डोईवाला। देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट विस्तारीकरण को जमीनों व भवनों का मुआवजा तय कर संबंधित विभागों द्वारा रिपोर्ट शासन व प्रशासन को भेज दी गई है। वर्तमान में जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने को नापजोख की गई है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का मामला फिलहाल नापजोख और नेताओं की बयानबाजी तक ही सीमित है। जबकि जौलीग्रांट एयरपोर्ट को राष्ट्रीय स्तर के लिए ही आसपास के गांवों से जमीनें व भवन आदि अधिग्रहण की प्रक्रिया काफी आगे तक बढ़ चुकी है।
यह जमीन एयरपोर्ट के नाईट लैंडिंग सिस्टम और अन्य मशीनों व लाइट आदि लगाने के लिए अधिग्रहण की जा रही है।
भूमि अधिग्रहण को राजस्व विभाग व लोक निर्माण विभाग द्वारा जमीनों व भवनों आदि का सर्वे कर रिपोर्ट शासन को भेजी है। एयरपोर्ट के हिमालयन अस्पताल की तरफ पुरानी चोरपुलिया बाजार व अठुरवाला की जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई काफी आगे बढ़ चुकी है। जौलीग्रांट की तरफ कुल 6.75 एकड़ भूमि एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहण की जानी है। जिसमें गैर वाणिज्यिक भवन (आवासीय) 8 हैं।
जिनकी अनुमानित लागत 80.50 लाख है। वहीं इस भूमि पर वाणिज्यिक भवन 6 हैं। जिनकी अनुमानित लागत 172.17 लाख आंकी गई है। कुल अनुमानित लागत 252.67 लाख है।वहीं एयरपोर्ट के अठुरवाला की तरफ कुल 7 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की जानी है। जिसमें वाणिज्यिक भवन (आवासीय) भवनों की संख्या 30, अनुमानित लागत 553.96 लाख है। इस भूमि में वाणिज्यिक भवन नहीं हैं। यह रिपोर्ट बीते 13 दिसंबर व 3 जनवरी को लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रशासन को भेजी गई है। वहीं राजस्व विभाग द्वारा भी अधिग्रहण की जाने वाली कुल भूमि 6.75 एकड़ व 7 हेक्टेयर की अनुमानित कीमत से संबंधित रिपोर्ट शासन को भेजी है। जिसमें इस भूमि का अनुमानित मूल्य 38,9111,880.75 आंका गया है।
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