मुआवजा तय, बोर्ड बैठक का इंतजार; प्रभावित होंगे 350 से ज्यादा भवन
शहर के सबसे बड़े बाटलनेक आढ़त बाजार की शिफ्टिंग के लिए सभी औपचारिकताओं को पूरा किया जा चुका है। संपत्ति की श्रेणी और सड़क की चौड़ाई के हिसाब से मुआवजे की छह श्रेणी तय की गई हैं। एमडीडीए की आगामी बोर्ड बैठक में मुआवजे पर मुहर लगाए जाने के साथ ही कुछ जरूरी औपचारिकताओं के साथ इसका वितरण शुरू कर दिया जाएगा।
शहर के सबसे बड़े बाटलनेक आढ़त बाजार की शिफ्टिंग के लिए सभी औपचारिकताओं को पूरा किया जा चुका है। इसके बाद भी बात मुआवजे पर आकर अटकी हुई है। ऐसा नहीं है कि मुआवजे की दरों को लेकर आढ़तियों में किसी तरह की असहमति है, बल्कि आढ़ती इस पर सहमत हैं।
संपत्ति की श्रेणी और सड़क की चौड़ाई के हिसाब से मुआवजे की छह श्रेणी तय की गई हैं। अब बताया जा रहा है कि मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की आगामी बोर्ड बैठक में मुआवजे पर मुहर लगाए जाने के साथ ही कुछ जरूरी औपचारिकताओं के साथ इसका वितरण शुरू कर दिया जाएगा। दरअसल, अब मुआवजा ही एकमात्र ऐसा पेच है, जिस पर आकर पूरी परियोजना की गति थम सी गई है।
पटेलनगर कोतवाली के पास की भूमि पर नए आढ़त बाजार का निर्माण शुरू किया जा चुका है, लेकिन मुआवजे पर तस्वीर साफ न होने के चलते यहां प्लाट आवंटन भी अधर में लटका है। जब तक मुआवजा वितरित नहीं कर दिया जाता, तब तक आढ़ती पुरानी जगह नहीं छोड़ेंगे और न ही वह नए स्थल पर प्लाट का विकल्प अपना पाएंगे।
साथ ही भूमि खाली न होने पर लोनिवि सड़क को चौड़ा भी नहीं कर पाएगा। इस मामले में एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी का कहना है कि मुआवजे को लेकर पूरी कार्यवाही की जा चुकी है। जल्द ही बोर्ड बैठक बुलाकर मुआवजा आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
मुआवजे की दरें
श्रेणी, दर (वर्गमीटर)
ओपन एरिया (आवासीय), 50 हजार रुपये (15 प्रतिशत अतिरिक्त)
ओपन एरिया (कमर्शियल), 55 हजार रुपये (15 प्रतिशत अतिरिक्त)
कमर्शियल भूमि दर, 55 हजार रुपये (15 प्रतिशत अतिरिक्त)
कमर्शियल (निर्माण सहित), 77 हजार रुपये (15 प्रतिशत अतिरिक्त)
आवासीय भूमि दर, 50 हजार रुपये (15 प्रतिशत अतिरिक्त)
आवासीय (निर्माण सहित), 12 हजार रुपये (15 प्रतिशत अतिरिक्त)
सड़क की चौड़ाई 15 मीटर तो अतिरिक्त मिलेगा मुआवजा
आढ़त बाजार शिफ्टिंग की परियोजना में यह व्यवस्था भी की गई है कि यदि संपत्ति 15 मीटर चौड़ी सड़क पर स्थित है तो उस स्थिति में 15 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा दिया जाएगा।
नए स्थल पर 35 हजार की दर पर प्लाट
आढ़त बाजार शिफ्टिंग परियोजना में प्रभावित होने वाले कारोबारियों और अन्य व्यक्तियों को अतिरिक्त राहत दी गई है। नए स्थल पर प्लाट का आवंटन मुआवजे के मुकाबले काफी कम दर पर किया जाएगा। यह दर करीब 35 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर तय की गई है।
18 से 24 मीटर होगी सड़क की चौड़ाई
चौड़ीकरण में शामिल सहारनपुर चौक से तहसील चौक के बीच की 1.55 किलोमीटर सड़क की अभी औसत चौड़ाई 18 मीटर है। आढ़त बाजर क्षेत्र में यह चौड़ाई और भी कम है। इससे पूरे क्षेत्र में जाम की स्थिति बनी रहती है। एंबुलेंस तक को निकालने का रास्ता नहीं मिल पाता।
अब प्रस्ताव के मुताबिक चौड़ाई 24 मीटर हो जाने के बाद जाम की समस्या काफी हद तक दूर की जा सकेगी। लोनिवि प्रांतीय खंड ने चौड़ीकरण कार्य के लिए करीब 28 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार की है। हालांकि, मुआवजे के क्रम में जो शिफ्टिंग की जाएगी, उसके मुताबिक डीपीआर में संशोधन किया जा सकता है।
18 माह तय की गई है परियोजना की अवधि
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी के मुताबिक निर्माण नए स्थल पर आढ़त बाजार के विकास की 100 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए 18 माह की अवधि तय की गई है। नए स्थल पर सड़क निर्माण के साथ ही प्रोटेक्शन वाल और मल्टीलेवल कार पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है।
आढ़त बाजार के विकास के लिए महालक्ष्मी, जबकि मल्टीलेवल पार्किंग के लिए शिव कुमार अग्रवाल को ठेकदार के रूप में जिम्मेदारी दी गई है। ठेकदारों को निर्देश दिए गए हैं की सभी कार्य गुणवत्ता के साथ समय पर पूरे किए जाएं। ऐसे में नए स्थल पर आढ़त बाजार के विकास की भांति ही पुराने स्थल पर सड़क चौड़ीकरण के काम में भी तेजी दिखाने की जरूरत है।
इन अहम पड़ाव को पूरा करने के बाद भी देरी क्यों?
भूमि हस्तांतरण, सर्किल रेट के मुताबिक 222.79 करोड़ रुपये की 7.7493 हेक्टेयर भूमि हस्तांतरित
भूमि का उपयोग आवासीय व कुछ कृषि है, इसे कमर्शियल करने को 33.41 करोड़ रुपये का शुल्क माफ किया गया
सहारनपुर चौक से तहसील चौक तक सड़क चौड़ीकरण के लिए शिफ्ट होने वाले कारोबारी व अन्य व्यापारी लोनिवि के पक्ष में रजिस्ट्री करेंगे। इसकी रजिस्ट्री में लगने वाले 3.31 करोड़ रुपये के स्टांप शुल्क को भी कैबिनेट ने माफ किया गया।
नए आढ़त बाजार में चार प्रकार के प्लाट
नए आढ़त बाजार स्थल में 60, 120, 180 व 240 वर्गमीटर के प्लाट तैयार किए जाएंगे। इसी के मुताबिक मुआवजे की गणना की जाएगी। उदाहरण के लिए यदि किसी कारोबारी का आढ़त बाजार में 120 वर्गमीटर की जगह थी और वह नए स्थल पर 60 वर्गमीटर की जगह चाह रहा है तो उसे शेष आकार के हिसाब से मुआवजा देने का प्रविधान किया गया है।
इसी तरह आकार में कमी व अधिकता के हिसाब से गणना की गई। शहर के अन्य क्षेत्रों के आढ़ती भी नए बाजार में स्थल आवंटित करा सकते हैं। इसके लिए शिफ्टिंग के साथ प्लाट खरीद दोनों विकल्प उपलब्ध हैं।
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