Delhi-Dehradun Expressway पर हादसा; टोल प्लाजा निर्माण के लिए खोदे गए गड्ढे में गिरी कार, तीन लोग गंभीर रूप से घायल
सी-2627 हाईवे पर गणेशपुर के पास टोल प्लाजा निर्माण के दौरान खोदे गए गहरे गड्ढे में एक कार गिर गई जिससे उसमें सवार तीन लोग घायल हो गए। चालक को कोई चोट नहीं आई। घायलों को देहरादून के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हादसे से पहले भी एक बाइक सवार इसी गड्ढे में गिर गया था। निर्माण कार्य कराने वाले ठेकेदार की लापरवाही सामने आई है।
दिल्ली-देहरादून ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे पर गणेशपुर के निकट चल रहे टोल प्लाजा के निर्माण के कार्य के दौरान सड़क पर खोदे गये 12 गहरे गड्ढे में कार गिर गई। हादसे में कार सवार तीन लोग घायल हो गए, जबकि चालक चोट नहीं आई है। देर रात सभी घायलों को उपचार के लिए देहरादून भिजवा दिया गया। हादसा दिल्ली देहरादून ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे पर गणेशपुर के निकट शनिवार की देर रात करीब साढ़े 12 बजे हुआ।
देहरादून से एक टैक्सी कार में सवार होकर तीन लोग आ रहे थे। कार जैसे ही गणेशपुर के निकट बनाए जा रहे टोल प्लाजा के निकट पहुंची तो कार नियंत्रित होकर हाईवे निर्माण कंपनी के कर्मचारियों द्वारा खोदे गए करीब दस फीट गहरे गड्ढे में जा गिरी। चालक सहित कार में चारों लोग भी नीचे गिर गए। हादसे में कार चालक साजिद निवासी दिल्ली को चोट नहीं आई, जबकि कार सवार तीनों लोग घायल हो गए।
एक्सप्रेस-वे से गुजर रहे यात्रियों व निर्माण कंपनी के कर्मचारियों ने हादसे में घायल हुए कार सवारों को निकाल कर उपचार के लिए देहरादून के अस्पताल भिजवा दिया। आसपास के लोगों ने बताया कि इस हादसे से पहले एक बाइक सवार भी इसी गडढ़े में गिर गया था।
इस संबंध में एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रदीप गोसाई से बात की तो उन्होंने निर्माण कार्य कराने वाले ठेकेदार की लापरवाही स्वीकार करते हुए बताया कि उन्हें सख्त हिदायत की गई है कि चले निर्माण के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही न बरती जाए।
बता दें कि बीते 20 दिसंबर की रात चिलकाना से दो युवक बाइक पर सवार होकर ग्राम नल्हेडा में अपने दोस्त के यहां जा रहे थे। इस बीच उनकी बाइक चिलकाना-नल्हेडा मार्ग पर विभाग की लापरवाही के कारण पुलिया के निर्माण के लिए सड़क पर खोदे गए गहरे गड्ढे में गिर कर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। हादसे में बाइक सवार दोनों युवकों की जान चली गई थी।
चूंकि पुलिया निर्माण करने के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा गड्ढे के दोनों ओर कोई संकेतक या अवरोधक नहीं लगाया गया था। यदि संबंधित अधिकारी या ठेकेदार पहले ही सडक के दोनों ओर संकेतक या अवरोधक खडे कर देते तो शायद उक्त हादसा ना होता। हालांकि हादसे के बाद विभाग द्वारा सड़क पर संकेतक एवं अवरोध खड़े कर दिए गए, लेकिन हादसे के जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध अभी तक भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं किया जाना विभाग की संवेदनहीनता को दर्शा रहा है।
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