Dehradun के सबसे बड़े बाटलनेक आढ़त बाजार का अड़ंगा दूर, 126 करोड़ का मुआवजा पास
देहरादून के आढ़त बाजार को स्थानांतरित करने के लिए एमडीडीए ने मुआवजे को मंजूरी दे दी है। 126 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा जिसके लिए हडको से ऋण लिया गया है। पटेल नगर में नया बाजार बन रहा है और सहारनपुर चौक से तहसील चौक तक सड़क चौड़ीकरण का काम भी होगा। मुआवजा वितरण जल्द शुरू होगा और नए बाजार में प्लाट रियायती दरों पर मिलेंगे।
दून के सबसे बड़े बाटलनेक आढ़त बाजार की शिफ्टिंग का जो अड़ंगा 126 करोड़ रुपए के मुआवजे पर अटका था, वह अब दूर हो गया है। हडको से 50 करोड़ रुपए का ऋण मिलने के बाद भी मुआवजा नहीं बंट पा रहा था। अब मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की बोर्ड बैठक में मुआवजा वितरण का प्रस्ताव पास हो जाने के बाद सभी अड़चन दूर हो गई हैं।
आढ़त बाजार की शिफ्टिंग का कार्य दो अलग अलग योजनाओं के माध्यम से आगे बढ़ रहा है। पहली योजना में पटेल नगर कोतवाली के पास की भूमि पर नए आढ़त बाजार का काम तेज गति से आगे बढ़ रहा है।
वहीं, दूसरी योजना आढ़त बाजार की शिफ्टिंग के साथ ही सहारनपुर चौक से तहसील चौक के बीच सड़क चौड़ीकरण की है। इस कार्य के बिना आढ़त बाजार शिफ्टिंग की योजना को सफल नहीं माना जा सकता। सड़क चौड़ीकरण का कार्य इसलिए अभी तक शुरू नहीं हो पाया है, क्योंकि शिफ्ट होने वाले आढ़तियों को मुआवजा नहीं बंट पाया था।
गांधी रोड पर आढ़त बाजार के साथ ही तहसील चौक के बीच 430 भू-स्वामी/किराएदार ऐसे चिह्नित किए गए हैं, जो आढ़त बाजार शिफ्टिंग और सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रहे हैं। इनमें से 350 ने परियोजना के तहत मुआवजे या नए स्थल पर प्लाट या दोनों विकल्प चुने हैं। वहीं, 80 प्रकरण ऐसे हैं, जिनमें सिर्फ मुआवजे का विकल्प अपनाया है। सभी को मिलाकर कुल 126 करोड़ रुपए के मुआवजे का आकलन किया गया था।
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी के अनुसार अब कारोबारियों या अन्य संपत्ति स्वामियों/कब्जेदारों को नियमानुसार मुआवजा बांटकर शिफ्ट किया जाएगा। यह प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जाएगी।
मुआवजा बांटने को नामित किए अधिकारी
एमडीडीए उपाध्यक्ष तिवारी के अनुसार आढ़त बाजार में सड़क चौड़ीकरण की जद में आने वाले प्रतिष्ठानों की संपत्ति की रजिस्ट्री लोनिवि के पक्ष में की जाएगी। इसके लिए सक्षम अधिकारी नामित कर दिए गए हैं। ताकि पुराने स्थल को सड़क चौड़ीकरण के लिहाज से जल्द खाली किया जा सके।
80 ने नहीं दिया कोई विकल्प, पत्राचार होगा तेज
आढ़त बाजार शिफ्टिंग योजना में करीब 80 ऐसे व्यक्ति भी हैं, जिन्होंने कोई विकल्प नहीं दिया है। अब एमडीडीए इनसे पत्राचार कर जल्द से जल्द विकल्प देने का आग्रह करेगा।
10 हेक्टेयर भूमि पर किया जा रहा नए आढ़त बाजार का विकास
नए आढ़त बाजार का विकास करीब 10 हेक्टेयर भूमि पर किया जा रहा है। निर्माण की गति को देखते हुए कहा जा सकता है कि बाजार का विकास तय समय से पहले ही कर दिया जाएगा। क्योंकि, वर्तमान समय तक 80 प्रतिशत कार्य पूरा किया जा चुका है।
वर्तमान में यहां पर पांच मंजिला मल्टीस्टोरी कार पार्किंग और ओवरहेड टैंक का ढांचा बनकर तैयार हो गया है। इसके अलावा हरिद्वार बाईपास रोड से आढ़त बाजार के लिए आवागमन करने के लिए दो मार्ग समानांतर रूप से बनाए जा रहे हैं। जो बिंदाल नदी के किनारों से होकर नए आढ़त बाजार तक पहुंचेंगे। नदी पार करने के लिए पुल का निर्माण भी जल्द पूरा कर दिया जाएगा। नए बाजार की मुख्य सड़कें भी आकार ले चुकी हैं। इसके अलावा स्थल पर सीवर लाइन और ड्रेनेज के लिए लाइन डाली जा चुकी हैं और निर्धारित दूरी पर चैंबर भी बनाए जा चुके हैं।
मुआवजे की यह है दरें
श्रेणी, दर (वर्गमीटर)
ओपन एरिया (आवासीय), 50 हजार रुपए (15 प्रतिशत अतिरिक्त)
ओपन एरिया (कमर्शियल), 55 हजार रुपए (15 प्रतिशत अतिरिक्त)
कमर्शियल भूमि दर, 55 हजार रुपए (15 प्रतिशत अतिरिक्त)
कमर्शियल (निर्माण सहित), 77 हजार रुपए (15 प्रतिशत अतिरिक्त)
आवासीय भूमि दर, 50 हजार रुपए (15 प्रतिशत अतिरिक्त)
आवासीय (निर्माण सहित), 12 हजार रुपए (15 प्रतिशत अतिरिक्त)
सड़क की चौड़ाई 15 मीटर तो अतिरिक्त मिलेगा मुआवजा
आढ़त बाजार शिफ्टिंग की परियोजना में यह व्यवस्था भी की गई है कि यदि संपत्ति 15 मीटर चौड़ी सड़क पर स्थित है तो उस स्थिति में 15 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा दिया जाएगा।
नए स्थल पर 35 हजार की दर पर प्लाट
आढ़त बाजार शिफ्टिंग परियोजना में प्रभावित होने वाले कारोबारियों और अन्य व्यक्तियों को अतिरिक्त राहत दी गई है। नए स्थल पर प्लाट का आवंटन मुआवजे के मुकाबले काफी कम दर पर किया जाएगा। यह दर करीब 35 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर तय की गई है।
इस तरह आसान की जाती रही आढ़त बाजार की शिफ्टिंग की राह
भूमि हस्तांतरण, सर्किल रेट के मुताबिक 222.79 करोड़ रुपये की 7.7493 हेक्टेयर भूमि हस्तांतरित
भूमि का उपयोग आवासीय व कुछ कृषि है, इसे कमर्शियल करने को 33.41 करोड़ रुपये का शुल्क माफ किया गया
सहारनपुर चौक से तहसील चौक तक सड़क चौड़ीकरण के लिए शिफ्ट होने वाले कारोबारी व अन्य व्यापारी लोनिवि के पक्ष में रजिस्ट्री करेंगे। इसकी रजिस्ट्री में लगने वाले 3.31 करोड़ रुपये के स्टांप शुल्क को भी कैबिनेट ने माफ किया गया।
नए आढ़त बाजार में चार प्रकार के प्लाट
नए आढ़त बाजार स्थल में 60, 120, 180 व 240 वर्गमीटर के प्लाट तैयार किए जाएंगे। इसी के मुताबिक मुआवजे की गणना की जाएगी। उदाहरण के लिए यदि किसी कारोबारी का आढ़त बाजार में 120 वर्गमीटर की जगह थी और वह नए स्थल पर 60 वर्गमीटर की जगह चाह रहा है तो उसे शेष आकार के हिसाब से मुआवजा देने का प्रविधान किया गया है। इसी तरह आकार में कमी व अधिकता के हिसाब से गणना की गई। शहर के अन्य क्षेत्रों के आढ़ती भी नए बाजार में स्थल आवंटित करा सकते हैं। इसके लिए शिफ्टिंग के साथ प्लाट खरीद दोनों विकल्प उपलब्ध हैं।
24 मीटर चौड़ी होगी 1.55 किलोमीटर सड़क
गांधी रोड से आढ़त बाजार की शिफ्टिंग के बाद सड़क को 24 मीटर तक चौड़ा किया जाएगा। हालांकि, इसके लिए मुआवजा वितरण में विलंब होने के चलते लोनिवि प्रांतीय खंड को डीपीआर में संशोधन भी करना पड़ेगा। लोनिवि पूर्व में डीपीआर तैयार कर चुका था, जिसे अब नई दरों पर संशोधित किया जाएगा।
आइटी कंपनियों के लिए लैंड बैंक तलाश करेगा एमडीडीए
देहरादून: मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की 110वीं बोर्ड बैठक में तेजी से आकार लेते शहर और आवास से लेकर व्यवसायिक गतिविधियों के लिए सिमटती जा रही जमीन मुख्य मुद्दा रहा। तय किया गया कि लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत जमीन क्रय की जाएगी या साझा रूप में परियोजनाओं का विकास किया जाएगा।
गुरुवार को मंडलायुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडे की अध्यक्षता में सचिवालय में आयोजित बोर्ड बैठक में यह बात सामने आई कि विभिन्न आइटी कंपनियां जमीन की मांग कर रही हैं। वहीं, आवास की बढ़ती जरूरत के बीच भी जमीन की जरूरत है। इस प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए तय किया गया कि पछवादून और अन्य स्थानों पर एमडीडीए लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत लैंड बैंक तैयार करने के प्रयास करेगा। साथ ही राज्य विभाग से भी पत्राचार कर जमीन की तलाश की जाएगी।
बैठक में इस बात पर खुशी व्यक्त की है कि एमडीडीए ने आइएसबीटी और आमवाला तरला की आवासीय परियोजना से विशुद्ध रूप में 75 करोड़ रुपए की आय प्राप्त की है। निकट भविष्य में धर्मावाला और अन्य स्थलों पर आवासीय परियोजनाओं के विकास का निर्णय भी लिया गया।
साथ ही तय किया गया कि डिफेंस कालोनी और मियांवाला में बनाए गए वृहद तालाब का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शीघ्र करवाया जाएगा। बोर्ड के समक्ष वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए करीब 1010 करोड़ रुपए का बजट पारित किया गया। वहीं, बोर्ड के समक्ष रखे गए 75 प्रकरणों में आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।
भवन, होटल, रिसोर्ट निर्माण के साथ ही लैंडयूज के विभिन्न प्रकरणों पर भी नियमानुसार अनुमोदन दिया गया। बैठक में एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी, संयुक्त सचिव वित्त विजय कुमार, अनु सचिव आवास नरेंद्र सिंह रावत, अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक एसएम श्रीवास्तव, सचिव मोहन सिंह बर्निया आदि उपस्थित रहे।

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