*”भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं पर सीएम का प्रभावी प्रहार “*
भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शासन द्वारा कॉर्बेट नेशनल पार्क के डायरेक्टर राहुल को कारण बताओ नोटिस।
*कार्बेट नेशनल पार्क के निदेशक पर सीएम धामी की नजरें टेढ़ी*
*शासन ने जारी किया ‘कारण बताओ नोटिस’, जवाब के लिए दिया 15 दिन का समय*
*निदेशक को जांच में पाया गया निर्माण कार्यों में अनियमितता और हीलाहवाली का दोषी*
*पाखरो में टाइगर सफारी के नाम पर किया गया वृक्षों का अवैध पातन*
*केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की शर्तों का खुलकर किया गया उल्लंघन*
देहरादून। कार्बेट नेशनल पार्क क्षेत्र के अन्तर्गत निर्माण कार्यों में की गई अनियमितता, लापरवाही और वृक्ष कटान के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त रवैया अपना लिया है। इस सम्बंध में मुख्यमंत्री के निर्देश पर पार्क के निदेशक राहुल को शासन ने कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन पर कड़ी कार्रवाई होना तय माना जा रहा है। पूर्व में वन विभाग के मुखिया प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) की ओर से कराई गई जांच में पूरे प्रकरण में पार्क के निदेशक राहुल की संलिप्तता उजागर हुई है। ये सभी गड़बड़ियां पूर्व वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत के कार्यकाल में हुई हैं।
बीते वर्ष कार्बेट नेशनल पार्क के अन्तर्गत कंडी रोड निर्माण, गोरपट्टी तथा पाखरो वन विश्राम गृहों के निर्माण, पाखरो में जलाशय निर्माण में अनियमितता, नियमों की अवहेलना और पाखरो में प्रस्तावित टाइगर सफारी में वृक्षों के अवैध पातन की शिकायत हॉफ को मिली थी। इसी क्रम में हॉफ ने 12 जनवरी 2022 को पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन कर इन सभी मामलों की गहन जांच के आदेश दिए थे। समिति ने 7 फरवरी 2022 को अपनी जांच आख्या हॉफ को सौंप दी थी, जिसमें कार्बेट पार्क के निदेशक राहुल को इन सभी मामलों में अनियमितता, नियमों की अवहेलना और हीलाहवाली बरतने का दोषी पाया गया। जांच में यह भी पाया गया कि निदेशक राहुल ने एफसीए में निर्गत स्टेज 1, स्टेज 2 और केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की ओर से जारी सैद्धांतिक स्वीकृतियों की शर्तों का अनुपालन भी नहीं करवाया। इतना ही नहीं उनकी ओर से टाइगर कंजर्वेशन प्लान का मिड टर्म रिव्यू कराए जाने के लिए एनटीसीए को भी प्रस्ताव भेजने में हीलाहवाली की गई। यह तमाम कृत्य अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमावली 1986 के विरुद्ध पाए गए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अधिकारियों को सख्त हिदायत दे चुके हैं कि भ्रष्टाचार, अनियमितता और लापरवाही के मामले उजागर होने पर दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। कार्बेट नेशनल पार्क जैसे संवेदनशील रिजर्व क्षेत्र में निर्माण कार्यों में अनियमितता और वृक्षों के अवैध पातन को लेकर मुख्यमंत्री बेहद खफा बताए जा रहे हैं। उनके निर्देश पर सचिव विजय कुमार यादव ने पार्क निदेशक राहुल को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर तवाब तलब किया है। ऐसे में निदेशक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होना तय माना जा रहा है।
श्री राहुल, निदेशक,
कार्बेट टाइगर रिजर्व, रामनगर, नैनीताल।
कार्बेट नेशनल पार्क के अन्तर्गत कडी रोड निर्माण, गोरघट्टी तथा पाखरी वन विश्राम गृह परिसर में भवनों का निर्माण, पाखरी वन विश्राम गृह के समीप जलाशय का निर्माण, पाखरी में प्रस्तावित टाईगर सफारी में वृक्षों के अवैध पातन तथा भारतीय वन अधिनियम, 1927 वन (संरक्षण) अधिनियम, 1990, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 तथा वित्तीय नियमों के उल्लघन के संबंध में प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ), उत्तराखण्ड, देहरादून द्वारा पत्रांक-948(01). दिनांक 27.12.2021 तथा पत्रांक-1002, दिनांक 1201.2022 के माध्यम से ● गठित पांच सदस्यीय समिति द्वारा प्रस्तुत संलग्न विस्तृत तथ्यात्मक रिपोर्ट दिनांक 07.02.2022 का कृपया संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें।
2 उक्त के संबंध में अवगत कराना है कि उक्तानुसार गठित पांच सदस्यीय समिति द्वारा प्रस्तुत उक्त जांच आख्या में कण्डी रोड निर्माण, मोरघट्टी तथा पाखरी वन विश्राम गृह परिसर में भवनों का निर्माण, पाखरी वन विश्राम गृह के समीप जलाशय का निर्माण तथा पारी में प्रस्तावित टाइगर सफारी में वृक्षों के अवैध पातन के संबंध में गंभीर प्रशासनिक वित्तीय विधिक एवं आपराधिक अनियमिततायें परिलक्षित हुई हैं।
[[-]] उक्त के संबंध में अवगत कराया जाना है कि आप उक्त घटनाक्रम की अवधि तथा वर्तमान में निदेशक, कार्बेट टाइगर रिजर्व, रामनगर, नैनीताल के पद पर कार्यरत हैं। प्रकरण के समय में प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ), उत्तराखण्ड, देहरादून द्वारा गठित पाच सदस्यीय समिति द्वारा प्रस्तुत उक्त विस्तृत तथ्यात्मक रिपोर्ट दिनांक 07 022022 के क्रम मे प्रदत्त संस्तुति के आधार पर आपके द्वारा FCA में निर्गत स्टेज-1 एवं स्टेज-2 के स्वीकृतियों के अन्तर्गत निर्गत शर्तों का अनुपालन केन्द्रीय चिडियाघर प्राधिकरण द्वारा सैद्धान्तिक स्वीकृति की शतकाअनुतथा टाइगरकाशन प्लान का मिड टर्म रिव्यू कराये जाने हेतु एन०टी०सी०ए० को प्रस्ताव प्रेषित किये जाने संबंधी कार्यों में प्रभावी योगदान न करने एवं लापरवाही बरतना परिलक्षित है आपका यह कृत्य अखिल भारतीय सेवायें (आधरण) नियमावली 1968 के विरुद्ध है।
4 उपरोक्त वर्णित तथ्यों के दृष्टिगत आपका यह कृत्य अखिल भारतीय सेवायें (आचरण) नियमावली, 1968 के विरुद्ध है। अतएव क्यों न आपके विरुद्ध अखिल भारतीय सेवायें (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1969 के प्राविधानों के अन्तर्गत अनुशासनिक कार्यवाही प्रचलित की जाये।
5 अतः इस संबंध में मुझे यह कहने का निर्देश हुआ है कि उक्तानुसार नि पांच सदस्यीय समिति द्वारा प्रस्तुत का जाप आख्या दिनांक 07.02 2022 एवं प्रमुख संबक (हॉफ) उत्तराखण्ड देहरादून द्वारा उका आख्या पर प्रदत्त संस्तुति तथा उक्त वर्णित तथ्यों के क्रम में उक्त प्रस्तर-3 के संबंध में अपना स्पष्टीकरण प्रमुख वन संरक्षक (loFr). आराखण्ड देहरादून के माध्यम से इस कारण बताओ नोटिरा की प्राप्ति की तिथि से विलंबतम् 15 दिनों के भीतर शासन को उपलब्ध कराने का कष्ट करें। यदि आपके द्वारा निर्धारित समयान्तर्गत स्पष्टीकरण उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो यह समझा जायेगा कि आप उक्त तथ्यों के संबंध में कोई स्पष्टीकरण / प्रत्युत्तर प्रस्तुत नहीं करना चाहते हैं एवं तदनुसार प्रकरण में गुणावगुण के आधार पर विचार कर अपेत्तर आपके विरूद भारतीय सेवायें (आचरण) नियमावली 1968 व अन्य सुसंगत नियमावलियों आदि में विहित प्राविधानों के अन्तर्गत यथोषित प्रशासनिक वैधानिक अनुशासनात्मक आदि कार्यवाही प्रारम्भ कर दी जायेगी।
(वानन्द ब अपर मुख्य सचिव
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 न्यूज़ हाइट के समाचार ग्रुप (WhatsApp) से जुड़ें
👉 न्यूज़ हाइट से टेलीग्राम (Telegram) पर जुड़ें
👉 न्यूज़ हाइट के फेसबुक पेज़ को लाइक करें
अपने क्षेत्र की ख़बरें पाने के लिए हमारी इन वैबसाइट्स से भी जुड़ें -
