डीएम ने किया निरीक्षण, हादसे की मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश, उच्चस्तरीय कमेटी गठित
जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने घोलतीर में हुए वाहन दुर्घटनास्थल का निरीक्षण किया। इसके बाद मामले की जांच के लिए उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय कमेटी गठित की।
जिलाधिकारी प्रतीक जैन से ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर घोलतीर के समीप हुए यात्री वाहन दुर्घटना की मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश दिए हैं। उप जिला मजिस्ट्रेट याक्षी अरोड़ा को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। जांच अधिकारी ने बताया कि 26 जून को बदरीनाथ हाईवे पर रुद्रप्रयाग से बदरीनाथ जा रहा यात्री वाहन दुर्घटनाग्रस्त होकर अलकनंदा नदी में समा गया था। हादसे में अभी तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। आठ लोग घायल हैं और आठ लोग लापता चल रहे हैं। उन्होंने दुर्घटना के बारे में जानकारी रखने वाले या जानकारी देने वाले इच्छुक लोग एक सप्ताह में किसी भी कार्यदिवस पर उप जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में दे सकते हैं
जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी गठित
जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने घोलतीर में हुए वाहन दुर्घटनास्थल का शुक्रवार को निरीक्षण किया। इसके बाद मामले की जांच के लिए उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय कमेटी गठित की। यह कमेटी जिले के सभी राष्ट्रीय राजमार्ग का निरीक्षण कर छोटे से छोटे डेंजर जोन को चिह्नित करेगी, जिससे भविष्य में इस तरह के हादसे न हों। उन्होंने सभी विभागों को आपसी तालमेल बेहतर बनाने के लिए भी कहा
शुक्रवार को डीएम ने मौके पर पहुंचकर अधिकारियों और रेस्क्यू जांच में जुटी टीमों से घटना की जानकारी ली। डीएम को बताया गया कि रेस्क्यू में आधुनिक तकनीक का उपयोग कर लापता लोगों की खोज की जा रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए प्रशासन गंभीर है। उन्होंने एसडीएम की अध्यक्षता में एक विशेष उच्चस्तरीय जांच कमेटी गठित की जिसमें एआरटीओ, पुलिस, लोनिवि और एनएच के अधिकारियों को शामिल किया गया है। यह समिति जिले के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के अति संवेदनशील व संवेदनशील स्थानों का निरीक्षण कर सभी पहलुओं का अध्ययन करेगी। डीएम ने सभी हाईवे पर साइनेज लगाने, पैराफिट बनाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने श्रद्धालुओं से की अपील, सावधानी से करें यात्रा
जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने केदारनाथ यात्रा पर आने वाले यात्रियों से अपील की है कि वह बरसाती मौसम में सावधानी से यात्रा करें। उन्होंने कहा कि पर्वतीय मार्गों पर फिसलन, भूस्खलन और पत्थर गिरने की संभावना रहती है, ऐसे में यात्री पूरी सतर्कता के साथ ही यात्रा का कार्यक्रम बनायें। जिलाधिकारी ने यात्रियों से कहा कि वह अपने वाहनों की गति धीमी रखें और किसी भी स्थिति में लापरवाही नहीं बरते।
उन्होंने यह भी कहा कि सभी वाहन चालकों को पर्याप्त विश्राम के उपरांत ही यात्रा आगे बढ़ानी चाहिए, जिससे दुर्घटनाओं की संभावनाएं न्यूनतम की जा सकें। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ी कार्यदायी संस्थाओं को संवेदनशील स्थानों पर क्रश बैरियर, चेतावनी बोर्ड, पैराफिट, बैरीकेडिंग और सुरक्षा इंतजाम करने को कहा है।

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