Big breaking :-देहरादून में नई व्यवस्था: व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का नगर निगम में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, 10 हजार से दो लाख तक देने होंगे - News Height
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Big breaking :-देहरादून में नई व्यवस्था: व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का नगर निगम में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, 10 हजार से दो लाख तक देने होंगे

देहरादून में नई व्यवस्था: व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का नगर निगम में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, 10 हजार से दो लाख तक देने होंगे
Dehradun News देहरादून शहर में अब सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का नगर निगम में पंजीकरण अनिवार्य हो गया है। हर साल लाइसेंस का नवीनीकरण भी कराना होगा। विभिन्न श्रेणियों के लिए पंजीकरण और नवीनीकरण शुल्क तय किए गए हैं। नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना भी लगेगा। नगर निगम ने 31 मई तक आपत्तियां मांगी हैं जिसके बाद पंजीकरण शुरू होगा।

शहर में विभिन्न व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का नगर निगम में पंजीकरण अनिवार्य हो गया है। इसके साथ ही प्रत्येक वर्ष लाइसेंस का नवीनीकरण कराना होगा। विभिन्न श्रेणी के तहत प्रतिष्ठानों के लिए पंजीकरण व नवीनीकरण शुल्क निर्धारित कर दिया गया है। जिसके आधार पर नगर निगम की ओर से व्यापार-ट्रेड लाइसेंस जारी किया जाएगा।
इसके अलावा नगर निगम की ओर से जारी उपविधि के उल्लंघन पर जुर्माने का भी प्रविधान है। पहली बार नगर निगम में आबकारी व्यवसायियों के लिए भी नियम लागू किए गए हैं। हालांकि, आगामी 31 मई तक नगर निगम ने आपत्तियां मांगी है, जिनके निस्तारण के बाद पंजीकरण की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
नगर निगम देहरादून की ओर से उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम-1959 (यथा प्रवृत्त उत्तराखंड) की धारा 541 के अंतर्गत नगर निगम क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के व्यवसायिक लाइसेंस/पंजीकरण की स्वीकृति के अनुसार व्यवसायों पर लागू करने का निर्णय लिया गया है। जिसके लिए उपविधि को जारी किया गया है। 17 मई को जारी उपविधि को उसी दिन से लागू माना गया है, जिसके तहत इससे पूर्व में जारी लाइसेंस/पंजीकरण को स्वतः समाप्त माना जाएगा।
अंतिम तारीख

हालांकि, यह अनंतिम उपविधि है और आपत्तियों के निस्तारण के बाद अंतिम उपविधि जारी की जाएगी। नगर निगम देहरादून की सीमा के अंतर्गत कोई भी व्यवसाय करने का पात्र तभी होगा, जब नगर निगम देहरादून कार्यालय में निर्धारित शुल्क का भुगतान कर लाइसेंस प्राप्त कर लिया जाएगा। हालांकि, इसमें एक महत्वपूर्ण बिंदु यह रखा गया है कि यदि राज्य सरकार उपविधि के किसी भी प्रविधान से असंतुष्ट है तो सरकार उसे परिष्कृत कर छूट प्रदान करने कर सकती है।
व्यापार लाइसेंस उपविधि के उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई
नगर निगम देहरादून की ओर से जारी व्यापार लाइसेंस उपविधि का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई का भी प्रविधान है। प्रथम बार उल्लंघन पर 15 दिन का नोटिस दिया जाएगा। जिसके बाद दोगुना पंजीकरण अथवा नवीनीकरण शुल्क वसूला जाएगा। दूसरी बार उल्लंघन पर सात दिन का नोटिस और फिर चार गुना शुल्क लिया जाएगा। इसके बावजूद व्यवसायी पंजीकरण या नवीनीकरण नहीं करता है तो आरसी काटी जाएगी।
31 मई शाम पांच बजे से पहले दर्ज कराएं आपत्ति

नगर आयुक्त नमामी बंसल ने बताया कि देहरादून नगर निगम क्षेत्र के लिए जारी व्यापार लाइसेंस उपविधि पर आपत्ति को लेकर 15 दिन का समय दिया गया है। जिसके तहत आगामी 31 मई शाम पांच बजे से पहले प्राप्त आपत्तियों पर ही विचार किया जाएगा। इस उपविधि से संबंधित जानकारी नगर निगम देहरादून की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।
शराब की ओवर रेटिंग पर भी निगम कर सकता है कार्रवाई
व्यापार लाइसेंस उपविधि के प्रविधानों के तहत आबकारी व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों को नगर निगम में आबकारी विभाग से प्राप्त अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। साथ ही शराब पर किसी प्रकार की ओवर रेटिंग पकड़े जाने पर व्यापार लाइसेंस निरस्त कर आबकारी विभाग से ठेका निरस्त करने की संस्तुति की जाएगी।

 

लाइसेंस के लिए निर्धारित पंजीकरण व नवीनीकरण शुल्क
ट्रेड-व्यापार का नाम, पंजीकरण शुल्क, नवीनीकरण शुल्क
विभिन्न क्षमता के वेडिंग प्वाइंट/बैंक्विट हाल/होटल लाजिंग, 20 हजार से दो लाख, 10 हजार से 50 हजार
हास्पिटल/नर्सिंग संबंधी ट्रेड, 25 हजार से एक लाख, 10 हजार से 50 हजार
प्राइवेट क्लीनिक/पैथ लैब/मेडिकल शाप, 15 हजार से 50 हजार, आठ से 30 हजार
पशु शाप/पशु क्लीनिक/पशु अस्पताल, 10 हजार से 15 हजार, पांच हजार से आठ हजार
हुक्का बार, 10 हजार, पांच हजार
बियर बार, 30 हजार, 15 हजार
अंग्रेजी शराब की दुकान, 50 हजार, 30 हजार
देसी शराब की दुकान, 30 हजार, 15 हजार
इंपोर्टेड वाइन शाप डिपार्टमेंटल, एक लाख, 50 हजार
शापिंग माल, वार्षिक भवन कर का 0.5 प्रतिशत, 50 हजार

 

शहर में व्यापार लाइसेंस को लेकर नगर निगम की अनंतिम उपविधि जारी की गई है। जिसमें पंजीकरण व नवीनीकरण शुल्क भी निर्धारित कर दिए गए हैं। इस पर आपत्तियां मांगी गईं और सभी पक्षों को सुनने के बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा। सौरभ थपलियाल, महापौर

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Author: Swati Panwar
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