उत्तराखंड निकाय चुनाव को लेकर अब तस्वीर साफ हो गई है। महापौर से लेकर वार्डों में पार्षद के पदों का आरक्षण निर्धारित हो गया है। भारतीय जनता पार्टी में सैकड़ों दावेदारों के पहले ही आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। अब जल्द ही सभी वार्डों में चुनाव प्रभारी नियुक्त कर दिए जाएंगे जो दावों की जमीनी हकीकत परखेंगे।
निकाय चुनाव को लेकर अब तस्वीर साफ हो गई है। महापौर से लेकर वार्डों में पार्षद के पदों का आरक्षण निर्धारित हो गया है। एक सप्ताह के भीतर आपत्तियां निस्तारित कर दी जाएंगी। वार्डों के आरक्षण तय होने से अब दावेदारी को लेकर भी स्थिति स्पष्ट हो गई है।
विशेषकर भाजपा में सैकड़ों दावेदारों के पहले ही आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से कुछ को भले ही आरक्षण तय होने के बाद निराशा हाथ लगी हो, लेकिन ज्यादातर अभी दावेदारी की ताल ठोक रहे हैं। अब जल्द ही सभी वार्डों में चुनाव प्रभारी नियुक्त कर दिए जाएंगे, जो दावों की जमीनी हकीकत परखेंगे।
100 वार्डों के लिए भाजपा में अब तक 800 से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा की ओर से कई मानकों पर परखने के बाद ही नाम पर विचार किया जाएगा। देहरादून नगर निगम के चुनाव को लेकर दावेदार अपने आकाओं के चक्कर काट रहे हैं और क्षेत्र में भी सक्रिय हो गए हैं।
पार्टी की ओर से भी वार्डवार सर्वे शुरू कर दिया है। हाल ही में चलाए गए प्राथमिक सदस्यता और सक्रिय सदस्यता अभियान के प्रदर्शन की भी समीक्षा की जा रही है।
वैसे तो पार्षद पद के लिए बीते करीब दो माह से दावेदार ताल ठोक रहे हैं, लेकिन अब आरक्षण की स्थिति साफ होने के बाद कई दावेदार अधिक सक्रिय हो गए हैं। पुराने आवेदनों के साथ ही नए प्राप्त हो रहे आवेदनों पर भी संगठन विचार करेगा। भाजपा महानगर की ओर से पैनल गठित कर सर्वे कराया जा रहा है। दो दिन के भीतर वार्डों में प्रभारी नियुक्त किए जा सकते हैं।
पुराने पार्षदों को भी करना होगा खुद को साबित
भाजपा में कई ऐसे दावेदार हैं जो दो से तीन बार पार्षद रह चुके हैं। इनमें से कुछ तो अब महापौर पद पर दावा कर रहे हैं, लेकिन ज्यादातर टिकट न मिलने की उम्मीद में पार्षद पद के लिए ही तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, संगठन की ओर से ऐसे दावेदारों को भी कड़े मानकों पर आंका जाएगा।
सूत्रों की मानें तो पार्टी पदाधिकारी उनकी भी धरातलीय रिपोर्ट तैयार कराने में जुटे हैं। यह भी देखा जाएगा कि बीते कुछ समय में उन्होंने संगठन के कितने कार्यक्रम अपने वार्ड में कराए और महानगर से लेकर प्रदेश कार्यालय में आयोजित बैंठकों में कितनी भागीदारी निभाई।
यही नहीं प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर के पार्टी के कार्यक्रमों में भी उनकी भूमिका का आकलन किया जा रहा है। महानगर से जानकारी मिली है कि रैली में कार्यकर्ताओं को जोड़ने में भी सक्रियता होनी जरूरी है। इसके अलावा नए चेहरों को भी अपनी क्षेत्र में पकड़ और लोकप्रियता साबित करनी होगी।
सदस्यता अभियान की सक्रियता भी होगी टिकट का मानक
बीते कुछ माह से दून में चल रहे भाजपा के प्राथमिक सदस्यता व सक्रिय सदस्यता अभियान से भी पार्षद पदों की दावेदारी परखी जाएगी। इस अभियान में सभी कार्यकर्ताओं को लक्ष्य दिए गए थे, जिसे पूरा करने में कई कार्यकर्ताओं के हाथ-पांच फूल गए। ऐसे में पार्टी पदाधिकारी इसे भी आधार बना सकते हैं। साथ ही वार्डों में सर्वे किया जा रहा है, जिसमें दावेदारों की धरातल पर सक्रियता का जायजा लिया जाएगा।
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