UTTARAKHAND NEWS

Big breaking :-देश का पहला हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र…सात माह में बस नींव ही तैयार, निर्माण नहीं पकड़ पा रहा गति

NewsHeight-App

देश का पहला हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र…सात माह में बस नींव ही तैयार, निर्माण नहीं पकड़ पा रहा गति

देश के पहले हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र का निर्माण गति नहीं पकड़ पा रहा है। सात माह में अभी तक केवल नींव ही खोदी जा सकी है। साल के पांच माह इस क्षेत्र में बर्फबारी के चलते निर्माण कार्य संभव नहीं है। ऐसे में यहां केंद्र का निर्माण पूरा होने में लंबा समय लगना तय है।

गंगोत्री धाम के निकट लंका में प्रस्तावित देश के पहले हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र का निर्माण धीमी गति से चल रहा है। आलम ये है कि लंबे इंतजार के बाद इस साल मार्च माह में साइट डेवलपमेंट के साथ शुरू केंद्र निर्माण के लिए सात माह में बस नींव ही तैयार की जा सकी है। कार्यदायी संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तीनों काम एक साथ हों, इसलिए देरी हुई है। उन्होंने दो साल में केंद्र का निर्माण पूरा करने की बात कही।

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की सिक्योर हिमालय परियोजना के तहत उत्तरकाशी में देश का पहला हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र (एलएलसीसी) निर्माण की घोषणा वर्ष 2020 में हुई थी। इसके निर्माण की जिम्मेदारी ग्रामीण निर्माण विभाग को दी गई है, जिसने वर्ष 2020 में ही केंद्र निर्माण के लिए डिजाइन और ड्राइंग का काम पूरा कर लिया था।

बर्फबारी के चलते निर्माण कार्य संभव नहीं
इसके साथ ही प्रस्तावित हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र व कैफेटेरिया के लिए 4.87 करोड़ और वन विभाग सुविधा भवन (एफडीए) के लिए 1.23 करोड़ की डीपीआर तैयार की। वन विभाग के सुविधा भवन के निर्माण के लिए 49 लाख की पहली किस्त जारी होने के बाद निविदा प्रक्रिया शुरू की गई। लेकिन इसके बाद निर्माण शुरू होने की बजाए लटक गया।

इसी साल लंबे इंतजार के बाद गत मार्च माह में कार्यदायी संस्था ने साइट डेवलपमेंट काम शुरू किया। इससे केंद्र निर्माण कार्य के गति पकड़ने की उम्मीद बंधी थी। लेकिन आलम ये है कि सात माह में अभी तक केवल नींव ही खोदी जा सकी है। साल के पांच माह इस क्षेत्र में बर्फबारी के चलते निर्माण कार्य संभव नहीं है। ऐसे में यहां केंद्र का निर्माण पूरा होने में लंबा समय लगना तय है।
पर्यटकों को मिलता हिम तेंदुए को जानने का मौका

पूरी तरह इको फ्रेंडली लड़की, पत्थर और मिट्टी से बनाए जाने वाले केंद्र के साथ स्नो लैपर्ड ट्रेल और ट्रैक विकसित किए जाने की योजना है। जिससे पर्यटकों को हिम तेंदुए को करीब से देखने का मौका मिलता। वहीं, केंद्र में लर्निंग ब्लाक के निर्माण से हिम तेंदुओं के जीवन व उसके वासस्थल को जानने व समझने का मौका मिलता। साथ ही हिम तेंदुए से संबंधित डॉक्यूमेंट्री फिल्में भी दिखाई जाती।

परियोजना पूरी हो गई, केंद्र नहीं बन पाया

जिस सिक्योर हिमालय परियोजना के तहत देश के पहले हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र का निर्माण उत्तरकाशी में होना है। उसकी समयावधि छह साल की थी। ये परियोजना मार्च 2024 में पूरी हो चुकी है। लेकिन ताज्जुब की बात है कि अब तक इस केंद्र का निर्माण पूरा नहीं हो पाया

 

केंद्र निर्माण के लिए प्लिंथ लेवल तक पहुंच चुके हैं। बरसात के कारण काम प्रभावित हुआ। केंद्र के साथ कैफेटेरिया व सुविधा भवन तीनों का निर्माण एक साथ हो, इसके लिए देरी हुई। वर्ष 2026 तक निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। -डीएस बागड़ी, अधिशासी अभियंता ग्रामीण निर्माण विभाग, उत्तरकाशी।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज़ हाइट (News Height) उत्तराखण्ड का तेज़ी से उभरता न्यूज़ पोर्टल है। यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमरे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे WhatsApp ग्रुप पर या Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!

Click to join our WhatsApp Group

Email: [email protected]

Author

Author: Swati Panwar
Website: newsheight.com
Email: [email protected]
Call: +91 9837825765

To Top