कांग्रेस में रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है कॉन्ग्रेस में एक नेता बयान देता है तो दूसरा उसका मुँह तोड़ जवाब देने में जुट जाता है ऐसे में पिछले दिनों जब प्रीतम सिंह और तिलकराज बेहड़ ने कांग्रेस में उपेक्षा की बात कही तो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन महारा भी पलटवार करने में जुट गए
करन माहरा ने तिलक राज बेहड पर निशाना साधते हुए साफ कहां की है कि नेताजी के बयान मै सुन रहा था गढ़वाल कुमाऊं की उपेक्षा वाले और कल मैं अख़बार में देख रहा था ये अजय भट्ट की तारीफ कर रहे थे ये अजय भट्ट वो है है जो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी थे और नेता प्रतिपक्ष भी थे तब इन नेताजी ने कभी नहीं कहाँ की गढ़वाल की उपेक्षा हो रही है लेकिन कांग्रेस को इस तरीके की बात करते हैं गढ़वाल कुमाऊँ की लेकिन भारतीय जनता पार्टी के बारे में या उसके नेताओं के बारे में तो कभी नहीं कहते हैं वह इस तरीके की बातें नहीं करते
उनके अनुसार आज मैं खुश हूँ मेरे तमाम फ्रंटल संगठन इन दोनों जमकर आंदोलन चला रहे है सभी आगे बढ़कर काम कर रहे है ज़ब सारे संगठन काम कर रहे है तो इन्हें परेशानी हो रही है कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ रहे है अच्छा होता कार्यकर्ताओं को साथ लेकर काम करें ना कि मीडिया में बयान देकर कार्यकर्ता का मनोबल तोड़े
वही उन्होंने प्रीतम सिंह पर निशाना साधते हुए कहाँ कि प्रभारी के ऊपर बयान गैरजरुरी है वो खुद प्रदेश के प्रभारी नहीं बने है उन्हें पार्टी ने प्रभारी बनाया है आलाकमान ने बनाया है प्रभारी के खिलाफ बयान का मतलब आलाकमान के खिलाफ बयान दिया है प्रभारी ने ना यहाँ से चुनाव लड़ना है ना प्रभारी को लोकसभा चुनाव लड़ना है ना यहाँ से राज्य सभा जाना है फिर क्यों ये है व्यक्ति जो चुनाव से पहले प्रभारी की जमकर तारीफ करते थे और चुनाव हारने के बाद अब प्रभारी के विरुद्ध बयानबाजी करते हैं निश्चित है ये दुख दे रहा है उनके अनुसार सुबह से शाम कहीं कार्यकर्ताओं से पूछते हैं कि प्रभारी के खिलाफ क्यों बयानबाजी की जा रही है
वही उनके अनुसार प्रभारी कि वजह से ही तो हर हफ्ते कांग्रेस आंदोलन कर रही है प्रभारी के रहते हुए हुए ही तो जोशीमठ का मुद्दा इतनी जोर शोर से उठाया गया अंकिता भंडारी का मुद्दा उठाया गया और पार्टी आंदोलनरत रही प्रभारी के निर्देशों के चलते ही भर्ती के मामले को जबरदस्त तरीके से उठाया गया, प्रभारी के निर्देशों के अनुसार ही पीसीसी काम कर रही है
तो ये पहले नहीं हुआ था ऐसा व्यक्ति जो बिना किसी लालच के दिन रात पार्टी के लिए काम कर रहा है सुझाव दें रहा है तो अगर कोई उसके खिलाफ काम बोलता है तो कार्यकर्ता नाराज होता है
वही करन माहरा ने साफ कहाँ जिन्हे पहले मौका मिला वो अपना कर्तव्य नहीं निभा सके जो काम दूसरा व्यक्ति कर रहा है तो उसका साथ देना चाहिए इस समय पूरी पार्टी को साथ लेकर हम चल रहे है 11 महीने से कार्यकर्ता सड़को पर है 2022 का चुनाव बड़े नेताओं की बयान बाजी की वजह से हमारे हाथ से चला गया
निकाय चुनाव आ रहे है, लोकसभा के चुनाव आ रहे है तो फिर इस तरह के बयान फिर दिए जा रहे है फिर उसी तरह का माहौल बनाया जा रहा है वो दुख देने वाला है
वही दिल्ली जाने वाले नेताओं पर भी करन महारा बोले बयानबाजी करने से अच्छा नेताओं को दिल्ली जाना चाहिए पार्टी आलाकमान को सुझाव देना चाहिए चाहे मुझसे परेशानी है या संगठन से परेशानी है जो दिल्ली का आदेश होगा सबको मान्य होगा
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