2006-07 के बाद दूसरी बार किया जा रहा देहरादून एयरपोर्ट का विस्तार
मकान-दुकान खाली करने के लिए दस दिन का समय
देहरादून एयरपोर्ट के लिए कैट-1 लाइट लगाने के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। प्रभावितों को मकान व दुकानें खाली करने के लिए दस दिनों का समय दिया गया है। नोटिस मिलने के बाद प्रभावितों ने अपने निर्माण कार्य खुद ही तोड़ने शुरू कर दिए हैं।
देहरादून एयरपोर्ट पर सभी तरह के विमानों, हेलिकॉप्टरों आदि की लैंडिंग के लिए करीब दो साल पहले कैट-1 लाइट लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। अवार्ड होने और मुआवजा आदि दिए जाने के बाद प्रभावितों को दस दिनों के भीतर दुकानें, मकान, होटल, ढाबे आदि
खाली करने के नोटिस दिए जा चुके हैं। कैट-1 लाइट लगाने के लिए चोरपुलिया पुराने जौलीग्रांट बाजार और आसपास से जमीनें ली गई हैं। जिसमें 10 परिवारों के मकान और करीब 25 दुकानें, होटल, वाले आदि तोड़े जा रहे हैं। सभी निर्माण कार्य हटाए जाने के बाद यह जमीन एयरपोर्ट प्रशासन को हैंडओवर कर दी जाएगी। जिसके बाद एयरपोर्ट इस जमीन पर कैट-1 लाइट लगाने का कार्य शुरू करेगा।
एयरपोर्ट के लिए 1.955 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। प्रभावितों को दस दिनों का नोटिस दिया गया है। यदि प्रभावित कुछ और समय मांग रहे हैं तो उनसे बातचीत की जाएगी।
स्मिता परमार, भूमि आध्याप्ति अधिकारी
मकान खाली करने को दिया जाए छह माह का समय
एयरपोर्ट विस्तारीकरण प्रभावित सुमेर नेगी ने बताया कि पिछले साल नवंबर में अवार्ड होने के बाद अप्रैल से लेकर जुलाई तक मुआवजा बांटा गया है। इसलिए उन्हें अपना नया मकान बनाने या सामान आदि शिफ्ट करने के लिए कम से कम छह माह का समय दिया जाए। प्रभावित धीरज नेगी, दिनेश नेगी, विजय सिंह राणा, अनुप नेगी आदि ने छह माह का समय दिए जाने की मांग की है
लैंडिंग की राह आसान बनाती हैं कैट-1 लाइटें
एयरपोर्ट पर कैट-1 लाइटों को लैंडिंग साइड की तरफ रनवे शुरू होने से पहले लगाया जाता है। जो आसमान में पायलट को रनवे दिखाने में मदद करती हैं। जिससे लैंडिंग आसान होती है। इससे कम दृश्यता में भी विमान आसानी से उत्तर जाते हैं। एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस), डॉप्लर बेरी हाई प्रीक्वेंसी ओमनी रेंज (डीवीओआर), रनवे विजुअल रेंज (आपीआर), पॉज इंडिकेटर और दूसरे लैंडिग सिस्टम फाले ही लगे हुए हैं। लेकिन अधिक खराब मौसम में फलाइट को रद्द या डायवर्ट करना पड़ता है।
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