डीएम ने ड्रोन से देखा शहर में यातायात व्यवस्था का लाइव हाल…आईएसबीटी पर अव्यवस्थाएं देख भड़के
आईएसबीटी पर जाम का कारण पूछने पर यातायात विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वहां वाहनों के सवारी चढ़ाने-उतारने, अनाधिकृत रूप से खड़े होने से जाम लगता है।
कारगी चौक से लेकर आईएसबीटी, टर्नर रोड तक की यातायात व्यवस्था शहर के लिए चुनौती बनी हुई है। डीएम सविन बंसल ने पुलिस ड्रोन कैमरे से इन इलाकों में यातायात व्यवस्था का लाइव हाल देखा। उन्होंने पाया कि आईएसबीटी परिसर के बाहर वाहन सड़क पर सवारी उतार-चढ़ा रहे हैं। कई वाहन सड़क पर बेतरतीब खड़े हैं। डीएम ने आईएसबीटी पर अनाधिकृत रूप से वाहन खड़े होने पर परिवहन विभाग के अफसरों को फटकार लगाते हुए तत्काल व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए।
आईएसबीटी पर जाम का कारण पूछने पर यातायात विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वहां वाहनों के सवारी चढ़ाने-उतारने, अनाधिकृत रूप से खड़े होने से जाम लगता है। डीएम ने एसपी यातायात व एआरटीओ को निर्देशित किया कि आईएसबीटी के बाहर वाहन खड़े मिलने पर सभी को सीज कर रेंजर्स ग्राउंड भेजें। परिवहन निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वाहन एंट्री व एग्जिट गेट का प्रयोग करें और परिसर के अंदर से ही सवारी बैठाएं और उतारें। बाहर से सवारी चढ़ाने-उतारने पर कड़ी कार्रवाई होगी।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने ऋषिपर्णा सभागार में आईएसबीटी पर यातायात समस्या के समाधान को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने सड़क सुधारीकरण व ड्रेनेज कार्यों में विलंब पर नाराजगी जताई। कहा, बहानेबाजी के बजाय काम धरातल पर दिखना चाहिए। उन्होंने कहा सड़क सुधारीकरण का कार्य तत्काल शुरू करें। आईएसबीटी पर ड्रेनेज कार्यों का सुधार अगली वर्षा से पूर्व हर हाल में करना है।
मनमानी जगहों पर न खड़े हों सार्वजनिक वाहन
जिलाधिकारी ने शहर में मनमाने स्थानों पर सार्वजनिक वाहन खड़े करने पर नाराजगी जताई। कहा, ऐसे वाहनों के विरुद्ध अभियान चलाया जाए। उन्होंने सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी को निर्देश देकर कहा कि तय स्थान पर ही सार्वजनिक वाहन रुकें, अपनी मर्जी से कहीं भी सवारी उतारने व चढ़ाने वालों के विरुद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई करें।
सिंचाई विभाग की लापरवाही का खामियाजा उठाता शहर, डीएम ने जताई नाराजगी
डीएम सविन बंसल ने जब शहर के ड्रेनेज सिस्टम को लेकर बात की तो अफसर फिर डीएम को तर्क देने लगे। इस पर डीएम ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अब कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी। दरअसल सिंचाई विभाग पिछले 15 सालों से अफसरों को ऐसे ही तर्क देते आ रहे हैं, जिसके कारण हर साल पूरा शहर तालाब बन जाता है। देहरादून में 15 वर्षों से ड्रेनेज प्लान बनाने की तैयारी चल रही है। करीब 5000 करोड़ रुपये का ड्रेनेज प्लान बनाने का जिम्मा रुड़की सिंचाई विभाग के पास है। कई साल गुजरने के बाद भी रुड़की के अफसर प्लान तैयार नहीं करा सके हैं। बड़ा सवाल यह भी है कि आखिर दून का प्लान बनाने के लिए रुड़की के सिंचाई विभाग को काम क्यों सौंपा गया। प्राइवेट कंसल्टेंसी कंपनी पुणे में बैठकर सेटेलाइट के जरिये प्लान तैयार कर रही है, लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है। इसी पर डीएम भड़के और हर हाल में इस साल प्लान तैयार कर अमल में लाने के निर्देश दिए।
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