हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट स्तर पर इकाई परीक्षा व प्रोन्नति सम्बन्धी आवश्यक दिशा-निर्देशः
इकाई परीक्षा (Unit Tests)
1. शिक्षा सत्र में कुल 04 इकाई परीक्षायें ली जायेंगी, जिसमें से 02 इकाई परीक्षायें अर्द्धवार्षिक परीक्षा से पूर्व तथा 02 इकाई परीक्षायें अर्द्धवार्षिक परीक्षा के बाद सम्पादित की जायेंगी।
2. इकाई परीक्षा हेतु प्रश्नपत्र का स्वरूप एस०सी०ई०आर०टी० द्वारा मासिक परीक्षा के प्रश्नपत्रों हेतु विकसित ब्लूप्रिंट के अनुरुप होगा।
3. निम्नलिखित विवरणानुसार आयोजित की जाने वाली मासिक परीक्षा को ही इकाई परीक्षा के रूप में लिया जायेगा-
प्रोन्नति के नियम
1. हाईस्कूल स्तर (कक्षा 9 व 10) पर परीक्षार्थी को किसी भी विषय में सैद्धान्तिक तथा प्रयोगात्मक / प्रोजेक्ट / आन्तरिक मूल्यांकन भाग (जो भी लागू हो) में कुल मिलाकर 33% अंक प्राप्त करने पर उत्तीर्ण घोषित किया जायेगा, किन्तु परीक्षार्थी को विषय के प्रत्येक भाग यथा सैद्धान्तिक, प्रयोगात्मक अथवा प्रोजेक्ट और/अथवा आन्तरिक मूल्यांकन भाग (जो भी लागू हों) में अनिवार्य रूप से सम्मिलित होना होगा।
2. इण्टरमीडिएट स्तर (कक्षा 11 व 12) पर परीक्षार्थी को किसी भी विषय में सैद्धान्तिक तथा प्रयोगात्मक / प्रोजेक्ट / आन्तरिक मूल्यांकन भाग (जो भी लागू हो) में प्रत्येक में पृथक-पृथक 33% अंक प्राप्त होने पर उत्तीर्ण घोषित किया जायेगा।
3. कक्षा 9 के जो परीक्षार्थी अर्द्धवार्षिक तथा वार्षिक दोनों परीक्षाओं के योग में दो विषयों में अनुत्तीर्ण हैं, उनको अधिकतम 08 अंक का कृपांक देकर प्रोन्नत घोषित किया जायेगा। किसी विषय में नियमानुसार कृपांक तभी देय होगा जबकि उसके द्वारा सैद्धान्तिक, प्रयोगात्मक अथवा प्रोजेक्ट और/अथवा आन्तरिक मूल्यांकन (जो भी लागू हो) भाग में कुल मिलाकर 25% अंक प्राप्त किये गये हों तथा समस्त विषयों के कुल प्राप्तांकों का योग न्यूनतम 33% हो।
4. कक्षा 11 के जो परीक्षार्थी अर्द्धवार्षिक तथा वार्षिक दोनों परीक्षाओं के योग में दो विषयों में अनुत्तीर्ण हैं, उनको अधिकतम 08 अंक का कृपांक देकर प्रोन्नत घोषित किया जायेगा। किसी विषय में नियमानुसार कृपांक तभी देय होगा जबकि उसके द्वारा सैद्धान्तिक तथा प्रयोगात्मक / प्रोजेक्ट / आन्तरिक मूल्यांकन (जो भी लागू हो) भागों में प्रत्येक में पृथक-पृथक 25% अंक प्राप्त किये गये हों तथा समस्त विषयों के कुल प्राप्तांकों का योग न्यूनतम् 33% हो।
5. जिन परीक्षार्थियों ने किसी एक परीक्षा (अर्द्धवार्षिक अथवा वार्षिक) में सभी विषयों में न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक प्राप्त किये हों परन्तु अस्वस्थ होने के कारण किसी एक परीक्षा (अर्द्धवार्षिक अथवा वार्षिक) में सम्मिलित न हो सका हो तो उनका परीक्षाफल दी गयी परीक्षा (अर्द्धवार्षिक अथवा वार्षिक परीक्षा) के आधार पर घोषित किया जायेगा। ऐसे परीक्षार्थी को राजकीय चिकित्सालय के चिकित्साधिकारी का चिकित्सा प्रमाण पत्र या गैर सरकारी चिकित्सक की स्थिति में चिकित्सा प्रमाण पत्र मुख्य चिकित्सा अधीक्षक / मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित करवा कर प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। ऐसी स्थिति में उन्हें 04 अंक का कृपांक देय होगा।
6. यदि परीक्षार्थी किसी एक परीक्षा (अर्द्धवार्षिक या वार्षिक में से किसी एक परीक्षा) के सभी विषयों में सम्मिलित हुआ हो किन्तु दूसरी परीक्षा (वार्षिक या अर्द्धवार्षिक) में आंशिक रूप से सम्मिलित हुआ हो तो उसका परीक्षाफल दोनों परीक्षाओं में सम्मिलित विषयों के प्राप्ताकों तथा पूर्णांकों के आधार पर घोषित किया जायेगा। इस स्थिति में अधिकतम 04 अंकों का कृपांक देय होगा। विद्यार्थी को अनुपस्थित परीक्षाकाल के लिए राजकीय चिकित्सालय के चिकित्साधिकारी का चिकित्सा प्रमाण पत्र या गैर सरकारी चिकित्सक की स्थिति में चिकित्सा प्रमाण पत्र मुख्य चिकित्सा अधीक्षक / मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित करवा कर प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
7. अर्द्धवार्षिक तथा वार्षिक परीक्षा के अंकों को मिलाकर यदि परीक्षार्थी उत्तीर्ण नहीं होता है तो ऐसी स्थिति में परीक्षार्थी को वार्षिक परीक्षा के आधार पर कक्षोन्नति दी जायेगी। प्रतिबन्ध यह है कि परीक्षार्थी वार्षिक परीक्षा में सभी विषयों में उत्तीर्ण हो तथा उसके वार्षिक परीक्षा के प्राप्तांकों का योग न्यूनतम 40 प्रतिशत हो।
8. कक्षा में स्थान प्राप्त करने का अधिकारी वही परीक्षार्थी होगा जो अर्द्धवार्षिक तथा वार्षिक परीक्षाओं में प्रत्येक विषय के सभी भागों यथा सैद्धान्तिक, प्रयोगात्मक अथवा प्रोजेक्ट और / अथवा आन्तरिक मूल्यांकन (जो भी लागू हो) में सम्मिलित हुआ हो तथा जिसके प्रत्येक विषय में प्राप्तांकों का योग 33 प्रतिशत या अधिक हो।
9. कक्षा 9 व 10 में द्वितीय भाषा एवं अतिरिक्त विषय के रूप में ली गयी भाषा में से जिस भाषा में परीक्षार्थी को अधिक अंक प्राप्त होंगे उस भाषा को द्वितीय भाषा/ विषय मानकर परीक्षाफल तैयार किया जायेगा। इसी प्रकार सामाजिक विज्ञान एवं व्यावसायिक विषय में से जिस विषय में परीक्षार्थी को अधिक अंक प्राप्त होंगे उसे पाँचवा विषय मानकर परीक्षाफल तैयार किया जायेगा। इन विषय/विषयों का इस
प्रकार स्थानान्तरण केवल वार्षिक परीक्षाफल निर्माण के समय ही किया जायेगा, अर्द्धवार्षिक परीक्षा के परीक्षाफल निर्माण के समय कदापि नहीं।
10. परीक्षाफल निर्माण के समय यह ध्यान रखा जाय कि परीक्षार्थी के किसी भी विषय के सतत मूल्यांकन भाग के प्राप्तांकों को परीक्षाफल निर्माण में तभी जोड़ा जाय व अंकित किया जाय जबकि वह परीक्षार्थी उस विषय के सम्बन्धित भाग (आन्तरिक मूल्यांकन/प्रोजेक्ट/प्रयोगात्मक, जिसमें सतत मूल्यांकन सम्मिलित है) की परीक्षा में सम्मिलित हुआ है। यदि परीक्षार्थी सम्बन्धित भाग में अनुपस्थित रहता है तो “अनुपस्थित’ की अंकना की जायेगी, चाहे वह परीक्षार्थी इकाई परीक्षा/ओं में सम्मिलित रहा हो।
11. कक्षा 9 व 10 में अतिरिक्त विषय के अंकों को श्रेणी प्रदान करने हेतु जोड़ा नहीं जायेगा एवं अतिरिक्त विषय में उत्तीर्ण होने हेतु कृपांक भी देय नहीं होगा। केवल अतिरिक्त विषय की भाषा/व्यावसायिक विषय का क्रमशः द्वितीय भाषा/सामाजिक विज्ञान के स्थान पर स्थानान्तरण होने की स्थिति में इस अतिरिक्त विषय, जिसने अब द्वितीय भाषा/पाँचवा विषय का स्थान ग्रहण कर लिया है, नियमानुसार कृपांक देय होगा। इस प्रकार परीक्षाफल पाँच (05) मुख्य विषयों के आधार पर घोषित किया जायेगा।
12. परीक्षा तिथियों में विभाग के माध्यम से राष्ट्रीय कार्यक्रम / प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले परीक्षार्थी का परीक्षाफल सम्पूर्ण रूप से सम्मिलित परीक्षाओं (इकाई परीक्षा, अर्द्धवार्षिक या वार्षिक) के आधार पर घोषित किया जायेगा। इस सन्दर्भ में सम्भावित स्थितियां निम्नवत् हैं- (अ) अर्द्धवार्षिक परीक्षा में सम्मिलित न होने पर परीक्षाफल वार्षिक परीक्षा के आधार पर घोषित किया
जायेगा।
(ब) वार्षिक परीक्षा में सम्मिलित न होने पर परीक्षाफल अर्द्धवार्षिक परीक्षा के आधार पर घोषित किया जायेगा।
(स) अर्द्धवार्षिक परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर तथा विभाग के माध्यम से राष्ट्रीय कार्यक्रम / प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के कारण यदि परीक्षार्थी वार्षिक परीक्षा में आंशिक या पूर्ण रूप से सम्मिलित न हो सका हो तो ऐसी स्थिति में उन विषयों की परीक्षा सम्बन्धित विद्यालय द्वारा पृथक रूप से ली जायेगी जिनमें कि परीक्षार्थी सम्मिलित न हो सका हो।
व्यक्तिगत परीक्षार्थी हेतु प्रोन्नति के नियम
1. व्यक्तिगत परीक्षार्थियों को वार्षिक परीक्षा के आधार पर प्रत्येक विषय में 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर प्रोन्नति दी जायेगी। 2. जिन विषयों में प्रयोगात्मक/प्रोजेक्ट / आन्तरिक मूल्यांकन भाग है, परीक्षार्थी को प्रयोगात्मक / प्रोजेक्ट /
आन्तरिक मूल्यांकन भाग की परीक्षा अपने पंजीकरण केन्द्र में देनी होगी।
3. व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के लिए नियमानुसार अधिकतम दो विषयों में अधिकतम 08 अंक का कृपांक देय है।
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