Big breaking :-केमिकल फैक्टरी में आग…टीन शेड उड़ा, जर्जर दीवारें बयां कर रही आग की भयावह, देखकर सहमे कर्मचारी - News Height
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Big breaking :-केमिकल फैक्टरी में आग…टीन शेड उड़ा, जर्जर दीवारें बयां कर रही आग की भयावह, देखकर सहमे कर्मचारी

केमिकल फैक्टरी में आग…टीन शेड उड़ा, जर्जर दीवारें बयां कर रही आग की भयावह, देखकर सहमे कर्मचारी

इब्राहिमपुर में गणपति केमिकल फैक्टरी पहुंचकर जायजा लिया। फैक्टरी के मुख्य गेट से अंदर दाखिल होते ही आग से जले हुए ड्रम और जर्जर दीवारें नजर आ रही थीं।

हरिद्वार में केमिकल के ड्रमों से भरे फैक्टरी सरीके गोदाम के टीनशेड के उड़ गया, जर्जर हुई दीवारें, टैंकर व ट्रकों के जलने के बाद बचे पुर्जे रविवार की रात लगी भीषण आग की भवायहता बयां कर रहे थे। आग से फैक्टरी पूरी तरह तहस-नहस हो चुकी है। केमिकल से आग ने विकराल रूप धारण किया, लेकिन अंदर रखे छोटे गैस सिलिंडरों से धमाके भी हुए। करीब नौ घंटे बाद जब आग पर काबू पाया गया तो आसपास का मंजर देखने से ही भयानक तस्वीर मन में उभरकर सामने आ रही थी। इस हादसे के बाद से आसपास के लोगों में डर दिख रहा था।

इब्राहिमपुर में गणपति केमिकल फैक्टरी पहुंचकर जायजा लिया। फैक्टरी के मुख्य गेट से अंदर दाखिल होते ही आग से जले हुए ड्रम और जर्जर दीवारें नजर आ रही थीं। ऊपर पड़े टीनशेड उड़े हुए थे और नीचे की तरफ लटके टीनशेड देखने से किसी मामूली कागज की तरह नजर आ रहे थे।

 

यहां से निकलकर बाहर की तरफ चलते ही एक ट्रक खड़ा था, इसके टायर और अंदर का पूरा सिस्टम जला हुआ मिला। पास में ही खड़ा ट्रैंकर भी आग की भवायह तस्वीर बयां कर रहा था। इसके टायरों के सिर्फ तार और ऊपर बॉरी पर सिर्फ लोहे के पुर्जे बचे थे और ये पूरी तरह आग से जर्जर चुके थे। पास में ही तीन मोटरसाइकिलें भी जली हुईं थीं। कुछ आगे बढ़ते ही एक छोटा सिलिंडर पड़ा था। आसपास खड़े लोगों ने बताया कि आग से सिलिंडर में भी धमाका हुआ है। बताते हैं कि आग के साथ-साथ तेज धमाके हो रहे थे। अंदर विस्फोटक केमिकल भी था।

 

रजवाहा न होता था जिलेभर के टैंकर पड़ जाते कम
फैक्टरी के ठीक आगे ही एक रजवाहा है। रात में आग का विकराल रूप धारण करने पर कई फायर बिग्रेड बुला ली गई। मगर ये भी कम पड़ने लगे। तब दमकल कर्मियों ने रजवाहे में बह रहे पानी की मदद से आग पर काबू पाना शुरू किया। टीम का खुद मानना है कि आग इतनी भयंकर थी कि अगर रजवाहा न होता तो जिलेभर के अलावा अन्य जगहों से आने वाले टैंकर भी कम पड़ जाते।

पीछे बने दो मंजिला भवन भी हुआ आग से काला
फैक्टरी के ठीक पीछे से एक दो मंजिला भवन भी आग की चपेट में आ ही चुका था। आग से भवन की दीवारें पूरी तरह काली हो चुकी हैं। आग से भवन बाल-बाल ही बचा है।

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Author: Swati Panwar
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