पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (DGP) अभिनव कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि अगर उन्हें किसी व्यक्ति को रिटायरमेंट के बाद कांग्रेस में शामिल करना हो, तो वह डीजीपी होंगे.
यह टिप्पणी डीजीपी द्वारा हरिद्वार में एक बदमाश के एनकाउंटर के बाद की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के संदर्भ में आई, जिसमें डीजीपी ने कानून-व्यवस्था पर कुछ नेताओं और मीडिया द्वारा की गई अलोचना का जवाब दिया था.
एनकाउंटर के बाद डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा था कि, “मीडिया के एक वर्ग और कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर चिंता प्रकट की गई थी, जो सही है. हम इसका सम्मान करते हैं, लेकिन उनसे आग्रह है कि वे अपनी पुलिस और सरकार में विश्वास बनाए रखें. हम उनकी चिंताओं का समाधान करने का प्रयास करेंगे.”
डीजीपी के बयान पर हरीश रावत ने ली चुटकी
इस बयान के बाद हरीश रावत ने चुटकी लेते हुए कहा कि, डीजीपी का वीडियो देखने के बाद उन्हें लगा कि यदि वे किसी एक व्यक्ति को कांग्रेस में शामिल करना चाहें, तो वह डीजीपी अभिनव कुमार होंगे. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने डीजीपी का वीडियो नहीं देखा है और न ही बयान सुना है. यदि डीजीपी ने ऐसा बयान दिया है, तो उन्हें अपने दायरे में रहते हुए काम करना चाहिए.
डीजीपी के इस बयान के बाद राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है, और यह चर्चा का एक नया विषय बन गया है. अब देखना यह होगा कि इस घटनाक्रम पर राजनीतिक दलों और संबंधित अधिकारियों की ओर से आगे क्या प्रतिक्रियाएं आती हैं. पूर्व सीएम हरीश रावत के बयान ने उत्तराखंड का सियासी पारा बढ़ा दिया है.
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