डीजीपी के निर्देश, सेना के जवानों और भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए नियुक्त होंगे नोडल अधिकारी
डीजीपी ने बैठक में कहा कि उनका लक्ष्य पुलिस को तकनीक सक्षम, संवेदनशील और प्रोफेशनल बनाने का है। इसके लिए डिजिटल दक्षता के साथ-साथ अपराध पर प्रभाव और पोर्टलों के प्रभावी संचालन पर जोर दिया जाएगा।
.डीजीपी दीपम सेठ ने बॉर्डर पर तैनात सेना के जवानों, भूतपूर्व सैनिक, अर्द्धसैनिक बलों के जवानों और पुलिस पेंशनर्स के कल्याण के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। ताकि, इन सभी की कोई समस्या हो तो उसका पुलिस के स्तर से हल किया जा सके।
नोडल अफसर मुख्यालय को भी इनके बारे में अवगत कराएगा। डीजीपी ने पेंशन से संबंधित समस्याएं, चिकित्सा सहायता, परामर्श सेवाएं एवं वेलफेयर गतिविधियों को समयबद्ध ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए। डीजीपी बुधवार को पटेलभवन में पुलिस कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने जिला पुलिस और बटालियनों के प्रभारियों को कानून व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, पुलिस के बुनियादी ढांचे, चारधाम यात्रा आदि विषयों पर दिशा निर्देश जारी किए।
डीजीपी ने बैठक में कहा कि उनका लक्ष्य पुलिस को तकनीक सक्षम, संवेदनशील और प्रोफेशनल बनाने का है। इसके लिए डिजिटल दक्षता के साथ-साथ अपराध पर प्रभाव और पोर्टलों के प्रभावी संचालन पर जोर दिया जाएगा।
ये दिए निर्देश
कानून व्यवस्था
– वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए खुफिया तंत्र को सक्रिय करते हुए इसकी थानावार समीक्षा की जाए।
– लंबित मामलों की समीक्षा और प्राथमिकता निर्धारण कर जल्द से जल्द निस्तारण कराया जाए।
– विशेष टीमों का गठन कर इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान चलाया जाए।
– विवेचना में देरी के लिए उत्तरदायी कारणों की पहचान कर पुराने मामलों का निस्तारण किया जाए।
– गैर जमानती वारंट और कुर्की वारंटों को तामील करने के लिए थाना प्रभारियों को व्यक्तिगत उत्तरदायित्व सौंपा जाए।
– मादक पदार्थ विरोधी अभियान को सतत रूप से चलाया जाए। आदतन तस्करों पर पिट एनडीपीएस एक्ट में कार्रवाई की जाए।
– डायल 112 का रिस्पांस टाइम सुधारने के लिए संसाधनों की पुनर्संरचना कर समयबद्ध प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जाए।
– महिला सुरक्षा के लिए बीट स्तर पर जनसंपर्क अभियान चलाया जाए और साइबर क्राइम हेल्पलाइन को मजबूत किया जाए।
– गंभीर अपराधों में एफएसल व फील्ड यूनिट की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए मासिक समीक्षा की जाए।
नए कानून और पोर्टल
– नए आपराधिक कानूनों के तहत जीरो एफआईआर, ई-एफआईआर के संबंध में जागरूकता लाई जाए।
– सीसीटीएनएस में डाटा की गुणवत्ता बढ़ाने के निर्देश दिए।
– विभिन्न पोर्टल नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल, समन्वय, नेटग्रिड, एनकॉर्ड, निदान और मानस डाटा समबद्ध तरीके से अपलोड किया जाए।
– प्रत्येक पोर्टल के लिए जिलास्तर पर एक नोडल अफसर नियुक्त किया जाए। इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को उपलब्ध कराई जाए।
– प्रत्येक पोर्टल के लिए बंधित पुलिसकर्मियों को कार्यप्रणाली की समुचित ट्रेनिंग दी जाए।
चारधाम यात्रा
– गढ़वाल रेंज कार्यालय में स्थापित चारधाम कंट्रोल रूम को जल्द शुरू करने के निर्देश दिए।
– यात्रा मार्गों की ट्रैफिक योजना, भीड़ नियंत्रण, पार्किंग और सुरक्षा व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जाए।
– उत्तराखंड पुलिस मोबाइल एप में रियल-टाइम अपडेट, इमरजेंसी हेल्पलाइन और रूट अपडेट जैसी सेवाएं सक्रिय की जाएं।
फिट उत्तराखंड अभियान
– पुलिस कर्मियों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए।
– परेड, पीटी, योग एवं मेडिटेशन सत्रों का आयोजन किया जाए।
– स्ट्रेस मैनेजमेंट और मानसिक स्वास्थ्य के लिए काउंसलिंग वर्कशॉप्स आयोजित की जाए।
– स्वस्थ जीवनशैली और कार्य-जीवन संतुलन पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं।
महिला पुलिस
– महिला कर्मियों के लिए विशेष स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाए जाएं।
– साइबर अपराध, जांच/विवेचना, महिला व बाल संरक्षण जैसे विषयों पर प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जाएं।
– ड्यूटी में सुविधा के लिए परामर्श, स्वास्थ्य और मातृत्व से जुड़े प्रावधानों को बेहतर बनाया जाए।
– महिला पुलिसकर्मियों की पदोन्नति, सम्मान और समान अवसर सुनिश्चित किए जाएं।
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