बेसिक शिक्षक भर्ती में बाहरी डीएलएड वालों का विरोध
उत्तराखंड की बेसिक शिक्षक भर्ती में बड़ी संख्या में यूपी से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थी भी शामिल हो गए हैं। यूएसनगर, बागेश्वर समेत कुछ जिलों की मेरिट लिस्ट में जारी होने से इसका खुलासा हुआ है। राज्य के डायट से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों ने भर्ती में घपले की आशंका जताते हुए सरकार ने मेरिट लिस्ट की बारीकी से जांच कराते हुए अपात्र अभ्यर्थियों के आवेदन निरस्त करने की मांग की है।
डायट डीएलड प्रशिक्षित संगठन के मीडिया प्रभारी विजय बताते हैं कि यूपी में डीएलएड केवल यूपी का स्थायी निवासी ही कर सकता है। जो व्यक्ति यूपी से डीएलएड किया है, वो यूपी का स्थायी निवासी होगा। और, उत्तराखंड में बेसिक शिक्षक भती में वहीं शामिल हो सकता है, जो उत्तराखंड का स्थायी निवासी है।
साथ ही सेवायोजन कार्यालय में उसका नाम भी दर्ज होना चाहिए। ऐसे में यूपी से डीएलएड करने वाले भला कैसे उत्तराखंड में आवेदन कर रहे हैं? ऐसा भी हो सकता है कि उन्होंने दो दो स्थायी निवास प्रमाणपत्र बनवा लिए हों। एक यूपी में डीएलएड कर लिया और दूसरे
से उत्तराखंड में नौकरी के लिए दावा। यदि ऐसा है तो यह अपराध की श्रेणी में है। जो लोग पात्र नहीं हैं, उनके आवेदन तत्काल निरस्त किए जाने चाहिए
यह है पात्रता
संयुक्त निदेशक बेसिक रघुनाथ लाल आर्य ने बताया कि बेसिक शिक्षक सेवा नियमावली में नियुक्ति प्रक्रिया के बारे में स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं। इसके लिए एनसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थान से विधिवत रूप से डीएलएड कोर्स पूर्ण होना चाहिए। साथ में टीईटी-प्रथम उत्तीर्ण होना जरूरी है। अभ्यर्थी का राज्य में स्थायी निवासी होना अनिवार्य है। जो भी इन मानक को पूरा करता है, वह पात्र होगा।
बेसिक शिक्षक भर्ती योग्यता पूरी करने वाले अभ्यर्थियों का ही चयन किया जाएगा। पूर्व में फर्जी दस्तावेज के आधार पर नियुक्ति पाने वाले कई शिक्षकों को विभाग ने बर्खास्त भी किया है। यदि कोई गलत दस्तावेजों का उपयोग करने का दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। – बंशीधर तिवारी, डीजी-शिक्षा
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