सरकारी जमीन पर नहीं कर पाएंगे अतिक्रमण, बनेगा डिजिटल रिकॉर्ड; बदलाव पर मिलेगा अलर्टसरकारी जमीनों और अन्य परिसंपत्तियों पर अतिक्रमण अब सेटेलाइट इमेज के जरिए भी चिन्हित किया जाएगा। इसके लिए आईटीडीए ने पोर्टल बनाने का काम शुरू कर दिया है,
जहां सभी विभागों की जमीनों की सेटेलाइट इमेज सुरक्षित रहेगी। इसमें 30 सेंटीमीटर तक बदलाव पर पोर्टल खुद अलर्ट जारी कर देगा।प्रदेश के शहरों की बेशकीमती भूमि से लेकर जंगलात की आरक्षित जमीन पर तक कब्जे की शिकायतें आम हैं, विभाग समय-समय पर अतिक्रमण हटाने का अभियान तो चलाते हैं, लेकिन कुछ समय बाद फिर अतिक्रमण हो जाता है। इसलिए सरकारी जमीनों पर कब्जों की रोकथाम के लिए मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपनी जमीनों का चिन्हीकरण करते हुए, उनकी डिजिटल इमेज सुरक्षित करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में आईटीडीए ने जमीनों का डिजिटल रिकॉर्ड रखने के लिए पोर्टल बनाने का काम प्रारंभ कर दिया है। इस पोर्टल में सभी विभाग अपने डिजिटल रिकॉर्ड उपलब्ध कराएंगे।
आईटीडीए की निदेशक नीतिका खंडेलवाल ने कहा, ‘सभी विभागों को अपनी जमीन चिन्हित करते हुए, इमेज पोर्टल पर डालने के आदेश जारी किए गए हैं। सैटेलाइट मैपिंग यूसैक के जरिए की जा रही है, जबकि आईटीडीए इसमें तकनीकी सहयोग देगा। इस तकनीकी से 30 सेंटीमीटर तक के अतिक्रमण का चिन्हीकरण हो सकता है।’देश के कुछ ही शहरों में लागू है यह व्यवस्था
आईटीडीए की निदेशक नीतिका खंडेलवाल के
मुताबिक, गुरुग्राम सहित देश के कुछ शहरों में पहले से
ही यह व्यवस्था लागू है, जहां अतिक्रमण पर रोकथाम
के अच्छे नतीजे सामने आए हैं। यही तकनीकी अब
उत्तराखंड में लागू की जा रही है। एक महीने में सभी
विभाग सेटेलाइट इमेज उपलब्ध करा देंगे।
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