गाड़ी का वीवीआइपी नंबर 0005 का मामला, चार-चार लाख की लगी बोली, लेकिन 40 हजार में बिका
मनपसंद नंबर पाने के लिए वाहन स्वामियों में अक्सर दिलचस्पी देखने को मिलती है। इसलिए परिवहन विभाग भी चुनिंदा नंबरों को आनलाइन बोली में रखता है। यूके 04 एएन सीरिज में 0005 नंबर को लेकर अनोखा मामला सामने आया। पहली बोली में एक वाहन स्वामी ने चार लाख से ज्यादा में नंबर लिया। लेकिन आखिर में नंबर 40 हजार में बिका।
आनलाइन सिस्टम शुरू होने के बाद से वीवीआइपी नंबरों को पाने के लिए वाहन स्वामी खूब बोली लगा रहे हैं। लेकिन यूके 04 एएन सीरिज में 0005 नंबर को लेकर अनोखा मामला सामने आया है। पहली बोली में एक वाहन स्वामी ने चार लाख से ज्यादा में नंबर लिया। लेकिन पैसे जमा न करने पर दोबारा नीलामी हुई।
यहां फिर से नंबर चार लाख से ज्यादा में छूटा। मगर तय समय में इस बार भी पैसे जमा नहीं हुए। इसके बाद तीसरी बारी में 40 हजार में यह नंबर बिका है। हालांकि, पहले दो मामलों में 25-25 हजार की सिक्योरिटी राशि जब्त हो चुकी है।
मनपसंद नंबर पाने के लिए वाहन स्वामियों में अक्सर दिलचस्पी देखने को मिलती है। इसलिए परिवहन विभाग भी चुनिंदा नंबरों को आनलाइन बोली में रखता है। ताकि ज्यादा से ज्यादा राजस्व मिल सके। हर नंबर का अलग-अलग न्यूनतम मूल्य होता है।
यूके 04 एएन सीरिज में 0005 नंबर के लिए पहली बार 25 मई आनलाइन नीलामी में शामिल किया गया था। तब अधिकतम 4.11 लाख बोली लगी। लेकिन निर्धारित समय दो दिन में पैसे जमा नहीं किया। जिस वजह से बोलीदाता की 25 हजार की सिक्योरिटी राशि जब्त कर ली गई।
इसके बाद छह जून को दोबारा प्रक्रिया शुरू हुई। इस बार ये नंबर 4.73 लाख में छूटा। लेकिन इस वाहन स्वामी ने भी तय समय में पैसे जमा नहीं किए। जिस पर सिक्योरिटी के 25 हजार और परिवहन विभाग के खाते में चले गए। इसके बाद तीसरी बारी में यह नंबर 40 हजार रुपये में ही छूट गया।
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