वन्यजीवों को आबादी में आने से रोकेगी जैविक बाड़, संवेदनशील जगहों पर बाड़ बनाने का फैसला
हल्द्वानी रेंज संवेदनशील है, यहां पर पांच मीटर चौड़ी और ढाई किमी लंबी जैविक बाड़ बनाई जाएगी। इसमें बबूल, नागफनी, करौंदा, कांटेदार बांस और लैमन ग्रास लगाने की योजना है।
वन विभाग ने वन्यजीवों को आबादी में आने से रोकने के लिए संवेदनशील जगहों पर जैविक बाड़ बनाने का फैसला किया है। इसमें कांटेदार समेत अन्य प्रजातियों की वनस्पतियों को लगाया जाएगा। हर साल वन्यजीवों के हमले में कई लोगों की जान चली जाती है, वहीं फसलों को भी नुकसान पहुंचता है।
अब तक वन्यजीवों को रोकने के लिए हाथी दीवार, खाई खोदना, सोलर फैंसिंग, टेंटिकल सोलर फैंसिंग, मधमुक्खी के डिब्बों की कतार बनाने जैसे कई कार्य किए गए, लेकिन फिर भी वन्यजीवों के हमले की घटनाएं लगातार हो रही हैं। अब विभाग जैविक बाड़ का नया प्रयोग करने जा रहा है।
तराई केंद्रीय वन प्रभाग के डीएफओ यूसी तिवारी ने बताया कि उनके प्रभाग में हल्द्वानी रेंज संवेदनशील है, यहां पर पांच मीटर चौड़ी और ढाई किमी लंबी जैविक बाड़ बनाई जाएगी। इसमें बबूल, नागफनी, करौंदा, कांटेदार बांस और लैमन ग्रास लगाने की योजना है।
सभी प्रभागों के संवेदनशील स्थानों पर जैविक बाड़ लगाई जाएगी। जब तक यह तैयार नहीं होती तब तक पहले की तरह सुरक्षात्मक उपाय पहले की तरह किए जाएंगे। – रंजन मिश्रा, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव
चिड़ियाबाड़ा और क्वरंटाइन हाउस बनेगा
वन्यजीव सप्ताह के तहत देहरादून चिडि़याघर में वन मंत्री सुबोध उनियाल चिड़िया बाड़ा और क्वारंटीन हाउस का शिलान्यास करेंगे। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होगा। उत्तरा आर्ट गैलरी में फिलेटली व रेपटर फोटो प्रदर्शनी लगेगी। वहीं, वन मंत्री ने कैंप कार्यालय में वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर वन्यजीव सप्ताह के तहत होने वाले कार्यक्रमों आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की।
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