कहते हैं धर्म के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए और खास तौर से धामो को लेकर तो बिलकुल नहीं जी हाँ दिल्ली में केदारनाथ धाम की तर्ज पर मंदिर बनाने का दावा करने वालों को जो विरोध झेलना पड़ा उसके बाद अब वो सफाई देने में जुटे हैं कह रहें हैं मंदिर तो बनाएंगे लेकिन केदारनाथ धाम का जो नाम उपयोग कर रहें थे उसे जल्द बदल दिया जाएगा
ज़ी हाँ पिछले दिनों दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ धाम के नाम से मंदिर का शिलान्यास हुआ तो राजनैतिक और धार्मिक हल्के में हल्ला मच गया सरकार का भले इससे कोई लेना देना नहीं था फिर भी सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया गया, केदार नाथ के पंडा पुरोहितो ने आंदोलन की घोषणा कर डाली 3 दिनों से जारी नाराजगी को मुख्यमंत्री धामी ने पुरोहितो से बात करके दूर की और आंदोलन को पुरोहितो ने स्थगित किया खुद पुरोहितो ने साफ कहा धामी ने ही सीएम रहते हुए देवस्थानम बोर्ड को खत्म कर तमाम विरोध को खत्म किया था ऐसे में सीएम की कोशिश से आखिरकार इस मामले को खत्म कर दिया हैं.
दिल्ली के बुराड़ी में तीन एकड़ में केदारनाथ धाम मंदिर बनाया जाना है। इसके लिए बकायदा एक ट्रस्ट भी बनाया गया है। ट्रस्ट का दावा है कि देश में पहले से केदारनाथ और बद्रीनाथ से मिलते जुलते मंदिर बने हुए हैं। इंदौर में केदारनाथ से मिलता जुलता पंडाल बनाया गया था। लेकिन वो अस्थाई था।
वहीं मुंबई में बद्रीनाथ मंदिर के तर्ज पर एक मंदिर बनाया गया है। लेकिन ये पंडाल नहीं बल्कि एक मंदिर है। ट्रस्ट का दावा है कि देश में जब पहले से ही केदारनाथ-बद्रीनाथ मंदिर जैसे मिलते जुलते मंदिर है तो दिल्ली वाले मंदिर को लेकर आपत्ति क्यों है? ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला का कहना है कि दिल्ली में बनने वाला केदारनाथ मंदिर एक मंदिर है, कोई धाम नहीं है।
उत्तराखंड सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। मंदिर के भूमि पूजन के लिए हमारे अनुरोध पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आए। मंदिर ट्रस्टियों के सहयोग से बनाया गया है और उनमें से कई उत्तराखंड के हैं। इसके साथ ही सुरेंद्र रौतेला का कहना है कि मंदिर वहीं बनेगा लेकिन ट्रस्ट के नाम बदलने पर विचार किया जाएगा
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