल्द ही इस संबंध में निर्णय होगा। मशाल रैली कुछ प्रतिबंधों के साथ निकाली जा सकती है। अन्य विभागों से भी आए अनुरोध का हम अध्ययन कर रहे हैं।
– सुशील कुमार, राज्य निर्वाचन आयुक्त
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