Big breaking :-DGP उत्तराखंड की महत्वपूर्ण बैठक, अधिकारियो क़ो दिए ये सख्त निर्देश - News Height
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Big breaking :-DGP उत्तराखंड की महत्वपूर्ण बैठक, अधिकारियो क़ो दिए ये सख्त निर्देश

पुलिस महानिदेशक  दीपम सेठ की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय पुलिस समीक्षा गोष्ठी का आयोजन सरदार पटेल भवन स्थित सभागार में किया गया। इस महत्वपूर्ण गोष्ठी में प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, दोनों रेंज प्रभारियों, समस्त जनपदों के पुलिस प्रमुखों, वाहिनियों, रेलवे, STF, SDRF एवं अन्य विशेष इकाइयों के प्रमुख अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

गोष्ठी का प्रमुख उद्देश्य राज्य की कानून व्यवस्था की समग्र समीक्षा, अपराध नियंत्रण रणनीतियों का मूल्यांकन, पुलिस बल के कल्याण तथा बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने पर विचार-विमर्श करना था।

समीक्षा गोष्ठी में पुलिस महानिदेशक द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत समीक्षा एवं विचार-विमर्श करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए-

▪️ वांछित अपराधियों, ईनामी, लंबित विवेचनाओं, एनबीडब्लू/कुर्की वारंट और नशा तस्करों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियानों की समीक्षा:

अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था- श्री वी. मुरूगेशन द्वारा वांछित अपराधियों, ईनामी घोषित अपराधियों और लंबित विवेचनाओं, वारंटों के निष्पादन व प्रचलित अभियानों में कार्यवाहियों का तुलनात्मक एवं विश्लेषणात्मक अवलोकन प्रस्तुत किया गया। पुलिस महानिदेशक द्वारा राज्यभर में अपराध नियंत्रण हेतु चलाए जा रहे विशेष अभियानों की प्रगति की गहन समीक्षा कर जनपदवार विवरणों के आधार पर निम्न दिशा-निर्देश दिए गए:

• वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु स्थानीय खुफिया तंत्र को सक्रिय करते हुए थानावार समीक्षा अनिवार्य की जाए।
• लंबित मामलों की समीक्षा और प्राथमिकता निर्धारण कर जल्द से जल्द निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
• विशेष टीमों का गठन कर इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु केंद्रित अभियान चलाया जाए।
• विवेचना में देरी हेतु उत्तरदायी कारकों की पहचान कर प्राथमिकता के आधार पर पुराने मामलों का निस्तारण किया जाए। विवेचकों की जवाबदेही भी सुनिश्चित की जाए।
• लंबित NBW एवं कुकी वारंटों की तामील हेतु थाना प्रभारियों को व्यक्तिगत उत्तरदायित्व सौंपा जाए। नियमित समीक्षा करते हुए उनकी तामील में तीव्रता लायी जाए।
• मादक पदार्थ विरोधी अभियान को सतत रूप से चलाया जाए। नशा तस्करी की रोकथाम हेतु हॉटस्पॉट चिन्हित कर नियमित चेकिंग, और बड़े रैकेट्स पर सम्पत्ति जब्तीकरण सहित PIT-NDPS के अंतर्गत कार्यवाही अमल में लायी जाए।
• डायल 112 में उन जनपदों में जहाँ Response Time अधिक है, वहां संसाधनों की पुनर्संरचना कर समयबद्ध प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जाए।
• महिला सुरक्षा के लिए बीट स्तर पर जनसंपर्क अभियान चलाया जाए। Cyber Crime Helpline 1930 व साइबर सेल को और अधिक सुदृढ़ करते हुए विशेष रूप से स्कूल-कॉलेजों व संस्थानों में व्यापक रूप से साइबर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए।
• गंभीर अपराधों में FSL व फील्ड यूनिट की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए मासिक समीक्षा की जाए।

▪️ नए आपराधिक कानूनों का क्रियान्वयन की समीक्षा व निर्देश-
• नए आपराधिक कानूनों के मुख्य प्रावधानों- Zero FIR, e-FIR, और गंभीर अपराधों में फॉरेंसिक टीम की अनिवार्य उपस्थिति का अनुपालन सुनिश्चित करने पर चर्चा हुई। साथ ही, साक्ष्यों को डिजिटल माध्यम से अपलोड करने और समयसीमा में कार्यवाही पूरी करने के निर्देश दिए गए।
• अपराधिक मामलों में तकनीकी उपकरणों के प्रभावी उपयोग के लिए CCTNS (Crime and Criminal Tracking Network & Systems) में डेटा की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर दिया गया।

▪️ विभिन्न पोर्टलों की जनपदवार प्रगति की समीक्षा (NCRP, CEIR, SAMANVAY, NATGRID, NCORD, NIDAAN, MANAS):
• संबंधित पोर्टलों पर रोजाना या निर्धारित समयावधि में डेटा अपलोड हो। अपलोड किया गया डेटा समयबद्ध, सटीक और पूर्ण हो, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए।
• प्रत्येक पोर्टल के लिए जनपद स्तर पर एक नामित नोडल अधिकारी सुनिश्चित किया जाए। ये अधिकारी अपने-अपने पोर्टल की समीक्षा कर रिपोर्ट मुख्यालय को उपलब्ध कराएं।
• संबंधित पुलिसकर्मियों को इन पोर्टलों के कार्यप्रणाली की समुचित ट्रेनिंग दी जाए।
• सभी पोर्टलों पर मौजूद डैशबोर्ड्स की नियमित निगरानी की जाए। इससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रगति और कार्यान्वयन की वास्तविक स्थिति का स्पष्ट आंकलन हो सके।

▪️ चारधाम यात्रा 2025 की तैयारी:
• गढ़वाल रेंज कार्यालय में स्थापित “चारधाम यात्रा कंट्रोल रूम” को शीघ्र क्रियाशील बनाने के निर्देश दिए गए।
• यात्रा मार्गों की ट्रैफिक योजना, भीड़ नियंत्रण, पार्किंग और सुरक्षा व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जाए।
• उत्तराखण्ड पुलिस मोबाइल ऐप में रियल-टाइम अपडेट, इमरजेंसी हेल्पलाइन, और रूट अपडेट जैसी सेवाएं सक्रिय की जाएं।

डीजीपी महोदय ने कहा, “चारधाम यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, राज्य की प्रतिष्ठा से जुड़ा व्यापक आयोजन है, इसलिए पुलिस की जिम्मेदारी यहां सबसे अहम है।”

▪️ जनपदों/वाहिनियों/इकाइयों द्वारा प्रस्तुतियाँ:
• दोनों परिक्षेत्र/सभी जनपद/एसटीएफ/रेलवे इकाइयों ने कानून व्यवस्था, आपराधिक घटनाओं पर प्रतिक्रिया, विशेष अभियानों और प्रशासनिक आवश्यकताओं पर विस्तृत प्रस्तुतियाँ दीं।
• PAC की 31वीं, 46वीं एवं 40वीं वाहिनियों, SDRF, IRB, इकाइयों में राजपत्रित अधिकारियों द्वारा की गयी डिटैचमेंट चैकिंग, विशेष तैनातियाँ, व आपदा प्रबंधन की तैयारी से संबंधित बिंदुओं पर सशक्त प्रस्तुतिकरण दिया गया।

▪️ ‘फिट उत्तराखण्ड’ अभियान – स्वास्थ्य और मनोबल के लिए ठोस पहल
राज्य पुलिस बल की शारीरिक और मानसिक फिटनेस को प्राथमिकता देते हुए डीजीपी महोदय द्वारा फिट इंडिया मूवमेंट व फिट उत्तराखण्ड अभियान को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए गए। इस अभियान के अंतर्गत सभी जनपदों और इकाइयों में निम्न बिंदुओं को अनिवार्य रूप से क्रियान्वित किया जाएगा:
• पुलिस कर्मियों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण (रेगुलर हेल्थ चेकअप)
• परेड, पीटी, योगा एवं मेडिटेशन सत्रों का आयोजन
• स्ट्रेस मैनेजमेंट और मानसिक स्वास्थ्य के लिए काउंसलिंग वर्कशॉप्स
• स्वस्थ जीवनशैली और कार्य-जीवन संतुलन पर जागरूकता कार्यक्रम
यह पहल न केवल बल की शारीरिक क्षमता को सुदृढ़ करेगी, बल्कि मानसिक सुदृढ़ता एवं मनोबल को भी ऊंचा करेगी।

▪️ सीमावर्ती सुरक्षाबलों और पेंशनर्स की समस्याओं के समाधान हेतु संरचित व्यवस्था
डीजीपी महोदय ने बॉर्डर क्षेत्रों में तैनात सेना और पैरामिलिट्री बलों के जवानों की समस्याओं के समयबद्ध निस्तारण एवं सेना/अर्धसैनिक बलों के सेवानिवृत्त कर्मियों (Ex-Servicemen), व सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों के कल्याण हेतु निर्दश दिए गए-
• प्रत्येक जनपद में एक पुलिस नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा जो इन मामलों की निगरानी करेगा।
• पुलिस मुख्यालय स्तर पर एक राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी भी नामित किया जाएगा, जो समन्वय एवं नीति निर्माण में सहयोग करेगा।
• पेंशन से संबंधित समस्याएं, चिकित्सा सहायता, परामर्श सेवाएं एवं वेलफेयर गतिविधियों को समयबद्ध ढंग से संचालित किया जाएगा।

▪️ महिला पुलिस बल को और अधिक प्रोफेशनल और दक्ष बनाने की दिशा में पहल
डीजीपी महोदय द्वारा महिला पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण, दक्षता-वृद्धि एवं कल्याण के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं। इस दिशा में निम्न प्रयास किए जाएंगे:
• महिला कर्मियों के लिए विशेष स्किल डेवेलपमेंट प्रोग्राम्स।
• साइबर अपराध, जांच/विवेचना, महिला एवं बाल संरक्षण जैसे विषयों पर प्रशिक्षण कार्यशालाएं।
• ड्यूटी में सुविधा हेतु परामर्श, स्वास्थ्य एवं मातृत्व से जुड़े प्रावधानों को बेहतर बनाना।
• महिला पुलिसकर्मियों की पदोन्नति, सम्मान और समान अवसर सुनिश्चित करना।

अपने सम्बोधन में डीजीपी महोदय ने कहा कि “उत्तराखण्ड पुलिस राज्य की सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए दृढ़ संकल्पित एवं प्रतिबद्ध है। पुलिस को तकनीक-सक्षम, संवेदनशील और पेशेवर बल के रूप में विकसित करना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। कानून व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, महिला सुरक्षा, साइबर अपराध, और पुलिस बल के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर लिए गए निर्णय राज्य की आंतरिक सुरक्षा को नई दिशा प्रदान करेंगे।

माननीय मुख्यमंत्री जी के ‘फिट उत्तराखण्ड’ अभियान तथा चारधाम यात्रा 2025 की सफलतापूर्वक तैयारी के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा सेवानिवृत्त कर्मियों की समस्याओं के समाधान हेतु भी ठोस एवं प्रभावी निर्णय लिये गए हैं।

मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी अधिकारीगण निर्धारित प्राथमिकताओं पर मिशन मोड में कार्य करते हुए समयबद्धता, गुणवत्ता, और परिणामों पर केंद्रित दृष्टिकोण अपनाएंगे।”
#UttarakhandPolice

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Author: Swati Panwar
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