नेशनल गेम्स की तैयारियां…दीपक रावत को खुद निरीक्षण के लिए निकलना पड़ा, हुए नाराज; सवालों की बौछार की
आयुक्त दीपक रावत ने मिनी स्टेडियम और गौलापार स्थित अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का निरीक्षण किया। इस दौरान भी लापरवाही सामने आ गई। मिनी स्टेडियम में वॉलीबाल कोर्ट का काम ठप होने पर आयुक्त काफी नाराज हुए।
नेशनल गेम्स की तैयारियां परखने के लिए एक दिन पहले सिटी मजिस्ट्रेट की बुलाई गई बैठक का हाल देखकर आयुक्त दीपक रावत को खुद निरीक्षण के लिए निकलना पड़ा। शुक्रवार को उन्होंने मिनी स्टेडियम और गौलापार स्थित अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम पहुंचकर हाल देखा। इस दौरान भी लापरवाही सामने आ गई। मिनी स्टेडियम में वॉलीबाल कोर्ट का काम ठप होने पर आयुक्त काफी नाराज हुए।
सिटी मजिस्ट्रेट ने बृहस्पतिवार को बैठक की तो पता चला कि संबंधित विभाग के अधिकारियों को यही नहीं पता कि उन्हें करना क्या है। यह स्थिति जानने के बाद ही आयुक्त शुक्रवार को निरीक्षण के लिए गए। मिनी स्टेडियम के वॉलीबाल कोर्ट में कामकाज ठप देख आयुक्त ने खेल उपनिदेशक राशिदा सिद्दीकी को वॉलीबाल कोर्ट में काम करने वाले मजदूरों के नाम, पे-रोल, रजिस्टर आदि का ब्योरा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कहा- समय कम है, लिहाजा कोई भी काम किसी भी स्थिति में बंद नहीं होना चाहिए।आयुक्त ने मिनी स्टेडियम में चारों तरफ पाथ-वे पर लगाई जा रही बरमूडा घास पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव करने के लिए कहा। जहां घास नहीं लगी है, वहां लगाने के निर्देश दिए।
पेयजल निर्माण निगम की खेल इकाई के एई शैलेंद्र सिंह भंडारी ने आयुक्त को बताया कि 4.36 करोड़ रुपये से फुटबाल ग्राउंड बनाने समेत अन्य काम किए जा रहे हैं। फुटबाल मैदान में राई घास लगाई जा रही है। पूरे मैदान में घास की सीडिंग कर दी गई है, जनवरी के पहले सप्ताह में उग जाएगी। इस पर आयुक्त रावत ने दोबारा निरीक्षण की बात कही। आयुक्त ने खेल विभाग व कार्यदायी संस्था पेयजल निर्माण निगम को राष्ट्रीय खेल की तिथियों से पूर्व सभी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए।
इंडोर स्टेडियम में एसी मिला बंद
आयुक्त दीपक रावत ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का दौरा कर वहां चल रहे कार्यों को भी देखा। इंडोर स्टेडियम निरीक्षण के दौरान रावत ने लाइटिंग व एसी का काम जल्द पूरा करने, इलेक्ट्रिक सेफ्टी व फायर सेफ्टी करवाने के निर्देश दिए।
आयुक्त ने कहा, डेढ़-दो साल पहले नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी से स्टेडियम टेकओवर किया गया था तो तभी यह देखना चाहिए था कि एसी चालू है या नहीं। उप निदेशक राशिदा सिद्दीकी ने बताया कि स्टेडियम वर्ष 2015 में बनकर तैयार हुआ, लेकिन हैंडओवर बाद में हुआ। आयुक्त ने ताइक्वांडो कोर्ट की दीवारों पर लगी हुई एकोस्टिक्स की मरम्मत कराने व कोर्ट की सफाई व पेंटिंग का काम समय से पूरा करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने स्विमिंग पूल का भी जायजा लिया। उन्होंने साइट सुपरवाइजर से कहा कि राष्ट्रीय खेल के आयोजन को सफल बनाने के लिए जितनी भी मैनपावर चाहिए। यह बात अधिकारियों को बता दी जाए, ताकि बाद में परेशानी न हो। उपनिदेशक सिद्दीकी ने स्टेडियम के बाहर अवैध निर्माण हटाने की मांग की। निरीक्षण के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी, एसडीएम परितोष वर्मा, जल संस्थान के ईई आरएस लोशाली, जिला क्रीड़ाधिकारी निर्मला पंत, तहसीलदार सचिन कुमार आदि मौजूद रहे।
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