मानव तस्करी, जाली नोट-गौवंश पर गैंगस्टर एक्ट में होगा धामी सरकार का सख्त ऐक्शन,
मूल एक्ट के अनुसार प्रापर्टी जब्त की जाती है तो गैंगस्टर लगने के बाद आरोपी को कोर्ट से आसानी से राहत नहीं मिल पाती है। इससे पहले यूपी 2015 में ही गैंगस्टर एक्ट में संशोधन कर चुका है।उत्तराखंड में अब गौवंश, मानव तस्करी, बाल श्रम, बंधुआ मजदूरी, नकल आरोपी, मनी लांड्रिंग जैसे अपराधों पर गैंगस्टर एक्ट लग सकेगा। इससे आरोपियों को जल्द जमानत नहीं मिल पाएगी।
प्रदेश कैबिनेट ने इसके लिए गैंगस्टर एक्ट में संशोधन को हरी झंडी प्रदान कर दी है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले दिए गए। इसमें सबसे अहम गैंगस्टर एक्ट में संशोधन शामिल है। सूत्रों ने बताया कि मौजूदा समय में हत्या, लूट, डकैती, रंगदारी वसूलने जैसे संगीन अपराध पर गैंगस्टर एक्ट लगाया जाता है।
अब इसमें पेपर लीक या नकल कराने वालों, गौवंश, मानव तस्कर, बाल श्रम, बंधुआ मजदूरी के आरोपियों और साहुकारी लाइसेंस के दुरुप्रयोग करने वालों, जाली करेंसी छापने वालों के साथ ही मनी लांड्रिंग जैसे अपराधों को शामिल कर लिया गया है।
गैंगस्टर एक्ट किसी अपराध में न्यूनतम दो आरोपिया क शामिल होने या दो अलग अलग मुकदमों में भी किन्ही दो आरोपियों के नाम रिपीट होने पर लगाया जा सकता है। हालांकि इसमें सजा का प्रावधान मूल एक्ट के अनुसार ही होता है, लेकिन गैंगस्टर एक्ट लगने के बाद आरोपियों को आसानी से जमानत नहीं मिल पाती है।साथ ही यदि मूल एक्ट के अनुसार प्रापर्टी जब्त की जाती है तो गैंगस्टर लगने के बाद आरोपी को कोर्ट से आसानी से राहत नहीं मिल पाती है। इससे पहले यूपी 2015 में ही गैंगस्टर एक्ट में संशोधन कर चुका है, अब उत्तराखंड ने इसी क्रम में अपने यहां कानून का दायरा बढ़ा दिया है।
गैंगस्टर आरोपियों की संस्तुति थानाध्यक्ष द्वारा की जाती है, जो पुलिस कप्तान के जरिए जिलाधिकारी के पास अंतिम मंजूरी के लिए भेजी जाती है। डीएम द्वारा गैंगस्टर चार्ट अनुमोदित करने के बाद यह प्रभावी होती है
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