लोक सेवा आयोग की ओर से बीते वर्ष तीन दिसंबर को परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें अनारक्षित श्रेणी के कुल 31 पद थे। इनमें नौ पद महिला और एक पद अनाथ बच्चे के लिए आरक्षित था।
स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों के बैकलॉग के 250 पद लंबे समय से खाली चल रहे हैं। कई बार भर्ती के बावजूद आरक्षित पदों पर पात्र अभ्यर्थी नहीं मिल पा रहे हैं। अभी तक इन पदों को नहीं भरा जा सका है। इन पदों को भरने के लिए स्वास्थ्य महानिदेशालय एक बार फिर प्रस्ताव तैयार कर रहा है।
जल्द ही इस संदर्भ में अधियाचन चिकित्सा सेवा चयन आयोग को भेजा जाएगा और इन पदों पर भर्ती की जाएगी। उत्तराखंड में डॉक्टरों और सफाई निरीक्षकों के अलावा कई विभागों में आरक्षित पद खाली चल रहे हैं, लेकिन पात्र अभ्यर्थी नहीं मिल रहे हैं। वहीं शिक्षा विभाग में शिक्षकों के पदों पर कई बार की काउंसलिंग के बाद भी बड़ी संख्या में पद खाली हैं।
जल्द ही इस संदर्भ में अधियाचन चिकित्सा सेवा चयन आयोग को भेजा जाएगा और इन पदों पर भर्ती की जाएगी। उत्तराखंड में डॉक्टरों और सफाई निरीक्षकों के अलावा कई विभागों में आरक्षित पद खाली चल रहे हैं, लेकिन पात्र अभ्यर्थी नहीं मिल रहे हैं। वहीं शिक्षा विभाग में शिक्षकों के पदों पर कई बार की काउंसलिंग के बाद भी बड़ी संख्या में पद खाली हैं।
लोक सेवा आयोग की ओर से बीते वर्ष तीन दिसंबर को परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें अनारक्षित श्रेणी के कुल 31 पद थे। इनमें नौ पद महिला और एक पद अनाथ बच्चे के लिए आरक्षित था।
इस श्रेणी में परीक्षा में महिला के पांच और अनाथ बच्चे का अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण इन रिक्तियों को मूल अनारिक्षत श्रेणी में समायोजित कर दिया गया। इसी तरह से अनुसूचित जाति के 15 पदों में चार एससी महिला के लिए आरक्षित थे। इसमें भी तीन पात्र अभ्यर्थी नहीं मिलने से इन पदों को मूल पदों में समायोजित कर दिया गया।
वहीं, अनुसूचित जनजाति के कुल दो पदों के सापेक्ष एक भी अभ्यर्थी नहीं मिल पाया। हालांकि इन पदों को आगे बढ़ा दिया गया है। जबकि दिव्यांग श्रेणी में एक पद आरक्षित था। इसका भी पात्र अभ्यर्थी नहीं मिल पाया। इस पद को भी अगला बैकलॉग में डाल दिया गया।
बेसिक शिक्षकों के पद भरना भी बना चुनौती
शिक्षा विभाग के लिए बेसिक शिक्षकों के पद भरना भी चुनौती बना हुआ है। पिछले काफी समय से 2906 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। अब तक तीन बार काउंसलिंग हो चुकी हैं लेकिन अब तक 1500 पद ही भर पाए हैं। 27 सितंबर को 1339 पदों के लिए हुई काउंसलिंग में भी केवल 686 अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
ऐसा बहुत कम होता है कि आरक्षित श्रेणी के पदों पर आवेदन ही नहीं आएं, लेकिन कई बार आरक्षित श्रेणी के पदों पर अभ्यर्थी परीक्षा पास नहीं कर पाते हैं। ऐसी स्थिति में नियमों के मुताबिक पदों को संबंधित श्रेणी में समायोजित कर दिया जाता है। अथवा उन पदों को अगली भर्ती में शामिल किया जाता है।
गिरधारी सिंह रावत, सचिव, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग
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