एक माह बाद भी नहीं सौंपी आरोपितों को चार्जशीट, सीएम धामी के निर्देश पर चल रही विजिलेंस जांच
हरिद्वार नगर निगम भूमि घोटाले में निलंबित अधिकारियों को अभी तक चार्जशीट नहीं मिली है जबकि विजिलेंस जांच जारी है। शासन ने तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया था क्योंकि उन्होंने कृषि भूमि को व्यावसायिक दिखाकर सर्किल रेट बढ़ाकर खरीदा था। मुख्यमंत्री के आदेश पर विजिलेंस जांच चल रही है और चार्जशीट उच्च स्तर पर अनुमोदन के लिए भेजी गई है।
हरिद्वार नगर निगम में हुए भूमि घोटाले में निलंबित दो आइएएस व एक पीसीएस अधिकारी को अभी तक विभागीय चार्जशीट नहीं सौंपी जा सकी है। यह चार्जशीट तैयार तो हो चुकी है, लेकिन अभी तक उच्च स्तर पर ही पत्रावली लंबित होने के कारण जारी नहीं हो पाई है। यद्यपि, इस प्रकरण की विजिलेंस जांच शुरू हो चुकी है।
हरिद्वार नगर निगम में भूमि घोटाले प्रकरण में शासन ने तीन जून को हरिद्वार के तत्कालीन जिलाधिकारी हरिद्वार कर्मेंद सिंह, नगर आयुक्त आइएएस वरुण चौधरी और एडीएम अजयवीर सिंह को निलंबित कर दिया था।
प्रकरण यह था कि हरिद्वार नगर निगम ने गत वर्ष सराय में 33 बीघा कृषि भूमि की खरीद का निर्णय लिया। तब वहां भूमि का सर्किल रेट अधिक था, जबकि बाजार भाव काफी कम। इसके बाद चयनित भूमि का उपयोग बदलकर इसे कृषि से व्यावसायिक कर दिया गया। नतीजतन, सर्किल रेट में पांच गुना तक की बढ़ोतरी हो गई।
इसी दर पर 54 करोड़ रुपये में तीन किसानों से यह भूमि खरीद ली गई। इस पर सवाल उठने के बाद मामले की जांच कराई गई। प्राथमिक जांच में आरोप सही पाए जाने पर शासन ने संबंधित अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर इसकी विजिलेंस जांच अभी चल रही है। साथ ही आरोपितों को अब चार्जशीट सौंपने की तैयारी चल रही थी।
शासन ने यह चार्जशीट तैयार कर उच्च स्तर पर भेजी, जहां इसका अध्ययन चल रहा है। इसके बाद ही अधिकारियों को आरोप पत्र भेजा जाएगा। आरोपितों का जवाब मिलने के बाद शासन इसके लिए जांच अधिकारी नामित करेगा। जो उनके जवाबों के अध्ययन के बाद उनसे सवाल जवाब करेगा।
मुकदमे पर अभी नहीं हुआ फैसला
परिवहन निगम के डीजीएम (वित्त) भूपेंद्र कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को लेकर अभी तक कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। सचिव गृह शैलेश बगौली के मुताबिक मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में इस विषय को लाया गया था। इस पर चर्चा भी हुई।
उन्होंने कहा कि फिलहाल मुकदमा दर्ज करने के संबंध में अभी कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। दरअसल, परिवहन निगम के महाप्रबंधक वित्त भूपेंद्र कुमार पर आय से अधिक संपत्ति के मामले की विजिलेंस जांच हुई थी। विजिलेंस ने इस मामले में शासन ने आरोपित अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी है।

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