धामी सरकार ने मरीजों को दी राहत, तय किए दवाओं के दाम; यहां पढ़ें लिस्ट
डॉक्टर, दवा निर्माता कंपनी और मेडिकल स्टोर की तिकड़ी अब मरीजों को लूट नहीं सकेगी। सरकार के आम रोगों की दवा का एमआरपी तय करने से उन्हें राहत मिलेगी।
कंपनियां दवा पर इससे ज्यादा एमआरपी लिख ही नहीं सकेगी। जबकि, अभी तक कुछ दवाओं का एमआरपी उनके होलसेल रेट से 5 गुना तक अधिक था । एलोपैथी में दो तरह की (एथिकल व जेनरिक दवाएं प्रयोग होती हैं।जेनरिक दवाइयां एथिकल के मुकाबले काफी सस्ती होती हैं। ज्यादातर डॉक्टर इन्हीं का प्रयोग करते हैं। वजह थी कि जेनरिक दवा का एमआरपी उसकी होलसेल बिक्री के रेट से चार से पांच गुना ज्यादा अंकित होता था । निर्माता कंपनी से मेडिकल स्टोर और फिर डॉक्टर तक ये दवाएं होलसेल रेट पर पहुंचती थी। एमआरपी व होलसेल रेट के अंतर का पैसा मेडिकल स्टोर और डॉक्टर के बीच बंटता था।
अधिकांश मरीज इसकी जानकारी होने के बावजूद लुटने पर मजबूर थे। लेकिन हाल ही केंद्र सरकार ने ब्लड प्रेशर, जुकाम, बुखार, खांसी, शुगर, थायराइड, दर्द के पेन किलर और कैंसर, टीबी में दी जाने वाली अंग्रेजी दवाइओं का एमआरपी तय कर दिया है। कंपनियां अब दवा के ऊपर इससे ज्यादा एमआरपी नहीं लिख सकती हैं।क्षेत्रीय औषधि निरीक्षक अनीता भारती ने कहा, ‘डॉक्टर के लिए पर्चे पर दवा के नाम के साथ उसका साल्ट लिखना भी जरूरी है। वे ऐसा नहीं करते हैं तो स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई कर सकता है।’
इन दवाओं के एमआरपी निर्धारित
• टेल्मिसर्टन आईपी 40 एमजी, क्लोर्थालिडोन आईपी 6.25 एमजी, सिल्नीडिपाइन आईपी 10 एमजी –
13.17 रुपये।
• एमोक्सिसिलिन ट्राइहाइड्रेट 400 एमजी, पोटेशियम क्लैबलनेट आईपी 57 एमजी 4.05 रुपये
• ओफ्लाक्सासिन आईपी 50 एमजी, मेट्रोनिजाडोल बेंजोएट आईपी 100 एमजी 0.72 रुपये
• पैरासिटामोल आईपी 500 एमजी, कैफीन आईपी
50 एमजी – 1.77 रुपये
• ओफ्लाक्सासिन आईपी 0.3 डब्ल्यू / बी, डेक्सामेथासोन सोडियम फास्फेट 0.1 डब्ल्यू बी- 5.80 रुपये
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