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दून अस्पताल: कैंसर के इंजेक्शन में क्रिस्टल से जांच के घेरे में दवा कंपनी, एडवर्स ड्रग रिएक्शन सेल करेगी जांच

वर्ष 2023 के मार्च महीने में कैंसर रोग में इस्तेमाल होने वाली डॉक्सोरूबिसिन नाम के इंजेक्शन की आपूर्ति की गई थी। इसमें क्रिस्टल मिलने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने दवाई के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगा दी है।

दून अस्पताल में कैंसर रोग के उपचार में इस्तेमाल होने वाले एक इंजेक्शन में क्रिस्टल मिलने के बाद संबंधित दवा को जांच के लिए लैब में भेजा गया है। इंजेक्शन में गड़बड़ी मिलने पर दवा कंपनी को अस्पताल की काली सूची में शामिल किया जाएगा। इसके लिए चिकित्सा शिक्षा निदेशक की ओर से दून अस्पताल प्रबंधन को कड़े निर्देश दिए गए हैं

दून अस्पताल में वर्ष 2023 के मार्च महीने में कैंसर रोग में इस्तेमाल होने वाली डॉक्सोरूबिसिन नाम के इंजेक्शन की आपूर्ति की गई थी। इसमें क्रिस्टल मिलने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने दवाई के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगा दी है। इंजेक्शन के सैंपल को जांच के लिए लैब में भेजा गया है।

इंजेक्शन के 200 पैकेट की आपूर्ति की गई थी

रिपोर्ट में किसी भी तरह की अनियमितताएं मिलने पर अस्पताल दवा कंपनी का टेंडर खत्म कर हमेशा के लिए संबंध विच्छेद कर लेगी। वर्तमान में एडवर्स ड्रग रिएक्शन की टीम इस पूरे प्रकरण की जांच कर रही है। अस्पताल प्रबंधन के अधिकारी बताते हैं कि दवा कंपनी की ओर से इसी इंजेक्शन के 200 पैकेट की आपूर्ति की गई थी।

इनमें से 127 पैकेट का इस्तेमाल किया जा चुका है। अब शेष पैकेट को इस्तेमाल से बाहर किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक जब दवा कंपनी की ओर से इंजेक्शन की आपूर्ति की गई थी, तब दवा कंपनी की गृह जांच रिपोर्ट बिल्कुल सही थी। इसके बाद इंजेक्शन के इस्तेमाल की अनुमति दी गई थी।

 

चार अलग-अलग तरह की दवाइयों की आपूर्ति कर रही संबंधित कंपनी

अधिकारियों ने बताया कि जिस इंजेक्शन में खराबी पाई गई है, उसकी मैनक्योर ड्रग कंपनी की ओर से आपूर्ति की जाती है। कंपनी की ओर से डॉक्सोरूबिसिन के साथ ही पांच और दवाइयों की आपूर्ति की जाती है। कंपनी के ब्लैक लिस्ट में शामिल होने के बाद सभी दवाइयों की आपूर्ति पर रोक लगाई जाएगी।

नई दवा कंपनी को दिया जाएगा टेंडर

अधिकारियों के मुताबिक सैंपल जांच में गड़बड़ी मिलने पर दवा कंपनी का टेंडर खत्म कर नई दवा कंपनी को टेंडर दिया जाएगा। ऐसे में इस प्रक्रिया को पूरा करने में समय भी लग सकता है। इससे कैंसर मरीजों को बाहर से दवाइयां खरादनी पड़ सकती हैं।

 

तय मानकों का अनुपालन करते हुए सभी दवाइयों के इस्तेमाल के निर्देश दिए गए हैं। खरीदारी के दौरान दवाइयों की सही ढंग से सैंपल जांच कराने का नियम हैं। संबंधित अधिकारी इसे पूरी तरह सुनिश्चित करने के बाद ही दवाइयों को इस्तेमाल में लाएं। -आशुतोष सयाना, निदेशक चिकित्सा शिक्षा

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Author: Swati Panwar
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