*सीएम धामी ने चार घंटे में दूसरी बार आपदा परिचालन केंद्र का दौरा किया, चमोली में हिमस्खलन के बाद राहत कार्यों की निगरानी*
*चमोली में हिमस्खलन और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी*
*सुरक्षित निकाले गए लोगों की संख्या 33 हो गई है*
*लगातार अपडेट लेते हुए निर्देश देते रहे मुख्यमंत्री*
*प्रभावित परिवारों के साथ खड़े रहने की अपील*
*आपदा के प्रति मुख्यमंत्री की तत्परता फिर से दिखी*
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आपदाओं के प्रति तत्परता और संवेदनशीलता का एक और उदाहरण सामने आया है। चमोली जिले में अचानक हुए हिमस्खलन के कारण कई श्रमिक दब गए थे, जिनके बचाव के लिए तुरंत राहत कार्य शुरू किए गए थे। इस संकट की घड़ी में मुख्यमंत्री धामी ने चार घंटे के भीतर आपदा परिचालन केंद्र का दूसरा दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने वहां राहत कार्यों के बारे में पल-पल की जानकारी ली और राहत कार्यों को तेज करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
सीएम धामी के इस दौरे से यह स्पष्ट हो गया कि आपदाओं के दौरान वह पूरी तरह से मैदान में रहते हुए राहत कार्यों का संचालन करते हैं और प्रभावितों के साथ खड़े रहते हैं। जब भी प्रदेश में कोई आपदा आती है, मुख्यमंत्री धामी खुद मोर्चे पर होते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि प्रभावित लोगों को हर संभव मदद मिले।
चमोली जिले में हुई हिमस्खलन की घटना ने प्रशासन और राहत कार्यों को चुनौती दी। भारी बारिश के कारण पहाड़ों से मलबा गिरने से कई श्रमिक दब गए थे। तुरंत ही स्थानीय प्रशासन, पुलिस और एनडीआरएफ की टीमों ने राहत कार्य शुरू किए।
सीएम धामी ने अधिकारियों से कहा कि किसी भी परिस्थिति में प्रभावित व्यक्तियों को त्वरित सहायता मिलनी चाहिए और हर एक व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने घटनास्थल पर राहत कार्यों में जुटे सभी कर्मचारियों की सुरक्षा और उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया।
मुख्यमंत्री धामी ने आपदा परिचालन केंद्र में एक बैठक आयोजित की, जिसमें उन्होंने राहत कार्यों की प्रक्रिया और समय सीमा की जानकारी ली। इसके अलावा, उन्होंने अधिकारियों से लगातार अपडेट भी लिया और सुनिश्चित किया कि कोई भी ढील न हो।
सीएम धामी ने इस दौरान कहा, “हमारे लिए हर व्यक्ति का जीवन महत्वपूर्ण है।” उन्होंने सभी अधिकारियों और राहत कार्यों में लगे कर्मचारियों से भी यह अपील की कि वे पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम करें और हर प्रभावित व्यक्ति तक जल्दी से जल्दी मदद पहुंचाई जाए।
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि हमारी सरकार प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने यह भी वादा किया कि राज्य सरकार के स्तर पर किसी भी प्रकार की कमी नहीं होगी, और प्रभावितों को जल्द से जल्द राहत दी जाएगी।
उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाएं अक्सर होती रहती हैं, और इस दौरान मुख्यमंत्री धामी का नेतृत्व कई बार प्रभावी साबित हो चुका है। पिछले कुछ वर्षों में मुख्यमंत्री ने कई आपदाओं के दौरान खुद राहत कार्यों का नेतृत्व किया है और प्रभावितों को सहायता प्रदान करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकी है। उनका यह नेतृत्व प्रदेशवासियों के लिए एक बड़ी उम्मीद बनकर सामने आता है, और यह भी दर्शाता है कि मुख्यमंत्री अपने कर्तव्यों को निभाने में कितने जिम्मेदार हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जिले में हुए भूस्खलन के बाद राहत कार्यों की निगरानी करने के दौरान एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि वह एक संवेदनशील और जिम्मेदार नेता हैं। आपदाओं के समय में उनकी तत्परता और सक्रियता प्रभावित लोगों के लिए बड़ी राहत बनती है। वह न सिर्फ प्रशासनिक पहलुओं का संचालन करते हैं, बल्कि प्रभावित परिवारों के साथ भी खड़े रहते हैं, यह उनके नेतृत्व की एक महत्वपूर्ण विशेषता है।
चाहे कोई भी आपदा हो, मुख्यमंत्री धामी हमेशा अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में आगे रहते हैं, जिससे प्रदेशवासियों को सुरक्षा और सहायता का एहसास होता है।
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