उत्तराखंड भाषा संस्थान की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता आज देश मे एक बड़ी बहस का मुद्दा बन गया है। देवभूमि उत्तराखंड से पिछले दिनों में कई चीजें शुरू हुई वो पूरे भारत के लिए मॉडल बन गया।
पिछले एक साल पहले, हमने सबके सामने 12 फरवरी 2022 को समान नागरिक सहिंता को लेकर प्रस्ताव रखा, आज हम उस पर आगे बढ़ रहे हैं।
उत्तराखंड देवभूमि है। चारों ओर यहां देवस्थान और सिद्धस्थान हैं। इस प्रदेश की अपनी एक अलग प्रकार की व्यवस्था है। अगर भारत, दुनिया का कोई केंद्र है तो वो हमारी देवभूमि उत्तराखंड है। यहां रहने वाले सभी लोगों के लिए एक समान कानून होना चाहिए। संविधान में भी इसका प्रावधान है।
उत्तराखंड की देवतुल्य जनता ने 2022 में इस पर मुहर लगा दी। ऐसा पहली बार हुआ जब पहली बार किसी दल ने लगातार दूसरी बार सरकार बनाई। हमने सबसे पहला फैसला ही मंत्रिमंडल में समान नागरिक सहिंता का लिया। कमेटी बनाई इस काम मे। इसमें दो लाख 20 हजार से ज्यादा लोगों से बात कर कमेटी ने अपना संकलन किया है।
कमेटी ने आज कहा है कि हमने ड्राफ्ट बनाकर तैयार कर लिया है। जैसे ही हमे ये ड्राफ्ट मिलेगा हम सबसे पहले इसे लागू करेंगे। धारा 370 पहले ही समापत हो चुकी है। समान नागरिक सहिंता पर उत्तराखंड इसकी पहल करेगा।
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