चारधाम यात्रा प्राधिकरण नहीं, अब परिषद बनेगी, हितधारकों ने भी दिए सुझाव, ड्राफ्ट तैयार
अपर मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन की अध्यक्षता में हुई बैठक में तीर्थ पुरोहितों के संघ, होटल एसोसिएशन, पंडा पंचायतों, डंडी-कंडी, घोड़ा-खच्चर संचालकों समेत सभी हितधारकों की बैठक हुई।
चारधाम यात्रा के सफल संचालन के लिए चारधाम यात्रा प्राधिकरण नहीं, उत्तराखंड धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद बनेगी। बृहस्पतिवार को सचिवालय में हुई हितधारकों की बैठक में निर्णय लिया गया। हितधारकों ने प्राधिकरण को लेकर आपत्ति जताई थी। सभी से सुझाव भी लिए गए हैं।
अपर मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन की अध्यक्षता में हुई बैठक में तीर्थ पुरोहितों के संघ, होटल एसोसिएशन, पंडा पंचायतों, डंडी-कंडी, घोड़ा-खच्चर संचालकों समेत सभी हितधारकों की बैठक हुई। बैठक का निमंत्रण चारधाम यात्रा विकास प्राधिकरण के नाम से भेजा गया था। प्राधिकरण को लेकर हितधारकों ने बैठक में आपत्ति जताई।उन्हें आशंका थी कि प्राधिकरण बनने के बाद कई परेशानियां आ सकती हैं। लिहाजा, तय किया गया कि प्राधिकरण नहीं परिषद बनाई जाएगी।
इसका ड्राफ्ट तैयार किया है। हालांकि, अभी परिषद पर अंतिम मुहर लगनी बाकी है। सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने प्रस्तावित प्राधिकरण से संबंधित प्रारूप को तीर्थ पुरोहितों के समक्ष रखा। उन्होंने बताया, प्राधिकरण तीन स्तरों पर कार्य करेगा।
अपर मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन ने कहा, तीर्थ पुरोहितों को प्राधिकरण को लेकर किसी तरह की शंका नहीं होनी चाहिए। बिना उनके सुझाव और सहमति के कोई भी अंतिम निर्णय नहीं लिया जाएगा।
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