धराली और हर्षिल में सड़क को पांच मीटर ऊंचा करने की हाेगी सिफारिश, विशेषज्ञों ने किया निरीक्षण
धराली आपदा को लेकर विशेषज्ञों की टीम ने निरीक्षण किया था। आपदा में आया मलबा भी चुनौती बना है। इसके निस्तारण से लेकर अन्य पहलू पर भी विचार चल रहा है।
धराली में राहत-बचाव के साथ खोजबीन अभियान जारी है। आपदा के कारणों की पड़ताल के संबंध में स्थलीय निरीक्षण के बाद विशेषज्ञों की टीम रिपोर्ट तैयार कर रही है। इसमें धराली, हर्षिल में सड़क को पांच मीटर तक ऊंचा करने, खीरगंगा क्षेत्र के ट्रीटमेंट करने जैसे कामों की सिफारिश की जाएगी।
उत्तरकाशी जिले के धराली में आपदा ने नुकसान पहुंचाया है, यहां पर टीमें खोजबीन अभियान चला रही है। इसके अलावा जहां पर सड़क क्षतिग्रस्त हुई है, उसकी मरम्मत के लिए भी काम चल रहा है। शासन के निर्देश पर 14 अगस्त को सीबीआरआई रुड़की, जीएसआई, वाडिया संस्थान, आईआईटी रुड़की टीमें आपदा के कारणों के अध्ययन के लिए गई थी।
आपदा में आया मलबा भी चुनौती बना
इसमें आपदा के कारणों की पड़ताल की जा रही है। आपदा में आया मलबा भी चुनौती बना है। इसके निस्तारण से लेकर अन्य पहलू पर भी विचार चल रहा है। विशेषज्ञों की टीम में शामिल व सीबीआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डीपी कानूनगो कहते हैं कि धराली में सड़क को ऊंचा करने की जरूरत है, यहां पर करीब एक किमी तक 15 फीट तक को ऊंचा करने के साथ खीरगंगा के ड्रेनेज को लेकर भी काम करना होगा। खीरगंगा के इलाके में ट्रीटमेंट की जरूरत रहेगी। इसके अलावा ब्रिज, कल्वर्ट बनेगा, ऐसे में पानी मलबा बेहतर ढंग से निकल सकेगा।
हर्षिल में भी सड़क करीब आधा किमी तक 15 फीट ऊंचा करने की जरूरत रहेगी। इससे दोनों जगहों पर सड़क की ऊंचाई समान हो सकेगी। इसके अलावा भूस्खलन, भूकटाव को रोकने के जो भी सुरक्षात्मक कार्य होने हैं, इसमें मलबा का इस्तेमाल हो सकता है। इसके साथ ही रिवर ट्रेनिंग समेत अन्य कार्य करने होंगे। जो रिपोर्ट तैयार हो रही है, उसमें यह संस्तुति की जाएंगी।

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