सीएम पर लगातार कांग्रेस हमलावर है कि उन्होंने दिल्ली के केदारनाथ मंदिर बनवाने का काम किया तो सीएम पुष्कर सिंह धामी भी लगातार पलटवार करते हुए कहते है कि जों लोग 2015 मे बद्रीनाथ मंदिर क़ो मुंबई मे शिलान्यास करवा रहें थे वो हमसे सवाल पूछ रहें है वही
सीएम धामी ने तो साफ कहा कि हमने तो क़ानून बना दिया हैं कि देश में अब कोई भी हमारे धामों के नाम से कोई मंदिर नहीं बना सकता हमारी मंशा साफ हैं हम धामों के नाम का दुरूपयोग नहीं होने देंगे
वही सोशल मीडिया मे 2015 के मुंबई कार्यक्रम कि तस्वीरे भी सामने आई है जिसमे हरीश रावत मंदिर का शिलान्यास कर रहें है साथ मे बीजेपी के पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक भी है सुनिए सीएम धामी क्या कह रहें हैं
वही सीएम के इस बयान की जब पड़ताल की गई तो 1 फरवरी 2015 की कुछ खबरें, तस्वीरें और हरीश रावत का एक ट्वीट सामने आया हालांकि हरीश रावत के ट्वीट को खोला गया तो अंदर की गई पोस्ट तो गायब मिली लेकिन ये हरीश रावत के ट्विटर हेंडल से ही की गई थी ऐसा प्रतीत होता हैं
वही सोशल मीडिया में 1 फरवरी 2015 के दिन की कुछ खबरें भी सामने आई जिसमे साफ लिखा था की मुंबई के वसई में बद्रीनाथ मंदिर का शिलान्यास हुआ था जिसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं
वही मीडिया में खबरें कुछ इस तरह थी
उत्तराखंडी मुंबईवासियों का सपना है कि मुंबई के द्वीप शहर के पास श्री बद्रीनाथजी मंदिर और एक सामुदायिक कल्याण केंद्र हो, जो जल्द ही सच होने जा रहा है! उत्तरांचल मित्र मंडल वसई द्वारा शुरू की गई 22700 वर्ग फीट की भव्य मंदिर परियोजना की आधारशिला आज श्री हरीश रावत (माननीय मुख्यमंत्री, उत्तराखंड) ने मुंबई के पास सन सिटी वसई (पश्चिम) में श्री बद्रीविशाल मंदिर परिसर में रखी। प्रस्तावित मंदिर बद्रीनाथ मंदिर की हूबहू प्रतिकृति है और यह लगभग 23,000 वर्ग फीट के विशाल भूखंड पर फैला हुआ है। इसे लगभग 15 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा और इसमें एक अलग इमारत होगी जिसमें एक सामुदायिक केंद्र, एक पुस्तकालय, शिक्षा और चिकित्सा प्रकोष्ठ होगा और यह अगले 2 वर्षों में बनकर तैयार हो जाएगा।
शिलान्यास समारोह में शामिल होने वाले अन्य गणमान्य व्यक्तियों में श्री हितेंद्रजी ठाकुर (विधायक, वसई) श्री नारायण मानकर (मेयर, वसई-विरार), डॉ. रमेश पोखरियाल (माननीय संसद सदस्य/पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तराखंड), श्री शामिल हैं। रघुवीरदास प्रभुजी, श्री स्वामी विश्वेश्वरानंदजी, श्री महंत माधवाचार्यजी, स्वामी श्री भवानीनंदन यतिजी, व्यवसायी माधवनंद भट्टजी और श्री मोहन कालाजी, श्री गणेश सनवाल, संदेश जाधव (स्थायी समिति अध्यक्ष, वसई-विरार) बॉलीवुड अभिनेत्री मधुरिमा तुली सहित अन्य।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर श्री हरीश रावत जी ने कहा, “मुंबई के निकट महाराष्ट्र की पावन धरती पर भगवान बद्रीनाथ जी को समर्पित भव्य मंदिर हम सभी के लिए बहुत गर्व की बात है। मुझे पता है कि इस महान परियोजना पर काम करते समय आप किस तरह की चुनौतियों से गुजरे हैं। मैं उत्तरांचल मित्रमंडल की पूरी टीम और अन्य लोगों को बधाई देता हूं जिन्होंने इस सपने को साकार करने में योगदान दिया है। हमारी देवभूमि उत्तराखंड के बाहर इतनी बड़ी संख्या में उत्तराखंड के समुदाय का एक साथ आना हमारी एकजुट शक्ति, प्रतिबद्धता और उदारता को दर्शाता है। मुझे इस सपनों के शहर में अपना बड़ा नाम बनाने वाले सफल उत्तराखंडियों के इतने सारे नाम सुनकर बहुत गर्व और खुशी हो रही है। मुझे हमारी महिलाओं – नारी शक्ति, मधुरिमा तुली जैसी हमारी लड़कियों और अन्य पर गर्व है जिन्होंने उत्तराखंड के गौरव में योगदान दिया है। मुझे खुशी है कि इन लोगों ने अपने लिए बड़ा नाम कमाया है और साथ ही अपनी पारंपरिक और सांस्कृतिक जड़ों को नहीं भुलाया है।
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में रिवर्स माइग्रेशन के बारे में भी बात की और उत्तराखंड के लोगों से अपनी जन्मभूमि पर वापस लौटने और इसके विकास में मदद करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जो लोग पहले से ही पलायन कर चुके हैं और जिनकी ज़मीनें उत्तराखंड में हैं, उन्हें पेड़ लगाना चाहिए और उन्हें हर साल गैर-व्यावसायिक पेड़ लगाने के लिए 300 रुपये और व्यावसायिक पेड़ों के लिए 400 रुपये जैसे मौद्रिक लाभ दिए जाएंगे।
उत्तरांचल मित्र मंडल वसई के अध्यक्ष श्री हीरा सिंह रौथाण ने कहा, “ मुंबई और उसके आसपास रहने वाले सभी उत्तराखंडी लोगों का सपना रहा है कि भगवान बद्री विशालजी (भगवान विष्णु) को समर्पित एक भव्य मंदिर हो और साथ ही लोगों के लिए इस क्षेत्र में एक सामुदायिक कल्याण केंद्र भी हो। 2003 में हमने इस उद्देश्य के लिए 22700 वर्गफुट जमीन खरीदी और तब से हजारों लोगों ने इस स्वप्निल परियोजना को साकार करने के लिए स्वेच्छा से काम किया है। 16000 वर्गफुट सामुदायिक कल्याण केंद्र सहित पूरी परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 15 करोड़ है। आज, हम बहुत खुश हैं कि हमारी टीम, समुदाय, हजारों स्वयंसेवकों और दानदाताओं की मदद से, हमारा संगठन 4 करोड़ रुपये की धनराशि एकत्र करने में सक्षम हुआ है। इस उद्देश्य के लिए 50% धनराशि का उपयोग पहले ही किया जा चुका है। हमें विश्वास है कि मंदिर परियोजना अगले 2 वर्षों में पूरी हो जाएगी और सामुदायिक केंद्र 3-5 वर्षों में दूसरे चरण में चालू हो जाएगा।”
श्री नारायण मानकर (मेयर, वसई-विरार) ने कहा कि “बद्रीनाथ जी स्वयं वसई में आकर हमें आशीर्वाद दे रहे हैं, यह न केवल उत्तराखंड के लोगों के लिए बल्कि महाराष्ट्र के लिए भी बहुत बड़ी बात है। मैं इस महान उद्देश्य के लिए अपना पूर्ण समर्थन और सहयोग देता हूँ और हम अपनी ओर से जो भी आवश्यक होगा वह करेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि परियोजना को उत्तरांचल मित्र मंडल द्वारा निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जा सके।
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