कार्यालय / न्यायालय आयुक्त, दिव्यांगजन उत्तराखण्ड के पत्र दिनांक 22.11.2025 के द्वारा मा०उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड में योजित जनहित याचिका संख्या-146/2025 (PIL) नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड बनाम उत्तराखण्ड राज्य व अन्य में दिनांक 19.11.2025 को आयोजित सुनवाई में

मा० उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में दिनांक 22.11.2025 को आयुक्त दिव्यांगजन उत्तराखण्ड द्वारा प्रकरण की सुनवाई की गयी। सुनवाई के उपरान्त मा० आयुक्त दिव्यांगजन द्वारा जनहित याचिका के संलग्नक-2 में दाखिल सूची की प्रति उपलब्ध कराते हुए सूची में अंकित राज्य चिकित्सा परिषद द्वारा अनर्ह कार्मिक / शिक्षकों के विरुद्ध दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा-91 के अन्तर्गत महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तराखण्ड के पत्रांक/6088/ दिनांक 21.03.2022 के संदर्भ में शिक्षा विभाग में निःशक्ता से ग्रस्त प्रवक्ताओं के दिनांक 16.04.2022 एवं दिनांक 18.04.2022 को दिव्यांगता के मूल्यांकन से सम्बन्धित आख्या निदेशालय को प्रेषित करते हुए नियुक्ति प्राधिकारी के स्तर से अग्रेत्तर कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। सूची का निदेशालय स्तर पर परीक्षण कर परीक्षणोपरान्त संज्ञान में आया है कि उक्त सूची में प्रवक्ता संवर्ग में 14 कार्यरत प्रवक्ताओं का भी तद्समय महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तराखण्ड द्वारा दिव्यांगता से सम्बन्धित प्रमाण पत्रों का मूल्यांकन किया गया, जिसके क्रम में निम्नवत् सूची में अंकित प्रवक्ताओं को निर्देशित किया जाता है कि महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तराखण्ड द्वारा कॉलम 5 में विवरण अंकित के सम्बन्ध में अपना पक्ष सुस्पष्ट आख्या एवं अपने दिव्यांगता के प्रमाण पत्र सहित नोटिस निर्गत के 15 दिनों के भीतर दिव्यांगता के प्रमाण पत्र के सम्बन्ध में अधोहस्ताक्षरी के सम्मुख सुस्पष्ट साक्ष्यों सहित उपस्थित होना सुनिश्चित करें, निर्धारित अवधि में उपस्थित न होने की दशा में आपके विरुद्ध एकतरफा कार्यवाही कर दी जायेगी जिसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व आपका होगा।

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