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Big breaking :-Char Dham Yatra: चार धाम में मौतों का सिलसिला जारी, अब तक 28 की गई जान, केंद्र सरकार ने ITBP-NDRF की टीमें तैनात, हरीश रावत, करन माहरा ने कही ये बड़ी बात

 

 

 

उत्तराखंड के चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) पर केंद्र सरकार ने आईटीबीपी (ITBP)और एनडीआरएफ की तैनाती कर दी है. उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने जानकारी देते हुए बताया कि चारों धामों में लगातार बढ़ रही भीड़ को देखते हुए भारत सरकार ने आईटीबीपी और एनडीआरएफ (NDRF) की तैनाती कर दी है दरअसल चारों धामों में यात्रा शुरू होने से लेकर अब तक 28 यात्रियों की अलग-अलग कारणों से मौत हो चुकी है. जिसके बाद उत्तराखंड का स्वास्थ्य विभाग से लेकर सरकार काफी चिंतित है. यही नहीं चारों धामों में यात्रियों की मौत के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी इसकी रिपोर्ट तलब की है. जिसके बाद उत्तराखंड सरकार ने चारों धामों के लिए अधिकारियों की नियुक्ति के साथ केदारनाथ और बद्रीनाथ में कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्ति कर दी है

 

 

 

सोशल मीडिया से लेकर टीवी और अखबारों में चारों धामों में अव्यवस्थाओं को लेकर लगातार खबरें आ रही है. जिसके बाद ना सिर्फ उत्तराखंड सरकार बल्कि भारत सरकार ने भी चारों धामों में सुरक्षित और सुचारू यात्रा के लिए अधिकारियों के साथ एक्स्ट्रा फोर्स की भी तैनाती कर दी है. जिसमें गंगोत्री यमुनोत्री बद्रीनाथ और केदारनाथ,बदरीनाथ धामों में आइटीबीपी और एनडीआरएफ की तैनाती की गई है.

 

 

 

यह पहली बार हुआ है कि चारों धामों पर एनडीआरएफ और आईटीबीपी की तैनाती की गई है, हालांकि उत्तराखंड सरकार ने पुलिस होमगार्ड और एसडीआरएफ की तैनाती पहले से ही की हुई है, लेकिन लगातार यात्रियों की मौत और अवस्थाओं के साथ रिकॉर्ड तोड़ भीड़ को लेकर भारत सरकार काफी चिंतित है. यही वजह है कि भारत सरकार ने एनडीआरएफ और आईटीबीपी की तैनाती की है. उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो उत्तराखंड सरकार आर्मी और आईटीबीपी की मेडिकल टीमें भी तैनात करेगी. क्योंकि सरकार का पहला मकसद यात्रियों की सुरक्षा है.

अब यह भी माना जा सकता है कि उत्तराखंड की चार धाम यात्रा पर आप सीधे भारत सरकार की नजर है और भारत सरकार इस यात्रा पर सीधे तौर पर मॉनिटरिंग कर रही है. इस बात का सबूत यह है कि करीब 2 दिन पहले उत्तराखंड स्वास्थ विभाग से सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय ने यात्रियों की मौत हो की वजह पर रिपोर्ट तलब की थी.

उत्तराखंड की स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट ने बताया कि 3 मई को चार धाम यात्रा की शुरुआत के बाद से राज्य में अब तक 28 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है. जिन तीर्थयात्रियों की मौत हुई हैं उनमें से ज्यादातर मौतें हार्ट अटैक और हाई ब्लड प्रेशर के कारण हुई हैं.

 

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को संबोधित करते हुए अपना एक फेस बुक पोस्ट लिखा जिसमे कहा कि #मुख्यमंत्री जी, क्या आपने मान लिया कि माननीय पर्यटन मंत्री जी #चारधाम_यात्रा को सुचारू करने में असफल हो गए हैं! जो आपको दो मंत्रियों को अलग-अलग धामों की जिम्मेदारी देनी पड़ी है। व्यवस्था वहां से गड़बड़ाई है, जहां से यात्रा प्रारंभ हो रही है। दूसरा स्थान जहां से यात्रा को व्यवस्थित करना और जिन लोगों को रोका जा रहा है उनके लिए वैकल्पिक उपाय करने के लिए केदारनाथ में सोनप्रयाग और बद्रीनाथ जी में जोशीमठ और आगे गोविंदघाट। जिन यात्रियों को रोकना पड़ रहा है उन यात्रियों के लिए शासकीय व्यवस्था होनी चाहिए ताकि उनके ऊपर खर्चे का दबाव न पड़े, मेडिकल सुविधाएं पहले से ही लचर हैं और इस बार जब संख्या का अनुमान था तो फिर चिकित्सा व्यवस्थाओं को भी उसी हिसाब से जुटाया जाना चाहिए था। ऋषिकेश में लोगों को समुचित मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा है, यदि उन्हें समुचित मार्गदर्शन मिले और सही सूचनाओं का आदान-प्रदान रहे तो स्थिति सुधारी जा सकती थी। मैं आई.टी.बी.पी. को जिम्मेदारी देने के खिलाफ नहीं हूं लेकिन एस.डी.आर.एफ. का रोल और बढ़ाया जाना चाहिए, यात्रियों को एस्कॉर्ट करने से लेकर के धाम में व्यवस्था के संचालन में भी।

 

वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण म्हारा ने सीधे तौर पर कहा कि अगर आइटीबीपी और एनडीआरएफ को कमान सौंपी गई है उससे तो साफ हो गया है कि उत्तराखंड सरकार चार धाम यात्रा चलाने में फेल हुई है

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