देहरादून।–अपनी ही सरकार के मंत्री से खफा बीजेपी विधायक ने खोला मोर्चा , मंत्री आवास के बाहर तमाम लोगो के साथ धरने पर बैठे विधायक।
-सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास का नारा देने वाली भाजपा के पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर तमाम क्षेत्रीय लोगो के साथ वन मंत्री सुबोध उनियाल के आवास पर धरना प्रदर्शन कर रहे है ..
.. प्रदर्शन कर रहे विधायक दुर्गेश्वर लाल का कहना है कि उनके क्षेत्र में तैनात डीएफओ के द्वारा तमाम बाधाये उत्पन्न की जा रही है जिसकी शिकत कई वार मंत्री से करने के बाद पार्टी फोरम पर भी अपने क्षेत्र के लोगों के साथ समस्या के समाधान का मुद्दा उठाया कल मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की ओर प्रदेश प्रभारी को भी अवगत करवा चुके हूं लेकिन मंत्री सुबोध उनियाल हमें प्रताड़ित करने पर आमादा है हमारे क्षेत्र की अनदेखी कर रहे जिसको लेकर आज भी जब हम उनसे मिले तो उन्होंने जातिसूचक शब्दो के माँ बहन की गली दी जिस कारण हमें आज अपने क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों के साथ धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है जब तक हमारी मांगे नही मानी जायेगी तब तक ये धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।
वंही विधायक के द्वारा किये जा रहे धरना प्रदर्शन पर मंत्री सुबोध उनियाल भी अपना पक्ष रखने मीडिया के सामने आए और विधायक के द्वारा लगाए जा रहे आरोपो को खारिज करते हुए मंत्री ने कहा जिस डीएफओ को हटाने के लिए विधायक के द्वारा एक पत्र दिया गया था उसपर हमारे द्वारा तत्काल पीसीसीएफ को बुलाया गया और डीएफओ के खिलाफ मिली शिकायत पर जाँच कर एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा गया जिसपर विधायक ने उस पत्र को फाड़ते हुए बाहर चले गए और झूंठे आरोप लगाने का काम कर रहे है जोकि बिल्कुल गलत है।
विधायक-मंत्री विवाद: सीएम धामी तक पहुंचा मामला, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दी हिदायत, कहा- शालीनता में रहें
भट्ट ने कहा, मैंने दोनों से बात की है। दुर्गेश्वर लाल जनप्रतिनिधि हैं। जन समस्याओं और जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाना उनकी जिम्मेदारी है।अपनी ही सरकार के वन मंत्री सुबोध उनियाल के खिलाफ भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल का धरना देना भाजपा प्रदेश नेतृत्व को नहीं सुहाया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भाजपा विधायक और वन मंत्री को शालीनता से अपनी बात रखने की हिदायत दी है। उन्होंने दोनों नेताओं से फोन पर बातचीत में ताकीद किया कि उन्हें ऐसे किसी भी विवादित आचरण से बचना चाहिए, जो मीडिया की सुर्खी बनें और विपक्ष को बेजां सवाल उठाने का बहाना मिल जाए। प्रदेश अध्यक्ष ने विधायक को तलब कर लिया है। इस बीच मुख्यमंत्री धामी तक विवाद पहुंच गया है। सूत्रों के मुताबिक, सीएम ने पार्टी के दोनों नेताओं को विवाद से बचने की सलाह दी।भट्ट ने कहा, मैंने दोनों से बात की है।
दुर्गेश्वर लाल जनप्रतिनिधि हैं। जन समस्याओं और जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाना उनकी जिम्मेदारी है। वह अपनी समस्याओं को मंत्री या अधिकारी के समक्ष उठा सकते हैं। लेकिन भाजपा एक अनुशासित पार्टी है। विधायक होने के नाते पार्टी विधायक की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है कि वह शालीनता के साथ अपनी बात रखें। अपनी सरकार के मंत्री के खिलाफ धरना देना और मीडिया में जाना उचित नहीं है।
यदि समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा है तो उसे पार्टी फोरम पर रखा जा सकता है। संगठन अनुशासन को तोड़ने की इजाजत किसी को नहीं दे सकता है, चाहे वह विधायक हों या मंत्री। दोनों नेताओं को हिदायत दे दी गई है कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। बकौल भट्ट, मैंने पार्टी विधायक को बुधवार को बुलाया है। उनका पक्ष सुना जाएगा और समाधान निकाला जाएगा।
सीएम से लिपट कर रो पड़े भाजपा विधायक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास जब पुरोला के भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल मिलने पहुंचे तो वह बेहद भावुक हो गए। वह सीएम से लिपटकर फफक-फफक रो पड़े। सीएम उन्हें बड़ी मुश्किल से संभाला और ढाढस बंधाया। उन्होंने विधायक को आश्वस्त किया कि उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा। सीएम ने कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल से भी फोन पर बात की।
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