मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में बजट पेश होने के उपरान्त मीडिया से औपचारिक वार्ता करते हुए उत्तराखण्ड के रजत जयंती वर्ष में ऐतिहासिक बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री और पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि बजट राज्य सरकार की प्राथमिकताओं और संकल्पों को प्रस्तुत करता है। जो सरकार की भविष्य की योजनाओं को प्रस्तुत करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण के रजत जयंती वर्ष में बजट के आकार ने 01 लाख करोड़ को पार किया है। पिछले बजट की तुलना में इस वर्ष के बजट में 13 प्रतिशत वृद्धि हुई है। उत्तराखण्ड राज्य के प्रथम बजट से इस बार का बजट 24 गुना अधिक है। बजट ईकोलॉजी, इकोनोमी, इन्नोवेशन, इन्क्लूसिव और सस्टेनेबल डेवेलपमेंट के साथ-साथ टेक्नोलॉजी और एकाउन्टेबिलिटी को ध्यान में रख कर बनाया गया है। रीवर फ्रंट डेवेलपमेंट योजना, प्रवासी उत्तराखण्ड परिषद का गठन, स्मार्ट सिटी के अंतर्गत इलेक्ट्रिक बसों का संचालन, खेल विश्वविद्यालय की स्थापना, होमगार्ड कल्याण कोष का गठन, पुलिस कर्मियों के उत्साहवर्धन के लिए रिवाल्विंग फंड की स्थापना जैसी अनेक नए पहलुओं को इसमें सम्मिलित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट (नमो) अर्थात नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखंड, महान विरासत व ओजस्वी मानव संसाधन की थीम पर आधारित है। उन्होंने कहा कि बजट में राज्य के समावेशी एवं समग्र विकास के लिए (ज्ञान) अर्थात गरीब कल्याण, युवा, अन्नदाता एवं नारी कल्याण को केंद्र में रखा गया है। राज्य सरकार ने इस बजट में वित्तीय प्रबंधन पर भी विशेष जोर दिया है। उन्होंने कहा हम अपने संसाधनों से राज्य की आय बढ़ाने का प्रयास करेंगे। बजट में शिक्षा, ग्रामीण विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर, चिकित्सा, उद्योग आदि क्षेत्रों के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र के अनुरूप बजट है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बाबा केदार के धाम से कहा था कि इस सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा, इसी को ध्येय लेकर बजट में इस संकल्प की प्राप्ति के लिए प्रयास किए गए हैं, जो आने वाले समय में राज्य के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह बजट आदर्श उत्तराखंड बनाने तथा उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के संकल्प को पूरा करेगा।
*बजट में युवाओं को सशक्त बनाने पर फोकस*
• शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत: ₹178.83 करोड़
• 9वीं से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क पाठ्य पुस्तक हेतुः ₹59.41 करोड़
• कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों हेतु निःशुल्क जूता एवं बैग की व्यवस्था हेतु: ₹23.00 क
• विद्यालयी शिक्षा विभाग के अन्तर्गत छात्रवृत्ति हेतुः ₹15.00 करोड़
• शैक्षिक कार्यक्रमों के अन्तर्गत छात्रवृतिः ₹15.00 करोड़
• बालिका शिक्षा प्रोत्साहन (साईकिल) योजना हेतु: ₹15.00 करोड़
• साइन्स सिटी एवं विज्ञान केन्द्रों की स्थापना : ₹26.64 करोड़
अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र को सहायता हेतुः ₹5.75 करोड़
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद को सहायता हेतुः ₹16.80 करोड़
• उत्तराखण्ड विज्ञान एवं शिक्षण अनुसंधान की स्थापना हेतुः ₹5.40 करोड़
• विज्ञान केन्द्र चम्पावत हेतुः ₹10.00 करोड़
• विद्या समीक्षा केन्द्र हेतु: ₹2.41 करोड़
• राजकीय महाविद्यालय में ई-ग्रंथालय की स्थापनाः ₹2.00 करोड़
• मुख्यमंत्री शेवनिंग उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति हेतु: ₹2.00 करोड़
• एन०डी०ए० तथा आई०एम०ए० में चयनित छात्र/छात्राओं को पुरूस्कार हेतुः ₹1.25 करोड़
• उद्यमिता, कौशल एवं नवाचार को बढ़ावा दिये जाने हेतुः ₹7.11 करोड़
• टाटा टैक्नोलॉजी मॉडल के अनुसार आईटीआई का उन्नयन हेतु राजस्व मद हेतुः ₹45.00 करोड़ तथा पूंजीगत मद हेतुः ₹18.00 करोड़
• उदीयमान खिलाडियों को छात्रवृति हेतुः ₹10.00 करोड़
खेल महाकुम्भ के आयोजन हेतुः ₹15.00 करोड़
• राज्य और राष्ट्रीय युवा महोत्सवः ₹5.00 करोड़
• मुख्यमंत्री युवा मंगल दल स्वावलम्भन योजना हेतुः ₹5.00 करोड़
• मुख्यमंत्री ग्रामीण खेलकूद एवं स्वास्थ्य संवर्धन योजना हेतुः ₹2.50 करोड़
• रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर (RBI) हेतुः ₹20.00 करोड़
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हेतुः ₹60.00 करोड़
मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना हेतु: ₹10.00 करोड़
• प० दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना हेतुः ₹21.60 करोड़
*बजट में अन्नदाता को सशक्त बनाने पर फोकस*
ट्राउट प्रोत्साहन योजना हेतुः ₹146.00 करोड़
आईटीबीपी बटालियन को जीवित भेड़ बकरी और कुक्कुट आपूर्ति योजना हेतु लगभगः ₹13.66 करोड़
दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजनान्तर्गतः ₹85.00 करोड़
• किसान पेंशन योजनान्तर्गत समग्र रूप से लगभगः ₹42.18 करोड़
हाउस ऑफ हिमालयाज के अन्तर्गतः ₹15.00 करोड़
मिशन एप्पल योजना अन्तर्गतः ₹35.00 करोड़
दुग्ध उत्पादकों को दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना हेतु समग्र रूपः ₹30.00 करोड़
गंगा गाय महिला डेरी विकास योजनान्तर्गतः ₹5.00 करोड़
साईलेज हेतु सगग्र रूप सेः ₹40.00 करोड़
मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजनान्तर्गतः ₹25.00 करोड़
मुख्यमंत्री मत्स्य सपदा योजना हेतु: ₹12.43 करोड़
मिलेट मिशन योजना के प्रोत्साहन हेतुः ₹4.00 करोड़
• स्थानीय फसलों को प्रोत्साहन कार्यक्रम हेतुः ₹5.75 करोड़
नेशनल मिशन फॉर नेचुरल फार्मिंग योजना हेतुः ₹3.22 करोड़
: *बजट में नारी सशक्तिकरण पर विशेष फोकस*
• नन्दा गौरा योजनान्तर्गत लगभगः ₹157.84 करोड़
• प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजनाः ₹21.74 करोड़
• मुख्यमंत्री बाल पोषण योजनान्तर्गतः ₹29.91 करोड़
मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजनान्तर्गत लगभगः ₹22.62 करोड़
• मुख्यमंत्री वात्सल्य योजनान्तर्गत लगभगः ₹18.88 करोड़
मुख्यमंत्री महिला पोषण योजनान्तर्गत लगभगः ₹13.96 करोड़
• मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजनान्तर्गतः ₹14.00 करोड़
मुख्यमंत्री बाल एवं महिला बहुमुखी विकास निधि हेतुः ₹8.00 करोड़
• निराश्रित विधवाओं की पुत्रियों के विवाह हेतुः ₹5.00 करोड़
मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत लगभगः ₹3.76 करोड़
मुख्यमंत्री महिला स्वय सहायता समूह सशक्तिकरण योजना हेतुः ₹5.00 करोड़
• महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनान्तगत सब्सिडी: ₹5.00 करोड़
• राज्य में प्रसूता के लिए ईजा-बाई शगुन योजना हेतु समग्र रूप से लगभगः ₹14.13 करोड़
• मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजनान्तर्गतः ₹2.00 करोड़
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