सीएम धामी की घोषणा; बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों से दिसंबर से वसूला जाएगा ग्रीन सेस
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के 25 वर्ष पूरे होने पर यह हमारी प्रतिबद्धता है कि हम राज्य को स्वच्छ, हरित और प्रदूषणमुक्त बनाएं। ग्रीन सेस से प्राप्त राजस्व का उपयोग वायु गुणवत्ता सुधार, हरित अवसंरचना और स्मार्ट यातायात प्रबंधन में किया जाएगा।
राज्य गठन के 25 वर्ष पूर्ण होने पर राज्य सरकार ने दिसंबर से बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों से ग्रीन सेस वसूलने की घोषणा की है। एक बार उत्तराखंड में प्रवेश के लिए दिया गया ग्रीन सेस एक दिन के लिए प्रभावी होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के 25 वर्ष पूरे होने पर यह हमारी प्रतिबद्धता है कि हम राज्य को स्वच्छ, हरित और प्रदूषणमुक्त बनाएं। ग्रीन सेस से प्राप्त राजस्व का उपयोग वायु गुणवत्ता सुधार, हरित अवसंरचना और स्मार्ट यातायात प्रबंधन में किया जाएगा। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि बोर्ड के अध्ययन के अनुसार देहरादून में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा स्रोत सड़क की धूल (55 प्रतिशत) है, जबकि वाहन उत्सर्जन (सात प्रतिशत) भी एक प्रमुख कारण है। ग्रीन सेस के माध्यम से सड़क धूल नियंत्रण और स्वच्छ वाहन नीति अपनाकर वायु गुणवत्ता सुधारना सबसे प्रभावी कदम होगा।
कार चालकों को देने होंगे 80 रुपये
परिवहन विभाग एनपीआर कैमरों और फास्ट टैग के माध्यम से ग्रीन सेस वसूलने की व्यवस्था कर रहा है। प्रस्ताव के अनुसार बाहरी राज्य की मोटर कैब, मैक्सी कैब, पैसेंजर कार के लिए 80 रुपये, डिलीवर वैन (तीन टन) 250 रुपये, हल्के माल वाहन के लिए 80 रुपये ग्रीन सेस तय किया गया है। बाहरी राज्य की बस को उत्तराखंड में प्रवेश करने के लिए 140 रुपये देने होंगे। भारी वाहन की विभिन्न श्रेणी के लिए 450, 600 व 700 रुपये ग्रीन सेस तय किया गया है।
इनको छूट होगी
बाहरी राज्याें के दोपहिया, तिपहिया वाहन, केंद्र और राज्य सरकार के सरकारी वाहन, कृषि ट्रैक्टर-ट्राली रोड रोलर, एंबुलेंस, फायर टेंडर और सेना के वाहनों को छूट होगी। विद्युत बैटरी, सोलर, हाइब्रिड, सीएनजी चलित वाहनों को भी ग्रीन सेस की दरों से पूरी छूट होगी।
100 करोड़ राजस्व मिलने की उम्मीद
एक अनुमान के मुताबिक ग्रीन सेस से 75 से 100 करोड़ तक सालाना राजस्व मिलने की संभावना है। प्रदेश के वाहनों से पहले से ही ग्रीन सेस से लिया जाता है। इसमें बाइक की बात करें तो पंजीकरण कराने पर 500 रुपये देने होते हैं। इसी तरह अन्य वाहनों के लिए भी दर तय हैं। अपर परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह के अनुसार इससे 100 करोड़ तक राजस्व मिलने की संभावना है।
सालभर के लिए भी ग्रीन सेस जमा करने की व्यवस्था
परिवहन विभाग ग्रीन सेस को सालभर के लिए एक बार में जमा करने की सुविधा देने की भी तैयारी कर रहा है। विभाग की वेबसाइट के माध्यम से एक बार प्रवेश की दर का 20 गुना भुगतान करने पर त्रैमासिक और 60 गुना भुगतान करने पर पूरे वर्ष के लिए राज्य में प्रवेश के पात्र होंगे

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