उत्तराखंड पीसीएस परीक्षा में 40 फीसदी सिलेबस स्थानीय होगाउत्तराखंड में पीसीएस परीक्षा का पाठ्यक्रम संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तर्ज पर हो सकता है। कार्मिक विभाग ने इस पर अपनी सैंद्धातिक सहमति दे दी है।
पिछले माह लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने कार्मिक विभाग को पीसीएस परीक्षा का सिलेबस संघ लोक आयोग की आईएएस परीक्षा की भांति करने का प्रस्ताव भेजा था। आयोग का तर्क है कि परीक्षा सिलेबस में बदलाव से उत्तराखंड के अभ्यर्थियों को दोहरा लाभ होगा।
अभी उन्हें पीसीएस और आईएएस परीक्षाओं की तैयारियों के लिए अलग-अलग सिलेबस पढ़ना पड़ता है। एक ही सिलेबस होने से उत्तराखंड के अभ्यर्थियों के अखिल भारतीय सेवा संवर्ग में चयन के ज्यादा मौके बढ़ेंगे।
सचिवालय में सचिव कार्मिक शैलेश बगोली की अध्यक्षता में इस प्रस्ताव को लेकर बैठक हुई। बैठक में यूपीएससी की तर्ज पर सिलेबस करने पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। अब मुख्यमंत्री पुष्कर धामी इस पर अंतिम फैसला लेंगे।
सिलेबस में बदलाव के साथ इस पर निर्णय लिया गया कि प्री परीक्षा में 25 और मैंस परीक्षा में 40 फीसदी बिषय उत्तराखंड से जुड़ा होना चाहिए। बैठक में आयोग के सचिव गिरधारी रावत और अन्य अफसर भी मौजूद रहे।
विदित है आयोग पीसीएस परीक्षा के साक्षात्कार पैटर्न में भी बदलाव कर चुका है। अब साक्षात्कार के दौरान एक्सपर्ट के पास अभ्यर्थियों का नाम व रोल नंबर के बजाय कोड मार्किंग होगी। इस व्यवस्था से एक्सपर्ट को भी अभ्यर्थियों के नाम का पता नहीं चल सकेगा।
भर्ती परीक्षाओं के प्रस्ताव मांगें लोक सेवा आयोग के सचिव गिरधारी रावत ने कार्मिक विभाग से भर्ती के प्रस्ताव जल्द भेजने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पूर्व में भर्ती के जो प्रस्ताव भेजे गए थे, उनमें दिव्यांग आरक्षण का जिक्र नहीं किया गया था।
इस संशोधन के लिए ये प्रस्ताव वापस लौटाए गए थे, लेकिन अभी तक नहीं मिल पाए हैं। पीसीएस लोअर परीक्षा, समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी के साथ ही कई भर्तियों के ये भर्ती प्रस्ताव संशोधन के लिए भेजे गए थे। सचिव बगोली ने इन्हें जल्दी आयोग को भेजने का आश्वासन दिया ।
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