इलेक्शन कमीशन ने चुनाव आचार संहिता लागू होने के साथ ही सभी राज्य सराकारों को सख्त आदेश जारी कर दिए हैं। आयोग ने राज्य सरकारों को आदेश दिया है कि 24 घंटे के अंदर अपने राज्यों में सरकारी, पब्लिक और निजी संपत्तियों पर लगे राजनीतिक विज्ञापनों को तत्काल प्रभाव से हटा लिया जाए।
विज्ञापनों को हटाने के साथ ही इसकी कंप्लायंस रिपोर्ट भी तैयार कर चुनाव आयोग को भेजी जाए।
कांग्रेस ने उठाया था मुद्दा
चुनाव आयोग ने इस संबंध में एक पत्र केंद्रीय कैबिनेट सचिव और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव को लिखा है। इस पत्र में लिखा है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद भी कई सारी शिकायतें उनके पास देश भर से आई हैं कि राजनीतिक विज्ञापनों का अवैध रूप से प्रयोग किया जा रहा है। हाल ही में चुनाव आयोग के समक्ष कांग्रेस ने यह मुद्दा उठाया था।
रेलव, बस स्टेशनों और बाजार, दीवारों से भी हटाएं पोस्टर
चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक सभी राज्यों में सरकारें और प्रशासन अलर्ट हो जाएं किसी भी तरह के राजनीति विज्ञापनों को तुरंत हटाएं। रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों, एयरपोर्ट के अलावा पब्लिक प्लेस पर वॉल पेंटिंग पोस्टर, डॉक्यूमेंट्स, होर्डिंग, बैनर, झंडे आदि के गलत प्रयोग में सभी तरह के राजनीतिक विज्ञापनों को हटाने का आदेश दिया गया था। रेलवे पुल, रोडवेज, सरकारी बसें, बिजली और टेलीफोन के खंभों से सभी तरह के विज्ञापन जो राजनीतिक भाव से प्रेरित हों उन्हें हटाने को लेकर निर्देश दिए गए हैं।
विज्ञापनों को न हटाने पर होगी कार्रवाई
चुनाव आयोग की तारीखें घोषित किए जाने के साथ ही चुनाव आचार संहिता भी लागू की गई है। चुनाव आयोग ने राजनीतिक विज्ञापनों को हटाने को लेकर आदेश जारी कर दिए गए हैं। यह भी कहा गया है कि आदेश का पालन न किए जाने पर चुनाव आयोग अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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